चीन के वुहान लैब से कोरोना वायरस लीक: अमेरिकी हेल्थ सर्विस ने फंडिंग बंद की
अमेरिका ने चीन की वुहान वायरोलॉजी लैब (WIV) की फंडिंग बंद कर दी है, जिसमें कोरोना वायरस की लीक के आलोचना की गई है।
अमेरिका की हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस(HHS) ने वुहान लैब की डायरेक्टर जनरल डॉ. वांग को 10 साल के लिए फंडिंग बंद करने का फैसला लिया है।
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस की लीक वुहान की इस लैब से हुई थी, जिसके पीछे कई सबूत हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस का वुहान लैब से ही लीक होने का शक है, और यह जानकारी कोविड-19 महामारी के बारे में नई चुनौतियों को दिखा सकती है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 का वुहान लैब से ही फैला होने का सबूत मौजूद है, और ऐसी लैबों की फंडिंग बंद करने से महामारियों का खतरा कम हो सकता है।
कोविड पर अमेरिकी हाउस सेलेक्ट सबकमिटी के चैयरमेन ब्रेड वेनस्ट्रुप ने बताया कि खुफिया जानकारी से स्पष्ट होता है कि कोरोना वायरस लैब में गड़बड़ी की वजह से ही फैला।
वेनस्ट्रूप ने कहा कि वुहान लैब के खतरनाक हालात के बारे में जानकारी थी, लेकिन लैब ने सवालों का जवाब नहीं दिया और सभी शर्तों को पूरा नहीं किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने 2014 से 2021 के बीच वुहान लैब को 14 लाख डॉलर की फंडिंग प्रदान की थी.
कोरोना वायरस की शुरुआत से ही वुहान लैब से कोरोना वायरस लीक होने की कई थ्योरी आई हैं, और इस पर जांच होने की मांग हो रही है।
अमेरिकी वैज्ञानिक एंड्रू हफ के अनुसार, अमेरिका ने चीन में कोरोना वायरस बनाने के प्रोजेक्ट को फंड किया था, और यह वायरस वुहान लैब से लीक हुआ है।
हफ के मुताबिक, चीन को पहले ही पता था कि कोरोना वायरस को जेनेटिकली मॉडिफाई कर बनाया गया है, लेकिन उन्होंने इसके बारे में जागरूकी नहीं दी।
चीन ने हमेशा इस आरोप को खारिज किया है कि कोरोना वायरस उनके लैब से नहीं फैला, लेकिन यह रिपोर्ट नए सवाल उठा रही है।
कोरोना वायरस के मामलों की जांच की मांग हो रही है, और इस मुद्दे पर अब और भी गहरी छानबीन की जरूरत है।