मैच की शुरुआत में फास्ट बॉलर्स का स्विंग रोमांचक होता है, लेकिन गेंद पुरानी होने पर स्विंग भी कम हो जाता है।
स्विंग के पीछे है एयरोडायनेमिक्स
एयरोडायनेमिक्स का अर्थ है प्लेन, रॉकेट या सड़क पर दौड़ती कार।
स्विंग के पीछे है एयरोडायनेमिक्स
यानी चीजों के आसपास गुजरने वाली हवा का प्रभाव यही एयरोडायनेमिक्स फास्ट बॉल को स्विंग करता है। यह गेंद की सतह और हवा के चलते हुए होता है।
विज्ञान से पहले स्विंग क्या है और कितनी तरह की होती हैं?
स्विंग बॉलिंग हवा में चलने वाली गेंदों को कहते हैं जो पिच पर टप्पा खाने के बाद अपनी दिशा बदल देती हैं। स्विंग दो प्रकार का होता है। पहला आउट स्विंग और दूसरा इनस्विंग।
रिवर्स स्विंग
यह क्रिकेट बॉल बहुत पुरानी होती है। करीब 35 ओवर की एक बॉल से इसमें इन-स्विंग बॉलर की गेंद आउट स्विंग होती है और आउट स्विंग बॉलर की गेंद इन स्विंग होती है।
पाकिस्तानी फास्ट बॉलर सरफराज नवाज को क्रिकेट की दुनिया में रिवर्स स्विंग का जन्मदाता माना जाता है।
सरफराज नवाज ने एक स्थानीय बॉलर से ये स्विंग सीखी। इमरान खान को उन्होंने ये कला सिखाई। बाद में इसे वसीम अकरम, वकार यूनुस और दुनिया भर के कलाकारों ने इस्तेमाल किया।
बॉलर्स एक ट्रिक अपनाते हैं जब गेंद10-12 ओवर पुरानी हो जाती है। उन्हें गेंद की सतह पर पसीना आता है और उन्हें कपड़ों से रगड़ते हैं। ताकि बॉल की सतह उज्ज्वल रहे.
जब बॉलर शाइनी और रफ सतह वाली बॉल फेंकता है, तो बॉल हवा को चीरती है। हवा दोनों सतहों से कैसे गुजरती है? जब हवा एक खुरदुरी सतह से टकराती है, तो एक टर्बुलेंट फ्लो होता है। लेमिनार फ्लो एक आसान तरह से चमकदार सतह पर हवा का बहाव है।
ये प्रक्रिया हवा का रुकावट वाला बहाव और चमकदार सतह पर आसान बहाव को अलग करती हैं। खुरदुरी सतह देर में हवा छोड़ती है, जबकि शाइनी सतह जल्दी छोड़ती है।
एक बल उत्पन्न होता है जब हवा दोनों सतहों को अलग-अलग समय पर छोड़ती है। यह बल चमकदार सतह से खुरदुरी सतह की ओर लगता है, जिससे गेंद टप्पा खाकर खुरदुरी सतह की ओर मुड़ जाती है। क्रिकेट में इसे आउट स्विंग कहते हैं। बॉल इन स्विंग होती है जब खुरदुरी यानी रफ सतह उल्टी दिशा में रख दी जाए।
भारत के लिए वर्ल्ड कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं जहीर खान। जहीर खान ने 2003, 2007 और2011 में भारत के लिए वर्ल्ड कप खेले।
उनका स्कोर 23 मैचों में 44 विकेट था। 6 फीट से अधिक हाईट। बॉलिंग करते समय उन्हें मजबूत शरीर और अच्छा रनअप मिला। रनअप के आखिर में गेंदबाजी में बल भी जुड़ता था।