DGQA: गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय का 68वां स्थापना दिवस

गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (DGQA) का 68वां स्थापना दिवस

[Source: PIB News]

संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से

गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (DGQA) का 68वां स्थापना दिवस

स्थापना दिवस

  • आयोजन तिथि: 27 सितंबर 2024 DGQA ने 68वां स्थापना दिवस मनाया।
  • यह रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत कार्य करता है।
  • मुख्य उद्देश्य: रक्षा हथियारों, भंडारों और उपकरणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
  • Note: Directorate General of Quality Assurance (DGQA)

DGQA की भूमिका

  • सशस्त्र बलों को शस्त्र, गोला-बारूद, उपकरण और सामग्री की आपूर्ति करता है।
  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर विकास परियोजनाओं में सहयोग करता है।
  • संघटकों और उपकरणों की विविधता कम करने के लिए प्रलेखन, वर्गीकरण और मानकीकरण सुनिश्चित करता है।
  • भारतीय सेना के उपकरणों के लिए गुणवत्ता मानक स्थापित करना और उनका पालन सुनिश्चित करना।

DGQA की इतिहास

  • 1869 में किरकि की गोलाबारूद फैक्ट्री पर पहले निरीक्षणालय की स्थापना से DGQA की उत्पत्ति।
  • मौजूदा रूप में 1957 में स्थापित हुआ, जब मेजर जनरल प्रताप नारायण पहले महानिदेशक बने।
  • यह संगठन थल सेना, नौसेना (नौसेना आयुध को छोड़कर) और वायुसेना के उपकरणों के लिए आयातित व स्वदेशी रक्षा भंडारों की गुणवत्ता आश्वासन सुनिश्चित करता है।

DGQA की संगठनात्मक ढांचा

  • DGQA 11 तकनीकी निदेशालयों से बना है, जो विभिन्न प्रकार के उपकरणों के लिए जिम्मेदार हैं।
  • तकनीकी निदेशालय दो स्तरों पर संरचित होते हैं: नियंत्रणालय और फील्ड स्थापनाएं।
  • हथियारों और गोलाबारूद की जांच के लिए अलग जांच स्थापनाएं हैं।

पुनर्गठन और सुधार

  • “व्यापार सुगमता” और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए पुनर्गठन
  • इस पुनर्गठन का उद्देश्य गुणवत्ता आश्वासन संबंधी प्रक्रियाओं और परीक्षणों को तेज करने व निर्णय लेने के स्तरों को कम करने पर जोर
  • पुनर्गठित ढांचा सभी स्तरों पर एकल बिंदु तकनीकी सहायता प्रदान करेगा

रोकथाम आधारित प्रणाली

  • पारंपरिक निरीक्षण प्रणाली से हटकर, रोकथाम आधारित गुणवत्ता आश्वासन और जोखिम कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीन तकनीकों और कार्यप्रणालियों को लागू किया गया।

नया निदेशालय

  • रक्षा परीक्षण और मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए अलग निदेशालय की स्थापना।
  • प्रूफ रेंज और परीक्षण सुविधाओं के पारदर्शी आवंटन की प्रक्रिया।

डिजिटलीकरण और स्वचालन

  • मानकीकृत गुणवत्ता आश्वासन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण और स्वचालन से रक्षा उद्योग की DGQA के साथ संलग्नता में सुधार।
  • घरेलू निजी उद्योगों को DGQA के प्रूफ रेंज और लैब्स की सुविधाओं का उपयोग करने की सुविधा।

मॉडरनिसेशन

  • DGQA ने अपनी परीक्षण सुविधाओं को एनएबीएल शर्तों के अनुसार उन्नत किया है।
  • निजी विक्रेताओं को परीक्षण और प्रूफ सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • BIS मानकों और संयुक्त सेवा विनिर्देशों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भविष्य की चुनौतियाँ

  • विक्रेता पंजीकरण की जिम्मेदारी फिर से DGQA को सौंप दी गई है।
  • “मेक इन इंडिया” के तहत स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे नए विक्रेताओं की संख्या में वृद्धि होगी।
  • गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने और समाकृति प्रबंधन (CM) संकल्पना को अपनाने पर जोर।

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