NCOL और जैविक उत्पाद परिषद के बीच अनुबंध

NCOL और जैविक उत्पाद परिषद के बीच अनुबंध

संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से

1. NCOL और जैविक उत्पाद परिषद के बीच अनुबंध

परिचय

  • अनुबंध पर हस्ताक्षर:
    • नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL)
    • जैविक उत्पाद परिषद उत्तराखंड के बीच
  • स्थान: नई दिल्ली
  • तारीख: 30 अगस्त 2024
  • Note: NCOL-नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड

महत्वपूर्ण उपस्थिति

  • केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री: श्री अमित शाह
  • केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री: श्री कृष्ण पाल गुर्जर
  • उत्तराखंड सरकार के मंत्री: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी
  • केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव: डॉ. आशीष कुमार भूटानी

अनुबंध के मुख्य उद्देश्य

  • सहयोग और साझेदारी: NCOL और उत्तराखंड के बीच जैविक उत्पादों के विकास और प्रसार के लिए।

 जैविक खेती का महत्व और सरकारी प्रयास

  • प्रधानमंत्री का लक्ष्य
    • विशाल कृषियोग्य भूमि को जैविक खेती के लिए तैयार करना।
    • किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य।
    • ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना।
  • जैविक खेती के लाभ
    • वैश्विक बाजार में ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग।
    • किसानों की आय में वृद्धि।
    • नागरिकों का स्वास्थ्य बेहतर।
    • भूमि की गुणवत्ता में सुधार।
    • भूजल स्तर बढ़ना और पानी की बचत।
  • चुनौतियाँ और समाधान
    • पहले गुणवत्ता परीक्षण की कमी।
    • किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलना।
    • मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) की स्थापना।
    • अमूल और NCOL का प्रयोगशालाओं का नेटवर्क।
    • ऑर्गेनिक उत्पादों की विश्वसनीयता और मुनाफे का सीधा किसानों के खाते में पहुंचना।
  • NCOL और NCEL की भूमिका
    • ऑर्गेनिक उत्पादों का परीक्षण और प्रमाणीकरण।
    • मुनाफा सीधे किसानों के खाते में।
    • भारत ब्रांड का विकास और विश्वसनीयता।
    • राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) द्वारा भारत ब्रांड को वैश्विक बाजार तक पहुंचाना।
  • किसानों के लिए आह्वान
    • ऑर्गेनिक खेती में जुड़ने का आग्रह।
    • उत्तराखंड के किसानों को जैविक खेती अपनाने की प्रेरणा।
    • पूरी तरह से जैविक बनने का लक्ष्य।
  • निष्कर्ष
    • प्रधानमंत्री मोदी का भारत को ऑर्गेनिक फूड उत्पादन में अग्रणी बनाने का लक्ष्य।
    • सहकारिता के माध्यम से किसानों की आय और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार।

नेशनल को-ऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) के बारे में

पंजीकरण और प्रमोटर्स

  • पंजीकरण: मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटिज़ ऐक्ट 2002 के तहत।
  • प्रमोटर्स:
    • राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (NDDB)
    • गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (अमूल)
    • नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (नाफेड)
    • नेशनल कंज्यूमर को-ऑपरेटिव फेडरेशन (NCCF)
    • नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC)
  • मुख्यालय: आणंद, गुजरात
  • NCOL के अध्यक्ष: ‘डॉ. मीनेश सी शाह’

जैविक खेती के सिद्धांत

  1. स्वास्थ्य: मिट्टी, पौधे, जानवर, इंसान और धरती के स्वास्थ्य को बनाए रखना।
    • फ़र्टिलाइज़र, कीटनाशक, पशु दवाओं का उपयोग कम करना।
  2. इकोलॉजी: जीवंत इकोलॉजी प्रणालियों और चक्रों पर आधारित।
    • पर्यावरण की रक्षा और उससे लाभ उठाना।
  3. निष्पक्षता: उत्पादन, वितरण, और ट्रेड में निष्पक्षता सुनिश्चित करना।
  4. देखभाल: वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा।
    • निर्णय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और भागीदारी।

सदस्यता और उद्देश्य

  • उद्देश्य: जैविक किसानों और उत्पादक संगठनों को बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करना।
  • लक्ष्य: सदस्यों के सामाजिक और आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना।
  • प्रबंधन: प्रोफ़ेशनल, लोकतांत्रिक और स्वतंत्र तरीके से आर्थिक हितों की रक्षा।

2. भारत-मलेशिया पर्यटन समझौता

भारत-मलेशिया पर्यटन समझौता

समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर

  • तारीख: 20 अगस्त, 2024
  • हस्ताक्षरकर्ता:
    • भारत के पर्यटन मंत्री: गजेंद्र सिंह शेखावत
    • मलेशिया के पर्यटन मंत्री: वाई बी दातो श्री तिओंग किंग सिंग

मुख्य उद्देश्य

  • प्रचार और विपणन: पर्यटन उत्पादों और सेवाओं का प्रचार
  • अनुसंधान और विकास: पर्यटन अनुसंधान, प्रशिक्षण, विनिमय कार्यक्रम
  • निवेश प्रोत्साहन: पर्यटन अवसंरचना, सुविधाओं, उत्पादों में निवेश
  • चिकित्सा पर्यटन: सूचनाओं का आदान-प्रदान, उत्पाद प्रमोशन
  • व्यावसायिक पर्यटन: MICE (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन, प्रदर्शनियां)
  • सहयोग: टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंटों के बीच सहयोग
  • रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म: समुदाय आधारित पर्यटन, इको-पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण

मलेशिया का महत्व

  • पर्यटन केंद्र: मलेशिया भारत के लिए प्रमुख पर्यटन केंद्र
  • 2022 डेटा: ढाई लाख से अधिक मलेशियाई पर्यटक भारत आए
  • उम्मीद: समझौता ज्ञापन से भारत आने वाले मलेशियाई पर्यटकों में वृद्धि

(Source: AIR News, PIB News, DD News, BBC News, Bhaskar News ,Wikipedia, The Hindu, Indian Express)

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