एएसआई की योजना: इतिहास की खोज से इतिहास के निर्माण तक

एएसआई की योजना

एएसआई की योजना: ऐतिहासिक वस्तुओं की उपहार दुकानें स्थापित करने का उद्देश्य

  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India ,ASI) द्वारा ऐतिहासिक वस्तुओं की उपहार दुकानें स्थापित करने की योजना है।
  • इसका उद्देश्य सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों को स्मारकों के साथ मिलकर काम करने का अवसर प्रदान करना है।
  • एएसआई (ASI) का इरादा विरासत स्मारकों के प्रति रुचि पैदा करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए स्मृति चिन्हों का लाभ उठाने का है।

ईओआई(EOI): भारतीय सांस्कृतिक शिल्प का बढ़ावा

  • एएसआई ने www.eprocure.gov.in और www.asi.nic.in पर रुचि की अभिव्यक्ति (Expression of Interest ,EOI) जारी की है।
  • ईओआई  (EOI) पर 84 स्मारकों की पूरी सूची उपलब्ध है।

स्मारिका दुकानें: रुचि और मान्यता का बढ़ावा

  • एएसआई  (ASI) राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों पर उच्च गुणवत्ता वाली स्मारिका दुकानें चलाने की नीति पर विचार-विमर्श कर रहा है।
  • स्मारिका दुकानों से आगंतुकों को अपनी विरासत से जुड़ने का अनुभव मिलेगा।

रचनात्मक विचारों का मंच

  • इन स्मारिका वस्तुओं में वास्तुशिल्प टुकड़े, महत्वपूर्ण मूर्तियां, ओडीओपी का समावेश और पुरातन मूल्य की कलाकृतियों सहित स्मारका स्थकलों की अंकित की गई विशेषताओं वाली प्रतिकृतियां शामिल होंगी।
  • इसमें भारतीय संस्कृति की सीधी झलक दिखेगी।

सार्वजनिक सुविधा और ईओआई (EOI)

  • इस रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) में एएसआई का इरादा एक साधारण उपहार की दुकान से परे है।
  • ईओआई (EOI) द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है कि इच्छुक पार्टियां प्रौद्योगिकी और ऐतिहासिक तकनीकों का उपयोग करके रोमांचक पेशकशों की कल्पना करें जो क्षेत्रीय और विश्व स्तर पर प्रासंगिक हैं।
  • इसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी विरासत को बढ़ावा देने में भाग ले सकते हैं, जैसे कि शिल्पकार, कारीगर, कॉर्पोरेट समूह, बुटीक निर्माता, और स्टार्टअप।

प्रकाशन काउंटर से परे

  • सार्वजनिक सुविधा पहले एएसआई(ASI) द्वारा प्रकाशन काउंटर के रूप में प्रदान की जाती थी।
  • अब यह प्रकाशन काउंटर अधिक बहुआयामी पेशकश के रूप में विकसित होगा, जहां स्मारक को बेहतर ढंग से समझने में अकादमिक मदद के साथ एएसआई  (ASI) द्वारा स्मृति चिन्ह के दायरे को परिभाषित किया जाएगा।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India, ASI) के बारे में छोटे नोट्स:

प्रस्तावना

    • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) भारत सरकार के तहत कार्यरत संगठन है, जिसका मुख्य कार्य भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर की संरक्षण और अध्ययन है।

संस्थापना

    • ASI की स्थापना 1861 में हुई थी, जब भारत ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत था।

कार्यक्षेत्र

    • ASI का कार्यक्षेत्र पुरातात्विक स्थलों का प्रमुखत: खुदाई, प्रतिमा, स्तूप, गुफाएं, गुफा पेंटिंग्स, और अन्य सांस्कृतिक आत्मकथाएँ।

मिशन

    • ASI का मिशन भारतीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर की अध्ययन, संरक्षण, और प्रशासन है, जिसमें पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण शामिल हैं।

संरक्षण और संग्रहण

    • ASI पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा, संरक्षण, और संग्रहण के लिए कई मानकों और नीतियों का पालन करता है।

आधारभूत अनुसंधान

    • ASI पुरातात्विक स्थलों के अनुसंधान का भी अध्ययन करता है और यह बड़े पैमाने पर ऐतिहासिक ज्ञान का संग्रहण करता है।

प्रमुख पुरातात्विक स्थल

    • ASI के पास भारत के महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों की देखभाल की जिम्मेदारी है, जैसे कि ताजमहल, कोणार्क, खजुराहो, और अन्य स्थल।

प्रामाणिकता

    • ASI के कामकाज को प्रामाणिकता और नैतिकता के साथ किया जाता है, ताकि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का मान्यता हो सके।

योजनाएँ

    • ASI ने अनेक प्रोजेक्ट्स की योजनाएँ बनाई है, जिनमें स्थल की विकास, प्रदर्शन, और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

    • ASI अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पुरातात्विक अनुसंधान और संरक्षण में सहयोग करता है और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करता है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) एक महत्वपूर्ण संगठन है, जो भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा और अध्ययन में अपनी भूमिका निभाता है।

(Sources : AIR News, PIB News, DD News)

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