Chandrayaan-4 Mission: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान -4 मिशन को मंजूरी दी

Chandrayaan-4 Mission

[Source: Times of India]

संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से

Chandrayaan-4 Mission: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान -4 मिशन को मंजूरी दी

 परिचय

  • तिथि: 18 सितंबर 2024
  • स्वीकृति बजट : ₹2,104.06 करोड़
  • स्वीकृति/मंजूरी: केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • मुख्य उद्देश्य: चंद्रमा की मिट्टी और नमूनों को पृथ्वी पर लाना
  • देश: USA, रूस, चीन के बाद भारत चंद्रमा की मिट्टी लाने वाला चौथा देश बनने की कोशिश
  • मिशन विवरण:
    • मिशन प्रकार: चंद्र नमूना वापसी (लूनर सैंपल रिटर्न)
    • पांच मॉड्यूल शामिल
    • दो प्रक्षेपणों के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा
    • चंद्रमा की सतह पर उतरकर नमूने एकत्र करना, उन्हें एक निर्वात कंटेनर में संग्रहित करना, और पृथ्वी पर वापस लाना
    • डॉकिंग और अनडॉकिंग का प्रदर्शन

ISRO का नेतृत्व:

  • चंद्रयान-1 (2008),
  • चंद्रयान-2 (2019),
  • चंद्रयान-3 (2023)
  • चंद्रयान-4 का नेतृत्व

बजट एवं समय-सीमा

  • बजट: ₹2104.06 करोड़
  • समय-सीमा: 36 महीने

चंद्रयान -4 मिशन का उद्देश्य

  1. सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग: चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना
  2. नमूना संग्रहण: चंद्र सतह से नमूना एकत्र करना और कंटेनर में रखना
  3. चंद्रमा से प्रस्थान: चंद्रमा की सतह से सफलतापूर्वक प्रस्थान का प्रदर्शन
  4. डॉकिंग और अनडॉकिंग: चंद्र कक्षा में दो अंतरिक्ष यान को मिलाना और अलग करना
  5. नमूना स्थानांतरण: एक मॉड्यूल से दूसरे मॉड्यूल में नमूनों का सुरक्षित स्थानांतरण
  6. पृथ्वी पर वापसी: नमूने को पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से वापस लाना और पुन: प्रवेश का प्रदर्शन

तकनीकी विकास

  • स्वदेशी प्रौद्योगिकी: भारतीय उद्योग की मदद से इसरो द्वारा विकास
  • शामिल लागतें:
    • अंतरिक्ष यान विकास
    • LVM3 रॉकेट के 2 लॉन्च वाहन मिशन
    • बाहरी गहरे अंतरिक्ष नेटवर्क समर्थन
    • विशेष परीक्षण व डिजाइन सत्यापन
  • संबंधित विकास
    • स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पाडेक्स): वर्ष के अंत तक डॉकिंग क्षमता का प्रदर्शन करने की योजना
    • चंद्रयान-5 (LUPEX): चंद्रयान-4 के साथ ही डिज़ाइन किया जायेगा
    • सरकारी स्वीकृति: अगस्त 2024 तक अंतिम सरकारी स्वीकृति लंबित

भारत का चंद्रमा पर मानव मिशन

  • अमृत काल कार्यक्रम
    • शुक्र ग्रह मिशन(Venus Mission): योजना स्वीकृत
    • भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन: 2035 तक स्थापित करने का लक्ष्य
    • भारतीय गगनयात्री: 2040 तक चंद्रमा पर उतरना और सुरक्षित वापसी
  • नेतृत्व:
    • ISRO: प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी
    • सहयोग: शिक्षा जगत और निजी क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी व बुनियादी ढांचे का विकास करना
  • महत्व
    • भारतीय अंतरिक्ष यात्री (गगनयात्री) के चंद्रमा पर उतरने का मार्ग प्रशस्त
  • लक्ष्य
    • अंतिम लक्ष्य: 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री (गगनयात्री) को चंद्रमा पर भेजना और सुरक्षित वापस लाना

इतिहास

  • घोषणा: 17 नवंबर 2023 को SAC के निदेशक नीलेश एम देसाई ने IITM पुणे के स्थापना समारोह के दौरान मिशन का खुलासा किया
  • पुष्टि: इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने 26 फरवरी 2024 को गोवा में आयोजित नेशनल स्पेस साइंस सिंपोजियम के दौरान पुष्टि की
  • चुनौतियाँ:
    • कई प्रक्षेपण की आवश्यकता
    • पृथ्वी और चंद्रमा की कक्षा में डॉकिंग क्षमता
    • रोबोटिक संचालन
  • डिज़ाइन विकास:
    • वर्तमान रॉकेट क्षमता की सीमाओं के कारण एक नया डिज़ाइन
    • उच्च-स्तरीय तकनीक का समावेश

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बारे में

  • स्थापना: 15 अगस्त 1969 (55 वर्ष पूर्व)
  • पूर्ववर्ती एजेंसी: INCOSPAR (1962–1969)
  • प्रकार: सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी
  • अधिकार क्षेत्र: अंतरिक्ष विभाग
  • मुख्यालय: बेंगलुरू, कर्नाटक
  • अध्यक्ष: एस. सोमनाथ
  • प्रमुख अंतरिक्ष केंद्र:
    • सतीश धवन स्पेस सेंटर
    • थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन
    • कुलासेकरपट्टिनम स्पेसपोर्ट
  • स्वामी: भारत सरकार

चीन का चंद्र मिशन

  • लक्ष्य: 2030 तक चीनी अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने
  • चांग’6 मिशन: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से मिट्टी का नमूना वापसी (सफल)

अमेरिका का चंद्र मिशन (नासा)

  • आर्टेमिस मिशन: 2026 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजना
  • चंद्र स्टेशन: 2028 तक चंद्र स्टेशन बनाने की योजना

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