दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी

दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी

[Source: PIB News]

संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से

1. भारत नागरिक उड्डयन पर दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी

परिचय:

  • तिथि: 11-12 सितंबर 2024
  • स्थान: भारत मंडपम, नई दिल्ली
  • सह-मेजबानी:
    • अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO)
    • नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार
  • पहला सम्मेलन:
    • तिथि: 2018
    • स्थान: बीजिंग, चीन
  • भारत की भूमिका:
    • 2020 में दूसरे सम्मेलन की मेज़बानी के लिए स्वेच्छा
    • कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित

उद्देश्य:

  • क्षेत्रीय विमानन विकास और स्थिरता
  • भारत को MRO सेवाओं, कार्गो संचालन और क्षेत्रीय विमानन में प्रमुख केंद्र बनाना

मुख्य बिंदु:

  • भारत का दृष्टिकोण: भारतीय नागरिक उड्डयन को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना
  • क्षमता और चुनौतियाँ:
    • 2035 तक वैश्विक हवाई यातायात का 40% हिस्सा बनाना
    • 3.5 बिलियन वार्षिक यात्री
  • महत्वपूर्ण मुद्दे:
    • एयरस्पेस ऑप्टिमाइज़ेशन
    • साइबर सुरक्षा
    • नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन
    • बुनियादी ढांचे का विकास
    • बाजार अंतराल और कार्यबल की कमी

सम्मेलन में भाग लेने वाले देश:

  • भूटान, चीन, जापान, सिंगापुर सहित कई एशिया-प्रशांत देशों की भागीदारी

प्रमुख घोषणाएँ:

  • ‘दिल्ली घोषणा’ के तहत हवाई सुरक्षा, नेविगेशन और स्थिरता पर रोडमैप के रूप में काम करना

[Source: PIB News]

2. दूसरा भारत-जापान वित्त संवाद

दूसरा भारत-जापान वित्त संवाद
  • तिथि एवं स्थान: 6 सितंबर, 2024, टोक्यो
  • प्रतिनिधि:
    • जापान: अत्सुशी मिमुरा (अंतर्राष्ट्रीय मामलों के वित्त उप मंत्री)
    • भारत: अजय सेठ (आर्थिक कार्य विभाग के सचिव)
    • शामिल संगठन: भारतीय रिजर्व बैंक, SEBI, पेंशन निधि विनियामक प्राधिकरण, बीमा विनियामक प्राधिकरण, और IFSCA
  • चर्चा के मुख्य बिंदु:
    • आर्थिक स्थिति: दोनों देशों ने अपनी-अपनी व्यापक आर्थिक स्थिति पर विचार साझा किए
    • वित्तीय डिजिटलीकरण: वित्तीय डिजिटलीकरण, विनियमन, और नीतिगत पहलों पर विचार साझा किए
    • द्विपक्षीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा
    • निवेश: जापान के वित्तीय सेवा उद्योग द्वारा भारत में निवेश के विस्तार पर बात हुई
  • निष्कर्ष:
    • वित्तीय सहयोग: द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति
  • आगामी बैठक: नई दिल्ली में अगले दौर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति

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