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2023 में एम-आरएनए आधारित कोविड टीकों के वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार।

2023 में एमआरएनए आधारित कोविड टीकों के वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार।

2023 में एम-आरएनए आधारित कोविड टीकों के वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार
2023 में एम-आरएनए आधारित कोविड टीकों के वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार
  • एम-आरएनए (MRNA) आधारित कोविड टीकों के निर्माण से जुड़े वैज्ञानिकों को वर्ष 2023 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से मिलेगा।
  • चिकित्सा या शरीर विज्ञान क्षेत्र में वर्ष 2023 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से हंगरी मूल की अमरीकी प्रोफेसर कातलिन कारिको और अमरीका के प्रोफेसर डॉ. ड्रू वाइजमैन को प्रदान किया जाएगा।
  • इन दोनों वैज्ञानिकों ने एम-आरएनए तकनीक का विकास किया है, जिससे कोविड टीकों का निर्माण संभव हुआ है।
  • इस तकनीक का उपयोग वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को सशक्तिकरण करने के लिए किया जाता है।
  • इन टीकों के विकास से कोविड-19 महामारी के समय में अद्वितीय टीके बनाने का अवसर प्राप्त हुआ है, जिन्होंने लाखों लोगों को सुरक्षित किया है।
  • इसी एम-आरएनए प्रौद्योगिकी का अनुसंधान कैंसर और अन्य बीमारियों के लिए भी किया जा रहा है।
  • प्रोफेसर कारिको और प्रोफेसर वाइजमैन ने 2021 में अपने अनुसंधान के लिए विश्व प्रसिद्ध लास्कर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
  • नोबेल पुरस्कार समिति ने इन वैज्ञानिकों के योगदान को मान्यता दी है और उनका अनुसंधान मानव स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना है।

स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पाबो को 2022 का नोबेल पुरस्कार।

स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पाबो को 2022 का नोबेल पुरस्कार
स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पाबो को 2022 का नोबेल पुरस्कार
  • स्वीडन के अनुवांशिकी वैज्ञानिक स्वांते पाबो ने 2022 का नोबेल पुरस्कार शरीर और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में जीता है।
  • पाबो के शोध का मुख्य विषय है मानव विकास और विलुप्त पूर्वजों से आधुनिक मानव के बीच के संबंध।
  • पुरस्कार समिति ने उनके शोध के माध्यम से मानव की प्रतिरोधक प्रणाली और उनकी विलक्षणता के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की है।
  • पाबो ने पूर्ण नींडरथल जीनोम का क्रमबद्धण किया, जो पूर्वजों और आधुनिक मानव के बीच संबंध को स्पष्ट करने में मदद करता है।
  • पाबो का अध्ययन जर्मनी के म्युनिख विश्वविद्यालय और लिपजिग में स्थित मैक्स प्लैंक विकास मूलक मानव शास्त्र संस्थान में पूरा हुआ।
  • उनके पिता भी 1982 में चिकित्सा शास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले थे।

संक्षेप में नोबेल पुरस्कार के बारे

नोबेल पुरस्कार
  • नोबेल पुरस्कार विश्व के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक हैं। यह पुरस्कार सात कटेगरी में दिये जाते हैं – फिजिक्स, केमिस्ट्री, फिजियोलॉजी या मेडिसिन, साहित्य, शांति और सामाजिक विज्ञान।
संस्थापक
  • नोबेल पुरस्कार का संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल थे, जिन्होंने अपनी वसीयत में इन पुरस्कारों की स्थापना की थी।
मूल उद्देश्य
  • नोबेल पुरस्कार का मूल उद्देश्य उन व्यक्तियों को सम्मानित करना है जिन्होंने अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया है और मानवता के लिए उपयोगी काम किया है।
साक्षरता और शिक्षा
  • नोबेल पुरस्कार के साथ-साथ, नोबेल समर्थन कार्यक्रम भी है जो शिक्षा और साक्षरता के क्षेत्र में काम करता है।
दुनिया भर में प्रतिष्ठा
  • नोबेल पुरस्कार दुनिया भर में बड़े सम्मान का प्रतीक है और विज्ञान, कला, और शांति क्षेत्र में महान कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित करता है।

(Source : AIR News)

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Daily Hindi current affairs of 3 October 2023.

केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने खादी महोत्सव का उद्घाटन किया।

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