प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कल “विकसित भारत 2047 (Viksit Bharat 2047)” अभियान के तौर पर कल एक कार्यक्रम की शुरुआत करने का ऐलान किया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, प्रधानमंत्री युवा वर्ग से उनके विचार और सुझाव सुनना चाहते हैं।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने किया ऐलान
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.वी. आर. सुब्रमण्यम ने इस कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि यह एक बड़ा कदम है जो भारत को समृद्धि और सामरिक समृद्धि की ऊँचाइयों तक पहुँचाने की दिशा में है। इसके अंतर्गत, युवा आगे बढ़कर अपने विचार और सुझावों के माध्यम से सरकार को मदद करेंगे।
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की उपस्थिति
इस अभियान में लगभग सात सौ विश्वविद्यालयों के कुलपति और संस्थानों के प्रमुख शामिल होंगे। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है जिससे कुलपति और संस्थानों के प्रमुख सीधे तौर पर अपने विचार और उनकी राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी के माध्यम से सरकार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कर सकेंगे।
एक दिन की कार्यशाला का आयोजन
श्री सुब्रमण्यम ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रत्येक राजभवन में विकसित भारत पर एक दिन की कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को सीधे संबोधित करना है और उनके विचारों को सीधे सरकार तक पहुँचाना है।
विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण भूमिका देने की बात
श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि देश के विद्यार्थी ही विकसित भारत के सबसे बड़े वाहक होंगे। उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि विद्यार्थियों के विचारों को विकसित भारत के दृष्टिकोण में शामिल किया जाएगा ताकि सरकार सीधे उनके द्वारा प्रतिबद्ध किए जा रहे लक्ष्यों की पूर्ति कर सके।
विकसित भारत की दिशा में युवाओं के योगदान का महत्वपूर्ण है
यह अभियान भारतीय युवा श्रेणी को सीधे सरकार से जुड़कर राष्ट्रनिर्माण में अपना सकारात्मक योगदान देने का एक उत्कृष्ट मौका प्रदान करेगा। इसके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि उनके विचार और सुझाव सामरिक समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण हैं और इसी से भारत को विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान पर पहुँचाने में मदद मिलेगी।
समर्पण और सहभागिता की मांग
प्रधानमंत्री ने युवाओं से उनकी सहभागिता और समर्पण की मांग की है ताकि इस अभियान से जुड़कर वे अपने देश के भविष्य को सजग रूप से निर्माण कर सकें। इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं से यह भी कहा कि वे अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से रखें और उन्हें खुलकर साझा करें ताकि सरकार सीधे उन्हें सुन सके और उनकी मदद कर सके।
समाप्ति से पहले युवाओं का उत्साह
इस अभियान के समापन से पहले, प्रधानमंत्री ने युवाओं से उत्साह और सकारात्मकता बनाए रखने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी जताया कि सरकार इन युवाओं के विचारों को सुनेगी और उन्हें पूर्ण समर्थन प्रदान करेगी ताकि भारत 2047 तक एक शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र के रूप में उभर सके।
सारांश
इस अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय युवा श्रेणी से सीधे जुड़कर राष्ट्रनिर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी है। युवा वर्ग को सीधे सरकार से जुड़कर राष्ट्रनिर्माण में अपना सकारात्मक योगदान देने का यह मौका है जिसे हर युवा उत्साह से स्वीकार करना चाहिए। इसके माध्यम से उन्हें एक सशक्त भविष्य की दिशा में अपना योगदान देने का अद्वितीय अवसर मिलेगा।
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