GST परिषद के 52वीं बैठक
शीरे पर GST की कमी
- बैठक में गन्ना किसानों के लिए शीरे पर लगाई जाने वाली GST की दरों को 28% से कम करके 5% कर दिया गया है। यह निर्णय गन्ना किसानों को फायदा पहुँचाएगा।
- जीएसटी परिषद ने मानव उपभोग के लिए अल्कोहल युक्त शराब के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की है
आटे पर शून्य GST
- बाजरा युक्त आटा खुले में बेचे जाने पर GST शून्य पर रखी गई है, लेकिन इसे पैक करके और लेबल लगाकर बेचा जाता है तो इस पर 5% GST लगेगा।
जलापूर्ति के लिए छूट
- सरकारी निकायों को जलापूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और उन्नयन सेवाओं को छूट देने का सुझाव दिया गया है।
GST अपीलीय ट्राइब्यूनल में किए गए बदलाव
अध्यक्ष की आयु सीमा
- ट्राइब्यूनल के अध्यक्ष की अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी गई है, जो कि पहले 67 वर्ष थी।
सदस्यों की आयु सीमा
- सदस्यों की आयु सीमा को 65 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष कर दी गई है।
न्यूनतम आयु सीमा
- अध्यक्ष पद के लिए न्यूनतम आयु सीमा को 50 वर्ष रखा गया है।
अधिवक्ताओं के लिए अनुभव
- ट्राइब्यूनल में न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किए जाने वाले अधिवक्ताओं के लिए 10 वर्ष का न्यूनतम अनुभव अनिवार्य बनाया गया है।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- GST परिषद ने सरकारी निकायों को जलापूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और उन्नयन सेवाओं को छूट देने की भी सिफारिश की है।
रेलवे के लिए फॉरवर्ड चार्ज
- भारतीय रेलवे द्वारा सभी वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म के तहत कर लगाने का निर्णय लिया गया है, ताकि वे इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा सकें।
संक्षेप में “Goods and Services Tax (GST)- वस्तु और सेवा” कर के बारे में
स्थापना
- GST भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ, जिससे एक एकीकृत टैक्स सिस्टम को शुरू किया गया।
कार्यालय
- GST का कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है और इसे GST सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइस और कस्टम्स (CBEC) के तहत संचालित किया जाता है।
उद्देश्य
- GST का मुख्य उद्देश्य भारत में कई प्रकार के करों को एक समग्र टैक्स में समाहित करना है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाए जाने वाले करों की संख्या में कमी होती है और व्यवसाय को आसानी से कर सकता है।
टैक्स दरें
- GST की दरें भारत में सामान्य टैक्स (CGST – Central Goods and Services Tax) और राज्य टैक्स (SGST – State Goods and Services Tax) के रूप में दो हिस्सों में बाँटी जाती हैं, जिनका अधिकांश केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समान होता है।
- Note: टैक्स की दरें किसी वस्तु या सेवा की मूल्य पर लगती हैं, जो इसकी खरीदारी पर लागू होती है।
GST के फायदे
- GST के प्रमुख फायदे में व्यवसायों को करों के प्रशासन और अनुकूलन में सुधार, टैक्स की सिस्टम में सरलीकरण, वस्तुओं और सेवाओं की मूल्य में सुधार, और असमान करों के समान करों में बदलाव शामिल हैं।
व्यवसायी पंजीकरण
- GST के तहत सभी व्यवसायों को पंजीकृत करना आवश्यक है, जिससे उन्हें टैक्स के प्रति उनकी दायित्वों का पालन करना पड़ता है।
टैक्स दरों का समय-समय पर संशोधन
- GST की दरें समय-समय पर संशोधित की जा सकती हैं, जो वस्तुओं और सेवाओं की मूल्यों में बदलाव का कारण बन सकता है।
व्यापारिक सीमाओं का खत्म
- GST के आने से भारत में व्यापारिक सीमाओं का अंत हुआ, जिससे वस्तुओं की गतिविधियों में आसानी हुई और वस्तुओं की गति में वृद्धि हुई।
स्थापना
- GST परिषद, 2016 में GST को प्रबंधित करने और निर्धारित करों की दरें तय करने के लिए स्थापित की गई है।
सदस्यता
- GST परिषद में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं, जिनका सहमति से निर्णय लिया जाता है।
निर्णय लेने का अधिकार
- GST परिषद का मुख्य कार्य GST के नियम, निर्धारण और दरों को निर्धारित करना है, जिसमें सरकारों के वित्तमंत्री विचार और मत देते हैं।
टैक्स दरों का निर्धारण
- GST परिषद द्वारा टैक्स दरों को संशोधित और निर्धारित किया जाता है, जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होते हैं।
सरकारों की आपूर्ति के लिए छूट
- GST परिषद द्वारा राज्य सरकारों को निर्धारित सेवाओं और वस्तुओं के लिए छूट देने की अनुमति दी जाती है, जो उनके अधिकार में होती है।
समस्याओं का समाधान
- GST परिषद भारतीय अर्थव्यवस्था के टैक्स सिस्टम में आने वाली समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है और टैक्स सिस्टम को सुधारने का काम करता है।
संक्षेप में GST परिषद (GST Council) के बारे में
स्थापना
- GST परिषद, 2016 में GST को प्रबंधित करने और निर्धारित करों की दरें तय करने के लिए स्थापित की गई है।
सदस्यता
- GST परिषद में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं, जिनका सहमति से निर्णय लिया जाता है।
निर्णय लेने का अधिकार
- GST परिषद का मुख्य कार्य GST के नियम, निर्धारण और दरों को निर्धारित करना है, जिसमें सरकारों के वित्तमंत्री विचार और मत देते हैं।
टैक्स दरों का निर्धारण
- GST परिषद द्वारा टैक्स दरों को संशोधित और निर्धारित किया जाता है, जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होते हैं।
सरकारों की आपूर्ति के लिए छूट
- GST परिषद द्वारा राज्य सरकारों को निर्धारित सेवाओं और वस्तुओं के लिए छूट देने की अनुमति दी जाती है, जो उनके अधिकार में होती है।
समस्याओं का समाधान
- GST परिषद भारतीय अर्थव्यवस्था के टैक्स सिस्टम में आने वाली समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है और टैक्स सिस्टम को सुधारने का काम करता है।
(Sources : AIR News, PIB News, DD News)
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8 अक्टूबर 2023 का Hindi current affairs.
I have completed both a Diploma (College: N G P Patna-13) and a Bachelor of Technology (University: IPU Delhi) in CSE. I qualified for the Railway JE Exam and joined in 2017. Presently, I am a software engineer. I have been working in the engineering field for 7 years. Along with my job, I am also an educator, content writer, current affairs expert, and blogger. I have been working in these fields for 3 years. I dedicated myself to making learning simple and enjoyable. As a writer, I have spent 3 years crafting insightful content. With 3 years of expertise in current affairs, I provide up-to-date knowledge as well as analysis of current events from exam points of view. Additionally, I am offering personalized educational support and guidance.