OpenAI: वाशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य आधारित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन OpenAI ने भारत में होने वाले लोकसभा चुनावों के दौरान AI का इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। इसमें कंपनी ने चुनावों की निष्पक्षता और डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने का संकल्प जताया है।
चुनावी यात्रा पर AI का बैन
ऑपनएआई ने बताया कि उसने चुनावों में AI का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, क्योंकि चुनाव निष्पक्ष आधार पर होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। साल 2024 में 63 देशों में होने वाले प्रेसिडेंशियल और पार्लियामेंट्री चुनावों के चलते, इस कदम का महत्वपूर्ण होना तय है।
फेक न्यूज़ और डीपफेक्स के खिलाफ नई तकनीक
OpenAI ने यह भी घोषणा की है कि कंपनी लोगों को एक नए सेट के टूल्स प्रदान करेगी, जो डीपफेक्स वीडियोज, फोटोज, और फेक न्यूज़ को पहचानने में मदद करेंगे। इन तकनीकों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और सुरक्षित रहे।
ChatGPT का रोल
इस नई पहल के अंतर्गत, OpenAI ने बताया है कि उपभोक्ता ChatGPT के माध्यम से रियल-टाइम जानकारी हासिल कर सकेंगे। चैटबॉट अब सूचना प्राप्त करने की जगह, उसे लिंक्स के माध्यम से स्रोतों की सहायता से आपत्तिजनक या विवादास्पद जानकारी को चुनने में मदद करेगा। यह उपयोगकर्ताओं को विश्वसनीयता और सत्यपन की मानक स्थापित करने का एक नया तरीका प्रदान करेगा।
मीडिया संबंध
OpenAI ने बताया है कि वह कई मीडिया संस्थानों, जैसे कि CNN, Fox न्यूज़, टाइम, और ब्लूमबर्ग समेत, के साथ चैट कर रही है, ताकि उनके साथ मिलकर यह नई पहल सफलता प्राप्त कर सके। कंपनी ने पहले ही एक्सेल स्प्रिंगर SE और एसोसिएट प्रेस के साथ समझौता किया है, जिससे उसकी योजना को अधिक विस्तारित करने में मदद मिलेगी।
AI सेफ्टी समिट में बातचीत
कंपनी ने यह भी कहा है कि वह एक नए टूल का अनावरण कर रही है, जिससे AI से जेनरेट की जानेवाली तस्वीरों की पहचान में मदद की जा सकेगी। यह नया तकनीकी कदम उन्हें वाद-विवाद और सुरक्षा मामलों में अग्रणी बनाए रखने का लक्ष्य रखता है।
विश्व स्तरीय AI सुरक्षा समिट
यह नई पहल को लेकर OpenAI ने बताया कि इसका समर्थन करने के लिए उसने पहले ही एक्सेल स्प्रिंगर SE और एसोसिएट प्रेस के साथ समझौता किया है। इसमें इसे 1 नवंबर 2023 को यूनाइटेड किंगडम ने होस्ट की गई AI सेफ्टी समिट की यात्रा का भी स्मरण रखते हुए बताया गया है, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, भारत, और यूरोपीय संघ सहित 29 देशों ने एक डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर किए थे।
विशेषज्ञों का कहना
एक्सपर्ट्स का मानना है कि AI ने हमें नए सुरक्षा कंसेप्ट्स के साथ पहुंचा रखा है, जो व्यावसायिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
OpenAI की इस पहल से साफ है कि वह नई तकनीकों की मदद से चुनावों को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाए रखने का लक्ष्य रख रही है, ताकि लोगों को विश्वास हो सके कि उनकी मताएँ सुरक्षित हैं और चुनौतीपूर्ण समयों में भी वे सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस सुरक्षा और टेक्नोलॉजी की दिशा में उच्च रूप से प्रशंसा की जा रही पहल ने चुनावी प्रक्रिया में नए और सुरक्षित मानकों की स्थापना करने के लिए एक उदार योजना का संकेत किया है, जिससे समाज को विश्वास में होने का संज्ञान मिलता है। आगे चलकर यह पहल विश्वभर में चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास बढ़ाने में सफल हो सकती है।
FAQs:
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OpenAI ने भारतीय चुनावों में AI का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध क्यों लगाया है?
उत्तर: OpenAI ने भारतीय चुनावों में AI का इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है क्योंकि उनका मानना है कि चुनावों को निष्पक्ष बनाए रखना और डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।
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OpenAI ने कैसे फेक न्यूज़ और डीपफेक्स के खिलाफ नई तकनीकियाँ लाने का ऐलान किया है?
उत्तर: OpenAI ने घोषणा की है कि वे लोगों को एक नए सेट के टूल्स प्रदान करेंगे, जो डीपफेक्स वीडियोज, फोटोज, और फेक न्यूज़ को पहचानने में मदद करेंगे।
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ChatGPT का क्या रोल होगा इस नई पहल में?
उत्तर: ChatGPT का रोल यह होगा कि उपभोक्ताओं को रियल-टाइम जानकारी हासिल करने में मदद करेगा, और स्रोतों की सहायता से आपत्तिजनक या विवादास्पद जानकारी को चुनने में मदद करेगा।
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OpenAI किस मीडिया संस्थानों के साथ चैट कर रहा है?
उत्तर: OpenAI कई मीडिया संस्थानों, जैसे कि CNN, Fox न्यूज़, टाइम, और ब्लूमबर्ग समेत, के साथ चैट कर रहा है, ताकि यह नई पहल सफलता प्राप्त कर सके।
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OpenAI की इस नई पहल का क्या लक्ष्य है?
उत्तर: OpenAI की इस नई पहल का लक्ष्य है नई तकनीकों की मदद से चुनावों को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाए रखना, ताकि लोगों को विश्वास हो सके कि उनकी मताएँ सुरक्षित हैं।
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AI सुरक्षा समिट कब और कहां हुआ था, और इसमें कौन-कौन शामिल थे?
उत्तर: AI सुरक्षा समिट 1 नवंबर 2023 को यूनाइटेड किंगडम में होस्ट किया गया था, जिसमें अमेरिका, चीन, जापान, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, भारत, और यूरोपीय संघ सहित 29 देशों ने एक डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर किए थे।
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