आर्थिक और सैन्य तकनीकी में सहयोग: भारत-रूस का नया अध्याय

आर्थिक और सैन्य तकनीकी में सहयोग

आर्थिक और सैन्य तकनीकी में सहयोग: भारतीय और रूसी नेताओं के बीच सशक्त संबंधों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ते हुए, भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ एक मुलाकात के दौरान आर्थिक, सैन्य तकनीकी सहयोग सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का मसौदा हस्ताक्षर किया है।

विदेश मंत्री की मुलाकात से उजागर हुए महत्वपूर्ण विषय:

डॉ. जयशंकर ने रूस यात्रा के दौरान व्लादिमिर पुतिन से मिलकर अनेक मुद्दों पर चर्चा की। उनके सोशल मीडिया पोस्ट में यह खुशी जताई गई कि श्री पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं दी और उनके लिए एक निजी संदेश भी सौंपा। इसके अलावा, उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ और उप-प्रधानमंत्री डेनिस मोन्तुरोफ के साथ भी चर्चा की और रूसी राष्ट्रपति को दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मार्ग-दर्शन की प्रशंसा की।

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बैठक में हुए महत्वपूर्ण समझौते:

दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में आर्थिक सहयोग, ऊर्जा व्यापार, सैन्य-तकनीकी सहयोग, और लोगों की आवाजाही में प्रगति को लेकर अगले चार वर्षों की रूपरेखा के एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए गए। इसके साथ ही, एक संवाददाता सम्मेलन में डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत और स्थिर हैं, जो रणनीतिक साझेदारी की जिम्मेदारी पर खरे उतर रहे हैं।

चर्चा के मुद्दे:

कल, मास्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ से हुई मुलाकात में, डॉ. जयशंकर ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र, यूक्रेन, और इस्राइल-गजा संघर्ष सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इससे साफ होता है कि दोनों देश ग्लोबल मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

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सहयोग की दिशा में नए कदम:

डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों ने सहयोग की दिशा में नए कदम उठाए हैं जो आर्थिक, सैन्य तकनीकी, और अन्य क्षेत्रों में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत और रूस ने एक नए साझेदारी का आरंभ किया है जो दोनों देशों के लिए सामरिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास में सहायक होगा।

इस महत्वपूर्ण मुलाकात ने भारत और रूस के बीच आगे बढ़ते सहयोग की नींव रखी है और इसे आने वाले चार वर्षों में और बल प्रदान करेगी। इसके फलस्वरूप, दोनों देश ग्लोबल मामलों में एक सकारात्मक योगदान देने के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे और साझेदारी को मजबूती और स्थिरता के साथ आगे बढ़ाएंगे।

इस समाचार की जानकारी के स्रोत: [AIR News]

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FAQs:

Q1: भारत और रूस के बीच हाल ही में हुई महत्वपूर्ण मुलाकात के बारे में संक्षेप कीजिए।

उत्तर: हाल ही में, भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने रूस यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ महत्वपूर्ण मुलाकात की, जिसमें आर्थिक और सैन्य तकनीकी सहयोग सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का मसौदा हस्ताक्षर किया गया।

Q2: इस महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान कौन-कौन से मुद्दे चर्चा हुए और क्या महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए?

उत्तर: मुलाकात में भारतीय और रूसी नेताओं ने आर्थिक सहयोग, ऊर्जा व्यापार, सैन्य-तकनीकी सहयोग, और लोगों की आवाजाही में प्रगति को लेकर चर्चा की, और इसके परिणामस्वरूप अगले चार वर्षों की रूपरेखा के एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए गए।

Q3: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस यात्रा के दौरान रूसी नेताओं के साथ कौन-कौन से महत्वपूर्ण संवादों में शामिल हुए?

उत्तर: डॉ. जयशंकर ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ मुलाकात के अलावा, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ और उप-प्रधानमंत्री डेनिस मोन्तुरोफ के साथ भी चर्चा की, जिसमें दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मार्ग-दर्शन की प्रशंसा की गई।

Q4: कैसे इस मुलाकात ने भारत और रूस के बीच सहयोग की नींव रखी है और आने वाले चार वर्षों में कैसे सक्रिय रूप से काम करेगी?

उत्तर: इस महत्वपूर्ण मुलाकात ने भारत और रूस के बीच सहयोग की नींव रखी है और दोनों देश ने आर्थिक, सैन्य तकनीकी, और अन्य क्षेत्रों में विकास के लिए नए कदम उठाए हैं। इससे साफ होता है कि यह साझेदारी आने वाले चार वर्षों में और भी मजबूत होकर दोनों देशों के बीच सामरिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विकास में सहायक होगी।

 

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