[Source: PIB News]
संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से
1. रक्षा मंत्री द्वारा जयपुर में सैनिक स्कूल का उद्घाटन
परिचय
- तारीख: 23 सितंबर 2024
- स्थान: जयपुर, राजस्थान
- उद्घाटनकर्ता: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह
- शिक्षा मॉडल: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP)
- कुल स्कूल: 100 नए सैनिक स्कूल (45 मंजूर, 40 में पढ़ाई शुरू)
- उद्देश्य: देशभक्त युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए मार्गदर्शन देना
सैनिक स्कूल के लाभ
- युवाओं के समग्र विकास के लिए उचित शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करना
- अनुशासन, देशभक्ति और साहस का पाठ पढ़ाना
- शिक्षा को राष्ट्र के विकास में सबसे अहम भूमिका
- सैनिक स्कूलों द्वारा शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करने के प्रयास
- छात्रों का सर्वांगीण विकास, राष्ट्र की प्रगति के लिए प्रेरित करना
सरकार का दृष्टिकोण
- 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का सरकारी योजना
- 45 स्कूलों को मंजूरी, जिनमें से 40 में पढ़ाई शुरू
- जयपुर का सैनिक स्कूल इनमें से एक है
रक्षा मंत्री का संबोधन
- यह स्कूल देश के युवा पीढ़ी के लिए वरदान साबित होगा
- महत्वपूर्ण हस्तियां:
- राजस्थान के शूरवीर नायक: महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, महाराज सूरजमल जैसे नायकों से प्रेरणा
- थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी (सैनिक स्कूल रीवा के पूर्व विद्यार्थी)
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी:
- निजी और सार्वजनिक क्षेत्र का सहयोग, सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए
- आर्थिक विकास में निजी क्षेत्र का योगदान
नए सैनिक स्कूलों की स्थापना
- 100 नए सैनिक स्कूल मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों के अलावा
- नए स्कूल सैनिक स्कूल सोसायटी के तत्वावधान में चलेंगे
- पाठ्यक्रम में मूल्य-आधारित पहल: महिला-पुरुष समानता, पर्यावरण संरक्षण, कौशल-आधारित प्रशिक्षण
अकादमिक प्लस पाठ्यक्रम
- मूल्य-आधारित शिक्षा,
- कौशल-आधारित प्रशिक्षण
- महिला-पुरुष समानता
- पर्यावरण संरक्षण
- NCC,
- सामुदायिक सेवा,
- शारीरिक प्रशिक्षण
सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
- सितंबर 2023 में, भवानी निकेतन पब्लिक स्कूल, जयपुर में नया सैनिक स्कूल खोलने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये थे
उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित
- उपमुख्यमंत्री: दीया कुमारी
- खेल मंत्री: कर्नल राज्यवर्धन राठौर (सेवानिवृत्त)
श्री भवानी निकेतन पब्लिक स्कूल के बारे में
- स्थापना: 1998
- संबद्धता: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE)
- शैक्षणिक कार्यक्रम:
- कक्षा 12वीं के लिए संबद्धता: 2009-10 शैक्षणिक सत्र से
- उपलब्ध संकाय: विज्ञान और वाणिज्य
- इंफ्रास्ट्रक्चर:
- स्कूल में प्रति कक्षा 4 से 5 सेक्शन हैं
- पाठ्यक्रम एवं मूल्यांकन:
- CBSE के मानकों, सिलेबस, और परीक्षा/मूल्यांकन योजनाओं का पालन
- सतत और व्यापक मूल्यांकन (CCE) प्रक्रियाओं का कार्यान्वयन
- शैक्षिक उद्देश्य:
- छात्रों को सार्थक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा प्रदान करना
- छात्रों की ज्ञान क्षमता को विकसित करने और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने का उद्देश्य
[Source: PIB News]
2. CERT-IN और SISA द्वारा AI सुरक्षा प्रमाणन कार्यक्रम का शुभारंभ
परिचय
- तिथि: 23 सितंबर 2024
- स्थान: SISA मुख्यालय, बेंगलुरु
- सहयोगी संस्थान: CERT-IN (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल) और SISA (फोरेंसिक संचालित साइबर सुरक्षा)
- प्रमाणन: ANAB-मान्यता प्राप्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुरक्षा प्रमाणन (CSPAI) कार्यक्रम
उद्देश्य
- कौशल विकास: सुरक्षा पेशेवरों को AI को व्यावसायिक अनुप्रयोगों में सुरक्षित रूप से एकीकृत करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना
- सुरक्षा प्रशिक्षण: AI प्रणालियों की सुरक्षा के लिए व्यापक विशेषज्ञता और नई सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण
महत्व
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी(PPP): AI सुरक्षा में सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर
- साइबर सुरक्षा पर ध्यान: साइबर नालंदा पहल और एआई सुरक्षा प्रमाणन कार्यक्रम का संयोजन
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-IN) के बारे में
- स्थापना: 19 जनवरी 2004
- मुख्यालय: नई दिल्ली, भारत
- महानिदेशक: डॉ. संजय बहल
- संस्थापक: भारतीय सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत
- स्थापना: सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 70B के तहत
- मोटो: साइबर सुरक्षा घटनाओं का प्रबंधन
- मुख्य कार्य
- भारत में साइबर सुरक्षा घटनाओं के प्रबंधन और प्रतिक्रिया के लिए राष्ट्रीय / नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है
- भारतीय इंटरनेट डोमेन के सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाती है
- विभिन्न साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करती है
- 24×7 घटना प्रतिक्रिया हेल्प डेस्क
- सुरक्षा गुणवत्ता प्रबंधन सेवाएँ
- उद्देश्य
- भारत में साइबर सुरक्षा लचीलापन बढ़ाना और साइबर घटनाओं का प्रबंधन करना
- भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करना
फोरेंसिक संचालित साइबर सुरक्षा (SISA) के बारे में
- संस्थापक: वैश्विक फोरेंसिक-संचालित साइबर सुरक्षा समाधान कंपनी
- मुख्य कार्य:
- डिजिटल भुगतान उद्योग के लिए साइबर सुरक्षा समाधान
- निवारक, जासूसी और सुधारात्मक साइबर सुरक्षा समाधान
- ग्राहक आधार: 40+ देशों में 2,000+ ग्राहक
- दृष्टिकोण: समस्या-प्रथम और मानव-केंद्रित
- फोरेंसिक इंटेलिजेंस और उन्नत तकनीक का उपयोग
[Source: PIB News]
3. कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया टीम – पावर (CSIRT-पावर) सुविधा का उद्घाटन
परिचय
- तारीख: 23 सितंबर 2024
- उद्घाटनकर्ता: केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा
- स्थान: उत्तरी क्षेत्रीय विद्युत समिति, नई दिल्ली
- उद्देश्य: बिजली बुनियादी ढांचे की साइबर सुरक्षा को मजबूत करना
- CSIRT-पावर: बिजली क्षेत्र को साइबर खतरों से बचाने के लिए एक सुरक्षा किला
साइबर खतरों के प्रति चिंताएं और चुनौतियां
- साइबर हमले बढ़ती चिंता का विषय हैं और महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं।
- बिजली क्षेत्र, जो राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा है, साइबर हमलों का प्राथमिक लक्ष्य हो सकता है।
- मौजूदा उप-क्षेत्रीय CERT(कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम) के पास साइबर सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन और कानूनी अधिकारों की कमी है।
उपाय और पहल
- विद्युत मंत्रालय ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 के अनुपालन में CSIRT -पावर की स्थापना की।
- CSIRT-पावर 100-दिवसीय पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उन्नत साइबर सुरक्षा उपकरणों और संसाधनों के साथ बिजली क्षेत्र की साइबर सुरक्षा को मजबूत करना है।
- एक समर्पित टीम घटना प्रतिक्रिया, साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और लचीलापन बढ़ाने के उपायों को लागू करेगी।
CSIRT-पावर के प्राथमिक उद्देश्य
- बिजली क्षेत्र में साइबर सुरक्षा घटनाओं की रोकथाम और समन्वित प्रतिक्रिया प्रदान करने वाली एजेंसी के रूप में कार्य करना।
- बिजली क्षेत्र में साइबर खतरों के प्रति शीघ्र और समन्वित प्रतिक्रिया देना।
- बिजली क्षेत्र-विशिष्ट साइबर खतरों के बारे में जानकारी एकत्र करना, विश्लेषण करना और संबंधित हितधारकों के साथ साझा करना।
- साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने और बिजली क्षेत्र की समग्र साइबर सुरक्षा स्थिति को सुधारने के लिए सक्रिय उपाय लागू करना।
- बिजली क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं, SOPs, और सुरक्षा नीतियों को बढ़ावा देना।
- बिजली क्षेत्र की उपयोगिताओं को साइबर सुरक्षा विशेषज्ञता और सहायता उपलब्ध कराना।
- प्रशिक्षण, मानकों का विकास, घटना प्रतिक्रिया अभ्यास, और शैक्षणिक संस्थानों एवं उद्योग के साथ सहयोग जैसे उपायों से साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देना।
- बिजली क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने और साइबर सुरक्षा प्रयासों को मजबूत करने के लिए हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना।
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