[Source: The Hindu]
संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से
वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी
परिचय
- तारीख: 18 सितंबर 2024
- बिल पेश करने का समय: शीतकालीन सत्र
पृष्ठभूमि
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वन नेशन वन इलेक्शन का वादा किया था.
- चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई-कार्ड तैयार करेगा.
समिति की रिपोर्ट
- अध्यक्ष: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
- रिपोर्ट की तारीख: 14 मार्च 2024
- रिपोर्ट सौंपी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को
- रिपोर्ट की मात्रा: 18,626 पन्ने
- रिसर्च अवधि: 191 दिन
- पहली बैठक: 23 सितंबर 2023, दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में
समिति के सुझाव
- सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
- हंग असेंबली या नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर नए चुनाव कराए जा सकते हैं।
- पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव।
- चुनाव आयोग एकल वोटर लिस्ट और वोटर आई-कार्ड तैयार करेगा।
- एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति, और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की जाएगी।
7 देशों की चुनाव प्रक्रिया पर रिसर्च
- स्टडी की गई देश
- स्वीडन
- बेल्जियम
- जापान
- जर्मनी
- फिलीपींस
- इंडोनेशिया
- दक्षिण अफ्रीका
- रिसर्च का उद्देश्य
- निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं का अध्ययन और उन्हें अपनाना
- विभिन्न देशों की चुनाव प्रक्रियाएँ
- दक्षिण अफ्रीका:
- वोटर नेशनल असेंबली और प्रॉविन्शियल लेजिस्लेचर के लिए एक साथ वोट करते हैं।
- नगरपालिका चुनाव प्रांतीय चुनाव से अलग होते हैं।
- जर्मनी / जापान:
- डॉ. सुभाष कश्यप ने जर्मन मॉडल (बुंडेस्टाग द्वारा चांसलर की नियुक्ति) और जापान के मॉडल (नेशनल डाइट द्वारा प्रधानमंत्री की नियुक्ति) का समर्थन किया।
- स्वीडन:
- आनुपातिक चुनावी प्रणाली अपनाते हैं।
- संसद, काउंटी, और नगर परिषदों के लिए चुनाव एक ही समय में होते हैं।
- इंडोनेशिया:
- 2019 से एकसाथ चुनाव करा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एक ही दिन चुने जाते हैं।
- मतदाता गुप्त मतदान करते हैं और डुप्लिकेट मतदान से बचने के लिए अपनी उंगलियों को अमिट स्याही में डुबोते हैं।
- दक्षिण अफ्रीका:
नोट:
- 14 फरवरी 2024 को इंडोनेशिया में एक साथ चुनाव कराए गए, जिसमें लगभग 200 मिलियन लोगों ने वोटिंग की। इसे दुनिया का सबसे बड़ा एक दिवसीय चुनाव कहा गया।
समिति का गठन के बारे में
- तारीख: 23 सितंबर 2023
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- सचिव जनरल: डॉ. नितिन चंद्र
- समिति के अध्यक्ष: रामनाथ कोविंद
- मातृ संगठन: भारत सरकार
- उद्देश्य:
- चुनावों के समकालिकरण के लिए ढांचे का सुझाव देना
- और यदि सभी चुनाव एक साथ नहीं हो सकते हैं तो चरणों और समय सीमा का सुझाव देना
- संविधान और अन्य कानूनों में संशोधन के सुझाव देना
- समिति के 8 सदस्य
- पूर्व राष्ट्रपति: रामनाथ कोविंद (अध्यक्ष)
- वकील: हरीश साल्वे (वरिष्ठ अधिवक्ता)
- नेता:
- अमित शाह (गृह मंत्री, बीजेपी)
- अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस नेता)
- गुलाम नबी (डीपीए पार्टी)
- पूर्व अफसर:
- एनके सिंह (15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष)
- डॉ. सुभाष कश्यप (लोकसभा के पूर्व महासचिव)
- संजय कोठारी (पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त)
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