[Source: PIB News]
संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से
1. श्वेत क्रांति-2.0 की शुरुआत
परिचय
- तारीख: 19 सितंबर 2024
- पहल का नाम: श्वेत क्रांति-2.0
- उद्घाटनकर्ता: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह
श्वेत क्रांति-2.0 का उद्देश्य:
- महिला किसानों का सशक्तिकरण करना
- रोजगार के अवसर सृजित करना
प्रमुख फोकस क्षेत्र:
- महिला किसानों को सशक्त बनाना
- स्थानीय दूध उत्पादन में वृद्धि करना
- डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
- डेयरी निर्यात को बढ़ावा देना
कार्यक्रम की विशेषताएँ:
- मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में शुरू की गई प्रमुख पहल
- RuPay किसान क्रेडिट कार्ड और माइक्रो-एटीएम की शुरुआत
- बैंकिंग लेनदेन के लिए बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम से सीधा जुड़ाव
- 67,930 PACS (प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) का कम्प्यूटरीकरण
माइक्रो-एटीएम:
- संशोधित प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीन, फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ
श्वेत क्रांति (1970)
- नेतृत्व: डॉ. वर्गीज कुरियन
- दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम
- ‘ऑपरेशन फ्लड’ के नाम से प्रसिद्ध
- भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बनाया
2. भारत का तीसरा स्वदेशी प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (RPP-7)
- स्थल: रावतभाटा, चित्तौड़गढ़, राजस्थान
- सक्रिय होने की तारीख: 19 सितंबर 2024
- जानकारी: भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) ने दी
- महत्वपूर्ण तथ्य:
- RPP-7 में नियंत्रित नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया की शुरुआत
- परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा क्रिटिकल होने के लिए मंजूरी
- रिएक्टर विशेषताएँ:
- 700 मेगावाट क्षमता
- 16 स्वदेशी प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टरों (PHWR) की श्रृंखला का तीसरा रिएक्टर
- स्थापित: राष्ट्रीय परमाणु प्रतिष्ठान द्वारा
- पहले दो स्वदेशी प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टरों (PHWR):
- काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन की यूनिट 3 और 4 (गुजरात)
- क्रिटिकल होने की तारीख: 2020 और 2023
- उत्पादन योजना:
- RPP-7 का उत्पादन इस साल शुरू होने की उम्मीद
- RPP-8 का उत्पादन अगले साल शुरू होगा
- कुल क्षमता:
- वर्तमान में 24 रिएक्टरों का संचालन: 8,180 मेगावाट
- निर्माणाधीन: 8 यूनिट, कुल क्षमता 6,800 मेगावाट
न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के बारे में
- कंपनी प्रकार: सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम
- उद्योग: परमाणु ऊर्जा, विद्युत उत्पादन
- स्थापना: सितंबर 1987 (37 वर्ष पूर्व)
- मुख्यालय: मुंबई, भारत
- प्रमुख लोग:
- अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: एस. के. शर्मा
- मालिक: भारत सरकार (100%)
परमाणु ऊर्जा विभाग के बारे में
- स्थापना: 3 अगस्त 1954 (70 वर्ष पूर्व), राष्ट्रपति के आदेश द्वारा
- मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
- उत्तरदायी मंत्री:
- नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री
- डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्य मंत्री (प्रधानमंत्री कार्यालय)
- एजेंसी कार्यपालक:
- डॉ. के.एन. व्यास, सचिव (परमाणु ऊर्जा) और अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग
- मुख्य कार्य:
- नाभिकीय विद्युत ऊर्जा की प्रौद्योगिकी का विकास
- विकिरण प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग (कृषि, चिकित्सा, उद्योग, मूलभूत अनुसंधान आदि)
- मूलभूत अनुसंधान में संलग्नता
3. फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (FSNL) की बिक्री
परिचय
- बिक्री मूल्य: 320 करोड़ रुपये
- खरीदार: कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड, जापान
- तारीख: 19 सितंबर 2024
- मैनेजमेंट कंट्रोल: कोनोइक ट्रांसपोर्ट के पास जाएगा
फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (FSNL) कंपनी
- स्थापना: 1979, केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के तहत MSTC लिमिटेड की सहायक कंपनी
- मुख्यालय: भिलाई, छत्तीसगढ़
- विशेषज्ञता: इस्पात संयंत्रों में उत्पन्न स्लैग और कचरे से स्क्रैप की रिकवरी और रिसाइक्लिंग
- 2016: केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने रणनीतिक निवेश के लिए दो चरण की नीलामी प्रक्रिया की मंजूरी दी
MSTC लिमिटेड के बारे में
- प्रकार: सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, मिनी रत्न श्रेणी-I PSU
- प्रशासनिक नियंत्रण: भारत सरकार का इस्पात मंत्रालय
- स्थापना तिथि: 9 सितंबर 1964
- आरंभिक निवेश: 6 लाख रुपये
- उद्देश्य: लौह स्क्रैप के निर्यात के लिए विनियमन प्राधिकरण के रूप में स्थापित किया गया
- सहयोग: भारत सरकार, स्टील आर्क फर्नेस एसोसिएशन के सदस्य और ISSAI के सदस्यों द्वारा निवेश किया गया
- विनिवेश लक्ष्य: वित्त वर्ष 2024-25 में 50,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा गया
- MSTC लिमिटेड की इतिहास:
- 1974: स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया की सहायक इकाई बनी
- 1982: सेल से अलग हुई
- 1992: लौह स्क्रैप का आयात करने वाली प्रमुख एजेंसी
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