लंपी गाय-भैंसों में ज्यादातर लम्पी वायरस (Lumpy Virus)से होती है, जो त्वचा रोग पैदा करता है। यह बीमारी वीषाणु से फैलती है।
- लम्पी वायरस कैसे फैलता है? (Lumpy Virus kaise phailata hai?)
- लम्पी वायरस के लक्षण क्या है?( Lumpy Virus ke lakshan kya hai?)
- लंपी वायरस से बचाव व उपचार कैसे करें?( Lumpy Virus se bachaav va upachaar kaise karen?)
- लंपी वायरस से गाय को कैसे बचाएं?( Lumpy Virus se gaay ko kaise bachaen?)
- लंपी वायरस ऐसे नहीं फैलती( Lumpy Virus aise nahin phailatee) –
- लंपी वायरस दूध देने वाली गांयों में सबसे पहले फैलती है(Lumpy Virus doodh dene vaalee gaanyon mein sabase pahale phailatee hai)-
- लंपी वायरस कितने दिन में ठीक होता है?( Lumpy Virus kitane din mein theek hota hai?)
- क्या लम्पी वायरस इंसानों में होता है?( kya lumpy Virus insaanon mein hota hai?)
- लंपी वायरस का इलाज कैसे करें?( Lumpy Virus ka ilaaj kaise karen?)
- क्या गांठदार वायरस का कोई इलाज है?( kya gaanthadaar virus ka koee ilaaj hai?)
- क्या गाय के दूध में होता है लंपी वायरस का असर ?( kya gaay ke doodh mein hota hai lampee vaayaras ka asar ?)
लम्पी वायरस कैसे फैलता है? (Lumpy Virus kaise phailata hai?)
- यह किलनी, मच्छरों की कुछ प्रजातियों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से फैलता है।
- यह एक गाय से इंजेक्शन की हुई सूई को दूसरी गाय से लेने से भी होता है।
- लंपी वर्षा के दिनों में वायरस महामारी का रूप लेता है, क्योंकि हवा में नमी और गर्मी बीमारी को फैलाने वाले मक्खी मच्छर का जन्म होता है।
लम्पी वायरस के लक्षण क्या है?( Lumpy Virus ke lakshan kya hai?)

- लंपी वायरस से संक्रमित पशु को हल्का बुखार होता है।
- आंखों और नाक से पानी बहता है और मुंह से लार अधिक निकलती है। पशुओं के पैरों और लिंफ नोड्स में सूजन होती रहती है।
- संक्रमित पशु का दूध उत्पादन कम हो जाता है।
- गर्भित पशु गर्भपात और कभी-कभी मर जाते हैं।
- पशु की त्वचा पर व्यापक रूप से 02 से 05 सेमी आकार की कठोर गठानें बनती हैं।
लंपी वायरस से बचाव व उपचार कैसे करें?( Lumpy Virus se bachaav va upachaar kaise karen?)

- संक्रमित पशु को स्वस्थ पशुओं के झुंड से दूर रखें ताकि संक्रमण न फैल जाए।
- पशुओं के परजीवी कीट, मक्खी, मच्छर और किल्ली को कीटनाशक और बिषाणुनाशक से मार डालें।
- पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी पशुशाला को ठीक से साफ-सफाई करें और बाहरी जानवरों या लोगों को नहीं आने दें।
- पशुओं के रहने वाले बाड़े को स्वच्छ रखें।
- जिस स्थान पर लंबी वायरस संक्रमण फैला है, स्वस्थ पशुओं की आवाजाही रोकी जानी चाहिए।
- किसी पशु में लंबे वायरस के लक्षण दिखें तो पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
- संक्रमित क्षेत्र में पशुओं की खरीद-बिक्री और मेले आयोजन पर रोक लगा दी जानी चाहिए जब तक वायरस का लंबी अवधि का खतरा खत्म नहीं हो जाता।
- स्वस्थ पशुओं को टीकाकरण करना चाहिए ताकि अगली बार कोई संक्रमण नहीं हो।
- शाम को पशुशाला में मक्खी के प्रकोप से बचने के लिए नीम का छाल और पत्ते धुआं करें।
लंपी वायरस से गाय को कैसे बचाएं?( Lumpy Virus se gaay ko kaise bachaen?)
- संक्रमित पशु को स्वस्थ पशुओं के झुंड से दूर रखें ताकि संक्रमण न फैल जाए।
- पशुओं के परजीवी कीट, मक्खी, मच्छर और किल्ली को कीटनाशक और बिषाणुनाशक से मार डालें।
- पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी पशुशाला को ठीक से साफ-सफाई करें और बाहरी जानवरों या लोगों को नहीं आने दें।
- पशुओं के रहने वाले बाड़े को स्वच्छ रखें।
- जिस स्थान पर लंबी वायरस संक्रमण फैला है, स्वस्थ पशुओं की आवाजाही रोकी जानी चाहिए।
- किसी पशु में लंबे वायरस के लक्षण दिखें तो पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
- संक्रमित क्षेत्र में पशुओं की खरीद-बिक्री और मेले आयोजन पर रोक लगा दी जानी चाहिए जब तक वायरस का लंबी अवधि का खतरा खत्म नहीं हो जाता।
- स्वस्थ पशुओं को टीकाकरण करना चाहिए ताकि अगली बार कोई संक्रमण नहीं हो।
- शाम को पशुशाला में मक्खी के प्रकोप से बचने के लिए नीम का छाल और पत्ते धुआं करें।
लंपी वायरस ऐसे नहीं फैलती( Lumpy Virus aise nahin phailatee) –
यह बीमारी हवा, छींकने, थूक और लार से नहीं फैलती, चारा खाने, पानी पीने और एक साथ रहने से नहीं फैलती। छूत एक रोग नहीं है।
लंपी वायरस दूध देने वाली गांयों में सबसे पहले फैलती है(Lumpy Virus doodh dene vaalee gaanyon mein sabase pahale phailatee hai)-
गायों की सभी प्रजातियों में बीमारी होती है। दूध देने वाली गायों की इम्यूनिटी थोड़ी कम होती है, इसलिए यह पहले दूध देने वाली गायों में आता है और बछड़ों को भी अधिक नुकसान पहुंचाता है। डा. आरके सिंह बताते हैं कि जर्सी नस्ल में यह बीमारी जानलेवा होती है। लेकिन जेबू कैटल नामक भारतीय गायें इतनी घातक नहीं होती।
लंपी वायरस कितने दिन में ठीक होता है?( Lumpy Virus kitane din mein theek hota hai?)
पशु पर लंबी वायरस का प्रभाव पांच से सात दिन तक रहता है। पशु को उचित इलाज मिलने पर एक सप्ताह में ठीक हो जाता है।
क्या लम्पी वायरस इंसानों में होता है?( kya lumpy Virus insaanon mein hota hai?)
लंबी स्किन डिजीज से ग्रस्त पशुओं से लोगों में बीमारी फैलने का कोई मामला अभी तक नहीं सामने आया है। हां, संक्रमित गायों का दूध खाते समय सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल, वैज्ञानिकों ने इस वायरस पर काम कर रहा है|
लंपी वायरस का इलाज कैसे करें?( Lumpy Virus ka ilaaj kaise karen?)
जिस वायरस का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, उसकी रोकथाम और नियंत्रण का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण है।
क्या गांठदार वायरस का कोई इलाज है?( kya gaanthadaar virus ka koee ilaaj hai?)
उपचार का कोई विशिष्ट कोर्स नहीं है। पुराने घाव खतरनाक नहीं होते, शक्तिशाली एंटीबायोटिक चिकित्सा से द्वितीयक संक्रमण से बचा जाता है।
क्या गाय के दूध में होता है लंपी वायरस का असर ?( kya gaay ke doodh mein hota hai lampee vaayaras ka asar ?)
गांठदार वायरस से मवेशियों का गर्भाशय भी प्रभावित होता है। दूसरी ओर, लम्पी वायरस से गायों में मृत्यु दर कम होती है, लेकिन यह सीधे उनके गर्भाशय और दूध उत्पादन को प्रभावित करता है। विशेषज्ञों का दावा है कि इस बीमारी का दूध उत्पादन पर असर पड़ता है क्योंकि इससे 50% की कमी आती है। इस बीमारी से आर्थिक नुकसान होता है।
Dislaimer: इस लेख में बताए गए उपायों, प्रक्रियाओं और सुझावों पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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Nice information for animals.
Thank you.
Bht khatarnak viruses hai ye
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