[Source: PIB News]
संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से
PM मोदी ने 3 परम रुद्र सुपरकंप्यूटर लॉन्च किया
परिचय
- तिथि: 26 सितंबर 2024
- उद्घाटनकर्ता: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा
- सुपरकंप्यूटर: 3 परम रुद्र सुपरकंप्यूटर, 2 उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग सिस्टम
- विकसित और निर्मित:
- राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के तहत
- मेक इन इंडिया के पहल
- स्वदेशी विकास और निर्माण
सी-डैक(C-DAC) की पृष्ठभूमि
- केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत
- 1988 से देश में उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग विकास की शुरुआत
- परम नामक सुपरकंप्यूटर की श्रृंखला का विकास
परम रुद्र सुपर कंप्यूटर
- नाम: भगवान शिव के नाम पर
- डिजाइन: प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक)
- आधार: स्वदेशी रुद्र सर्वर
- कंप्यूटिंग गति: 1 पेटाफ्लॉप्स (प्रति सेकंड 10¹⁵ ऑपरेशन)
- लागत: 130 करोड़ रुपये
- स्थापित स्थान:
- एनसीआरए (पुणे):
- विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप
- उद्देश्य: फास्ट रेडियो बर्स्ट और पल्सर की वास्तविक समय खोज
- इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (दिल्ली):
- क्षेत्रों: सामग्री विज्ञान, परमाणु भौतिकी
- उद्देश्य: अनुसंधान और विकास को बढ़ावा
- एस.एन. बोस सेंटर (कोलकाता):
- उद्देश्य: भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान में अनुसंधान और विकास में सहायता
- एनसीआरए (पुणे):
उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) प्रणाली
परिचय
- तिथि: 26 सितंबर 2024
- उद्घाटनकर्ता: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा
- परियोजना का निवेश: 850 करोड़ रुपये
- विकास: सी-डैक द्वारा
- उद्देश्य:
- मौसम संबंधी अनुप्रयोग
- मौसम और जलवायु विज्ञान में अनुसंधान और विकास
- HPC सिस्टम का नाम ‘अर्का’ और ‘अरुणिका’ रखा गया, जो सूर्य से जुड़े उनके संबंध को दर्शाता है।
- अर्का और अरुणिका के स्थापित स्थान:
- भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे
- कंप्यूटिंग क्षमता: 11.77 पेटा फ्लॉप्स
- स्टोरेज: 33 पेटाबाइट
- राष्ट्रीय मध्यम-सीमा मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF), नोएडा
- कंप्यूटिंग क्षमता: 8.24 पेटा फ्लॉप्स
- स्टोरेज: 24 पेटाबाइट
- AI और मशीन लर्निंग सिस्टम के लिए: 1.9 पेटा फ्लॉप्स
- भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे
प्रभाव
- भारत की कम्प्यूटेशनल क्षमता अब 22 पेटा फ्लॉप्स तक बढ़ी, जो पहले 6.8 पेटा फ्लॉप्स थी।
- उच्च-रिज़ॉल्यूशन मॉडल उष्णकटिबंधीय चक्रवात, भारी वर्षा, गरज, सूखा जैसी चरम घटनाओं के पूर्वानुमानों की सटीकता में सुधार करेंगे।
तकनीकी लाभ
- उन्नत कम्प्यूटेशनल ढांचा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के साथ परिष्कृत मॉडल विकसित करने में मदद करेगा।
- डेटा समाकलन क्षमताओं और क्षेत्रीय मॉडल्स में सुधार।
- भारत के डोमेन में 1 किमी या उससे कम रिज़ॉल्यूशन पर मौसम पूर्वानुमान करने की क्षमता।
उद्देश्य
- मौसम पूर्वानुमान की सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार।
- जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं से बेहतर निपटने की तैयारी।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के बारे में
- शुभारंभ:
- स्थापना: 2015 में भारत सरकार द्वारा
- संयुक्त पहल:
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (DST)
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
- कार्यन्वयन:
- प्रगत संगणन विकास केंद्र (C-DAC), पुणे
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बैंगलोर
- मिशन का उद्देश्य
- लक्ष्य:
- शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, MSME, और स्टार्टअप की कम्प्यूटेशनल मांगों को पूरा करने के लिए सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचा प्रदान करना
- लाभ:
- अनुसंधान और विकास में मदद
- जीनोमिक्स और दवा खोज के लिए प्लेटफॉर्म विकास
- शहरी पर्यावरणीय मुद्दों का अध्ययन
- बाढ़ चेतावनी और भविष्यवाणी प्रणाली स्थापित करना
- दूरसंचार नेटवर्क का अनुकूलन
- लक्ष्य:
प्रगत संगणन विकास केंद्र (C-DAC) के बारे में
- स्थापना: 1988 में स्थापित
- निदेशक: प्रो. रजत मूना
- मुख्यालय: पुणे, भारत
- भारत की एक अर्धसरकारी सॉफ्टवेयर कंपनी
- मुख्य उद्देश्य:
- शुरुआत में C-DAC का उद्देश्य स्वदेशी महासंगणक (सुपरकंप्यूटर) बनाना था।
- वर्तमान में अब यह सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित कंपनी बन चुकी है।
- अन्य प्रमुख कार्यालय:
- कोलकाता
- चेन्नई
- बेंगलुरु
- मुंबई
- मोहाली
- तिरुवनंतपुरम
- नई दिल्ली
- नोएडा
- हैदराबाद
- अंग्रेज़ी नाम: Centre for Development of Advanced Computing (C-DAC)
- C-DAC भारत में उन्नत कंप्यूटिंग तकनीक के विकास, शोध और नवाचार के लिए प्रमुख संस्थान है।
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