हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शून्यकाल की शुरुआत

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शून्यकाल की शुरुआत

संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शून्यकाल की शुरुआत

परिचय

  • तारीख: 4 सितंबर 2024
  • शून्यकाल की शुरुआत: पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा में

इतिहास

  • भारतीय संसद का देन
  • 60 के दशक में लोकसभा और राज्यसभा में शामिल
  • धीरे-धीरे अन्य राज्यों में अपनाया गया

नियम

  • शून्यकाल शब्द का कोई विशेष उल्लेख नहीं
  • यह एक परंपरा है, कोई नियम नहीं

घटनाक्रम

  • 3 सितंबर 2024: कुलदीप सिंह पठानिया ने घोषणा
  • प्रश्नकाल के बाद
  • दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगा
  • आधे घंटे तक चलेगा

प्रश्नकाल

  • समय: प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक

शून्यकाल में

  • अत्यावश्यक लोक महत्व के मामले उठाए जा सकते हैं
  • सदस्यों को 1 मिनट या थोड़ा अधिक समय मिलेगा

शून्यकाल की पेशकश के कारण

  • प्रश्नकाल
    • पहला घंटा प्रश्नकाल के लिए समर्पित
    • सदस्य सरकार से प्रश्न पूछते हैं
  • समस्याएँ
    • विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल में महत्वपूर्ण मुद्दे उठाते हैं
    • प्रश्नकाल बाधित हो सकता है
  • उद्देश्य
    • शून्यकाल सदस्य को प्रश्नकाल के बाद महत्वपूर्ण मामलों को उठाने का अवसर देता है
    • प्रश्नकाल को बाधित नहीं करता

भारतीय संसद में शून्यकाल की विशेषताएँ

  • समय
    • लोकसभा: 11 बजे से 12 बजे तक
    • राज्यसभा: 12 बजे से 1 बजे तक
  • उपस्थिति
    • सदस्यों को अध्यक्ष/सभापति की अनुमति से मुद्दे उठाने की अनुमति
  • विशेषताएँ
    • कोई ठोस नियम नहीं
    • अध्यक्ष/सभापति शून्यकाल को स्थगित कर सकते हैं
    • अवधि: एक घंटे से कम या अधिक हो सकती है

हिमाचल प्रदेश विधानसभा

  • वर्तमान विधानसभा
    • 14वीं विधान सभा
    • गठन: दिसंबर 2022
  • सदस्य
    • 68 सदस्य
    • कार्यकाल: पांच वर्ष
  • अध्यक्ष
    • कुलदीप सिंह पठानिया

(Source: AIR News, PIB News, DD News, BBC News, Bhaskar News ,Wikipedia, The Hindu, Indian Express)

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