आयुष मंत्रालय और WHO के बीच डोनर एग्रीमेंट

आयुष मंत्रालय और WHO के बीच डोनर एग्रीमेंट

संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से

1. आयुष मंत्रालय और WHO के बीच डोनर एग्रीमेंट

आयुष मंत्रालय और WHO के बीच डोनर एग्रीमेंट

हस्ताक्षर समारोह

  • तिथि: 31 जुलाई, 2024
  • स्थान: जिनेवा, WHO मुख्यालय
  • समझौता: दाता समझौता (डोनर एग्रीमेंट)
  • हस्ताक्षरकर्ता
    • भारत: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि श्री अरिंदम बागची
    • WHO: यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज एंड लाइफ कोर्स के सहायक महानिदेशक डॉ. ब्रूस आयलवर्ड

उपस्थित व्यक्ति

  • आयुष सचिव: वैद्य राजेश कोटेचा (वर्चुअल माध्यम)
  • संचालन: डॉ. श्यामा कुरुविला (ए.आई. निदेशक, डब्ल्यूएचओ जीटीएमसी)
  • धन्यवाद ज्ञापन: डॉ. रजिया पेंडसे (शेफ डी कैबिनेट, डब्ल्यूएचओ)

समझौते का उद्देश्य

  • केंद्र: WHO ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (GTMC), जामनगर, गुजरात
  • गतिविधियां: GTMC की गतिविधियों को लागू करने के लिए वित्तीय शर्तों की रूपरेखा तैयार करना

वित्तीय योगदान

  • दान: 85 मिलियन अमेरिकी डॉलर
  • अवधि: 10 वर्ष (2022-2032)

केंद्र का उद्देश्य

  • स्थापना: WHO ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (GTMC), जामनगर, गुजरात
  • प्रमुख ज्ञान के केंद्र के रूप में : साक्ष्य-आधारित पारंपरिक, पूरक एवं एकीकृत चिकित्सा (TCIM)
  • लक्ष्य: लोगों और धरती के स्वास्थ्य एवं कल्याण को बढ़ावा देना

मेजबान देश समझौता

  • मंजूरी: केन्द्रीय मंत्रिमंडल, 25 मार्च, 2022
  • समझौते पर हस्ताक्षर: आयुष मंत्रालय और WHO
  • पहला वैश्विक आउट-पोस्ट सेंटर: पारंपरिक दवा के लिए, जामनगर, गुजरात

WHO-GTMC की गतिविधियां

  • प्रारंभिक कार्य
    • अंतरिम कार्यालय: कामकाज पहले से ही शुरू
    • लक्ष्य: क्षमता-निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम
    • साझेदारी: WHO अकादमी, अन्य रणनीतिक भागीदार
    • प्रकार: परिसर-आधारित, आवासीय, वेब-आधारित

आयुष मंत्रालय का सहयोग

  • प्रणालियां: आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध
  • प्रमुख कार्य:
    • प्रशिक्षण व अभ्यास के मानक दस्तावेज
    • डब्ल्यूएचओ शब्दावली का निर्माण
    • रोगों के अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण-11 में पारंपरिक चिकित्सा अध्याय
    • एम-योग ऐप का विकास
    • इंटरनेशनल फार्माकोपिया ऑफ हर्बल मेडिसिन (IPHM) समर्थन

लाभ और योगदान

  • भारत का लाभ: पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक मंच पर प्रसार
  • वैश्विक स्वास्थ्य एजेंडा: सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति

 

2. IICA और HP ने ‘HP फ्यूचर इम्पैक्ट लीडर – IICA प्रमाणित ESG व्यावसायिक कार्यक्रम’ का पहला बैच लॉन्च किया

IICA और HP ने ‘HP फ्यूचर इम्पैक्ट लीडर – IICA प्रमाणित ESG व्यावसायिक कार्यक्रम’ का पहला बैच लॉन्च किया

कार्यक्रम का शुभारंभ

  • IICA: भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान
  • HP इंडिया
  • कार्यक्रम: ‘HP फ्यूचर इम्पैक्ट लीडर – IICA प्रमाणित ESG व्यावसायिक कार्यक्रम’ (HP Future Impact Leader – IICA Certified ESG Professional Program)
  • स्थान: मानेसर
  • उद्देश्य:
    • नेतृत्व के प्रभाव को मापना
    • टिकाऊ और जिम्मेदार व्यावसायिक तौर-तरीकों को बढ़ावा देना

प्रमुख वक्ता

  • डॉ. अजय भूषण प्रसाद पांडे:
    • IICA महानिदेशक, CEO, NFRA अध्यक्ष
    • वित्त मंत्रालय के पूर्व सचिव

ऐतिहासिक संदर्भ

  • संदर्भ: 1972 मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, 2015 संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन
  • महत्व: सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा
  • संरेखण: G20 नई दिल्ली घोषणा पत्र 2023 (4P: ग्रह, लोग, शांति, समृद्धि)

पर्यावरण-सामाजिक-प्रशासन (ESG) का महत्व

  • कारण:
    • लागत बचत, ऊर्जा खपत कम
    • संसाधनों की बर्बादी कम
    • परिचालन लागत कम
    • अनिवार्य ESG रिपोर्टिंग
    • पीपीपी (प्रो-प्लानेट-पीपल) पर ध्यान
  • शोध और CSR निधि आवंटन
    • शोधकर्ता: एलाइन गैटिग्नन, व्हार्टन
    • शोध शीर्षक: “जब कुछ लोग बहुतों को देते हैं और बहुत से लोग कुछ को देते हैं”
    • मुख्य बिंदु: अमेरिका का भारत से सीखना, सीएसआर अनिवार्यता

पर्यावरण-सामाजिक-प्रशासन (ESG) के कानूनी पहलू

  • श्री राजीव नायर (विधि प्रमुख, एचपी इंडिया):
    • कानूनी ढांचों का महत्व
    • स्थिरता और व्यवसाय संचालन
    • कानूनी ढांचे और स्थायी व्यावसायिक तौर-तरीके
    • स्थिरता और नवाचार के लिए प्रतिबद्धता

यूनिसेफ का योगदान

  • सुश्री गीतांजलि मास्टर (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप विशेषज्ञ, यूनिसेफ इंडिया)
    • सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सहयोगात्मक प्रयास
    • प्रभावशाली ईएसजी पहलों की भागीदारी

यूनिसेफ और सार्वजनिक-निजी भागीदारी

  • डॉ. गरिमा दधीच (एसोसिएट प्रोफेसर, IICA)
    • टिकाऊ व्यावसायिक तौर-तरीकों का महत्व
    • 360-डिग्री ईएसजी विशेषज्ञता
    • एचपी और यूनिसेफ के सहयोग से नेतृत्व विकास

भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (IICA) के बारे में

  • स्वायत्त संस्थान: कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के तहत
  • प्रशिक्षण: भारतीय कॉरपोरेट विधि सेवा संवर्ग
  • भूमिका:
    • थिंक टैंक, एक्शन रिसर्च
    • नीति वकालत, सेवा वितरण
    • क्षमता निर्माण, ज्ञान प्रबंधन

 स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट (SBE) के बारे में

  • विशेषीकृत इकाई: IICA के तहत
  • ध्यान केंद्र:
    • ESG, CSR
    • सतत वित्त, जैव विविधता संरक्षण
    • मानवाधिकार, उत्तरदायी व्यापार
    • गैर-वित्तीय सूचना, लेखा परीक्षा
  • सेवाएं:
    • अनुसंधान अध्ययन, नीति इनपुट
    • सलाहकार सेवाएं, शैक्षणिक कार्यक्रम
    • अनुकूलित क्षमता निर्माण कार्यक्रम

महत्वपूर्ण योगदान

  • राष्ट्रीय दिशानिर्देश: NGRBC
  • राष्ट्रीय कार्य योजना: NAP का शून्य मसौदा
  • तकनीकी इनपुट: CSR उच्च स्तरीय समितियाँ

(Source: AIR News, PIB News, DD News, BBC News, Bhaskar News ,Wikipedia)

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