First X-ray Polarimeter Satellite: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने नए साल की शुरुआत में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आकाशगंगा में ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के अध्ययन के लिए पहली बार एक्स-रे पोलारीमीटर उपग्रह को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। इस ऐतिहासिक प्रयास से भारत खगोलीय अनुसंधान में नए मील के कदमों की ओर बढ़ रहा है।
प्रक्षेपण का विवरण
आज सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से प्रक्षेपण हुआ, जिसमें ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान- PSLV-C58 ने First X-ray polarimeter satellite -XPOSAT(एक्सपोसैट) को अंतरिक्ष में छोड़ा। इसमें साथ ही 10 अन्य वैज्ञानिक पेलोड भी शामिल थे, जिनमें ब्रह्मांडीय एक्सरे के ध्रुवीकरण का अध्ययन करने के लिए विशिष्ट खगोल शास्त्रीय वेधशाला भेजने का भी प्रयास था।
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खासियतें और उपयोगिता
यह मिशन ब्रह्मांड में स्रोतों के ध्रुवीकरण का अध्ययन करने में सहायक होगा और भारत को ब्रह्मांडीय अनुसंधान में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। इसके पश्चात्, भारत ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के अध्ययन के लिए विशिष्ट खगोल शास्त्रीय वेधशाला को भेजकर दुनिया के समक्ष एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करेगा। इस प्रकार, ISRO ने दुनिया में इस क्षेत्र में अपने प्रथम प्रयासों के माध्यम से अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया है।
इस मिशन में सफल प्रक्षेपण के साथ XPOSAT के साथ प्रक्षेपित 10 अन्य पेलोड हैं, जिनमें
- टेक मी टू स्पेस,
- एलबीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर वुमन,
- केजे सौमया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी,
- इंस्पेसिटी स्पेस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड,
- ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड,
- बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड और ISRO से तीन पेलोड शामिल हैं।
दर्शकों की उत्साही भीड़
इस वर्ष का पहला प्रक्षेपण और छुट्टियों का समय था, जिससे अंतरिक्ष केंद्र में उम्र के सभी लोगों की उत्साही भीड़ थी। बच्चों को ISRO के मिशन के बारे में समझ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया और छात्रों को भावी पीढ़ी को प्रेरित करने और उनके मन में वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
ISRO के अध्यक्ष एस0 सोमनाथ ने बताया कि XPOSAT को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है और इस प्रयास से भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान में नए मानकों को स्थापित किया है।
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नए यात्रा की शुरुआत
यह ISRO की तरफ से एक और बड़ा कदम है जो खगोलीय अनुसंधान में भारत को विश्वस्तरीय पहचान प्रदान करेगा। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी यह प्रयास महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके साथ ही हम अपने ब्रह्मांडीय पड़ावों को समझने का एक नया दृष्टिकोण प्राप्त कर सकेंगे।
इस सफल प्रक्षेपण के साथ, ISRO ने भारतीय वैज्ञानिकों को और बढ़ावा देने का एक नया मौका दिया है और उम्मीद है कि इससे आने वाली पीढ़ियों को भी अध्यन करने के लिए प्रेरित करेगा।
ISRO का मिशन एक्स-रे पोलारीमीटर उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के साथ, भारत ने अंतरिक्ष में नए दरबार की खोली और खगोलीय अनुसंधान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को मजबूत किया है।
हमारे साथ बने रहें, जब हम इस उत्कृष्ट यात्रा की दिशा में और भी नए खोजों की ख़बरें लाएंगे।
इस समाचार की जानकारी के स्रोत: AIR NEWS
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FAQs:
प्रश्न: ISRO ने कौन-कौन से खगोलीय अध्ययनों के लिए एक्स-रे पोलारीमीटर उपग्रह को प्रक्षेपित किया है?
उत्तर: ISRO ने एक्स-रे पोलारीमीटर उपग्रह को प्रक्षेपित किया है, जिसका उपयोग ब्रह्मांडीय एक्सरे के ध्रुवीकरण के अध्ययन के लिए होगा, साथ ही ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के अध्ययन में भी।
प्रश्न: इस प्रक्षेपण के साथ और कौन-कौन से पेलोड प्रक्षेपित किए गए हैं?
उत्तर: इस प्रक्षेपण के साथ एक्सपोसैट के साथ और भी 10 पेलोड प्रक्षेपित किए गए हैं, जिनमें टेक मी टू स्पेस, एलबीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर वुमन, केजे सौमया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, इंस्पेसिटी स्पेस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड और ISRO से तीन पेलोड शामिल हैं।
प्रश्न: यह मिशन किस उद्देश्य के लिए शुरू किया गया है?
उत्तर: इस मिशन का मुख्य उद्देश्य खगोलीय स्रोतों से ब्रह्मांडीय एक्सरे के ध्रुवीकरण का अध्ययन करना है और इसके साथ ही भारत को ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के अध्ययन के लिए विशिष्ट खगोल शास्त्रीय वेधशाला भेजकर इस क्षेत्र में नए समृद्धि की ओर कदम बढ़ाना है।
प्रश्न: कौन-कौन से संस्थान प्रक्षेपण के लिए पेलोड प्रदान कर रहे हैं?
उत्तर: इस प्रक्षेपण के साथ प्रक्षेपित 10 पेलोड में टेक मी टू स्पेस, एलबीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर वुमन, केजे सौमया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, इंस्पेसिटी स्पेस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड और ISRO से तीन पेलोड शामिल हैं।
प्रश्न: क्या दर्शकों को कैसे प्रभावित किया जा रहा है?
उत्तर: इस प्रक्षेपण में दर्शकों की उत्साही भीड़ थी, और बच्चों को ISRO के मिशन के बारे में अपनी समझ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इससे छात्रों को भावी पीढ़ी को प्रेरित करने और उनके मन में वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
I have completed both a Diploma (College: N G P Patna-13) and a Bachelor of Technology (University: IPU Delhi) in CSE. I qualified for the Railway JE Exam and joined in 2017. Presently, I am a software engineer. I have been working in the engineering field for 7 years. Along with my job, I am also an educator, content writer, current affairs expert, and blogger. I have been working in these fields for 3 years. I dedicated myself to making learning simple and enjoyable. As a writer, I have spent 3 years crafting insightful content. With 3 years of expertise in current affairs, I provide up-to-date knowledge as well as analysis of current events from exam points of view. Additionally, I am offering personalized educational support and guidance.