संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से
1. मेरा गांव मेरी धरोहर
कार्यक्रम
- संचालन: संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
- मिशन: राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (NMCM)
उद्देश्य और लक्ष्य
- जागरूकता: सांस्कृतिक विरासत, विकास और सांस्कृतिक पहचान के बारे में जागरूकता बढ़ाना
- मानचित्रण: 6.5 लाख गांवों का भौगोलिक, जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल और रचनात्मक राजधानियों के साथ सांस्कृतिक मानचित्रण
- रजिस्टर निर्माण: कलाकारों और कला प्रथाओं का राष्ट्रीय रजिस्टर
- पोर्टल और ऐप: राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्य स्थल (NCWP) के रूप में वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप का विकास
कला और संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु वित्तीय सहायता योजना
उद्देश्य
- कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता
उप–घटक
- राष्ट्रीय सांस्कृतिक संगठनों को सहायता
- लक्ष्य: राष्ट्रीय उपस्थिति वाले सांस्कृतिक संगठनों को समर्थन
- अनुदान: 1 करोड़ रुपये (असाधारण मामलों में 5 करोड़ रुपये तक)
- सांस्कृतिक समारोह एवं उत्पादन अनुदान (CFPG)
- लक्ष्य: संगोष्ठी, सम्मेलन, अनुसंधान, कार्यशालाएं, त्यौहार, प्रदर्शनियां
- अनुदान: 5 लाख रुपये (असाधारण मामलों में 20 लाख रुपये)
- हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और विकास
- लक्ष्य: अनुसंधान, प्रशिक्षण, ऑडियो विजुअल कार्यक्रम
- अनुदान: 10 लाख रुपये प्रति वर्ष (असाधारण मामलों में 30 लाख रुपये)
- बौद्ध/तिब्बती संगठन के संरक्षण एवं विकास
- लक्ष्य: बौद्ध/तिब्बती सांस्कृतिक और परंपरा का प्रचार
- अनुदान: 30 लाख रुपये प्रति वर्ष (असाधारण मामलों में 1 करोड़ रुपये)
- स्टूडियो थिएटर सहित भवन निर्माण अनुदान
- लक्ष्य: सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे का निर्माण
- अनुदान: मेट्रो शहरों में 50 लाख रुपये, गैर-मेट्रो शहरों में 25 लाख रुपये
- संबद्ध सांस्कृतिक गतिविधियां
- लक्ष्य: त्योहारों के दौरान सजीव प्रदर्शन
- अनुदान: ऑडियो: 1 करोड़ रुपये, ऑडियो वीडियो: 1.5 करोड़ रुपये
- घरेलू त्यौहार और मेले
- लक्ष्य: राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन
- अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा
- लक्ष्य: अमूर्त सांस्कृतिक विरासत और विविध सांस्कृतिक परंपराओं की सुरक्षा
वित्तीय वर्ष अनुसार आवंटित धनराशि (लाख रुपये में)
- 2019-20: 7227.65
- 2020-21: 8511.00
- 2021-22: 9878.55
- 2022-23: 11608.00
- 2023-24: 7140.26
2. राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन
राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन का उद्देश्य
- पांडुलिपि विरासत का दस्तावेजीकरण
- संरक्षण
- डिजिटलीकरण
- ऑनलाइन प्रसार
मुख्य गतिविधियाँ
- केन्द्र स्थापना: 100+ पांडुलिपि संसाधन और संरक्षण केंद्र
- दस्तावेजीकरण: 5.2 मिलियन पांडुलिपियाँ
- संरक्षण: 90 मिलियन पांडुलिपियाँ
- डिजिटलीकरण: 3.5 लाख पांडुलिपियाँ (3.5 करोड़ पृष्ठ)
- कार्यशालाएँ: 100+ संरक्षण कार्यशालाएँ
- ऑनलाइन अपलोड: 1.4 लाख पांडुलिपियाँ
- मुफ्त उपलब्ध: 75,000 पांडुलिपियाँ
प्रकाशन
- 100+ पुस्तकें प्रकाशित
(Source: AIR News, PIB News, DD News, BBC News, Bhaskar News ,Wikipedia)
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