राजधानी के कला एवं संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा – “उत्तराखंड के लोगों की खुशी का उत्सव लाने के लिए तैयार हैं”
Folk festival Uttareini: दिल्ली के कला एवं संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राजधानी में कल से उत्तराखंड के लोक पर्व ‘उत्तरैणी’ के अवसर पर नौ दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की घोषणा की है। इस मौके पर आयोजित पत्रकार सभागार में, उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम उत्तराखंड की रिच और विविध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने का एक प्रयास है।
इस नौ दिनों के आयोजन में उत्तराखंड के विभिन्न राज्यों से कलाकारों को शामिल किया जाएगा जो अपने अद्वितीय कला और सांस्कृतिक धाराओं के माध्यम से दर्शकों को प्रभावित करेंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन और समय
कला एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि इस उत्सव के आयोजन के लिए समय सारणी तैयार की गई है और सभी कार्यक्रम बड़े धूमधाम से आयोजित किए जाएंगे। उत्तराखंड के लोक पर्व ‘उत्तरैणी’ की महक और मिठास को बढ़ाने के लिए विभिन्न स्थानों पर विभाजित किए जाने वाले ये कार्यक्रम हर दिन सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक आयोजित किए जाएंगे।
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मंत्री भारद्वाज का बयान
सौरभ भारद्वाज ने इस संदर्भ में कहा, “उत्तराखंड के लोगों के दिलों से जुड़ी इस परंपरा और खुशी के त्यौहार को पूरे जोश के साथ मनाने के लिए हम यहां हैं। इस उत्सव के माध्यम से हम उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को लोगों के सामने प्रस्तुत करेंगे और उन्हें हमारी धरोहर के सौंदर्य से परिचित कराएंगे।”
कार्यक्रमों की विवाद-बवाल
इस आयोजन की घोषणा के बाद, सोशल मीडिया पर लोगों के बीच विवाद और बवाल का माहौल छाया है। कुछ लोग कार्यक्रमों की व्यवस्था और अनुष्ठान के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि दूसरे उत्सव को समर्थन और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर की प्रशंसा कर रहे हैं।
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उत्तराखंड के कलाकारों का रंगीन प्रदर्शन
इस आयोजन में उत्तराखंड के कलाकारों का विशेष प्रदर्शन होगा जो लोक पर्व ‘उत्तरैणी’ के मौके पर अपनी कला कौशल से चमकाएंगे। स्थानीय लोगों को इस उत्सव में शामिल होकर अपनी सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए एक अद्वितीय अवसर मिलेगा।
समापन और समीक्षा
इस नौ दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन पर, मंत्री भारद्वाज ने यह आश्वासन दिया कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का यह प्रदर्शन राजधानी में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाए रखेगा। उन्होंने कहा, “यह नौ दिन का उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने का एक सुनहरा अवसर है और हम सभी मिलकर इसे यादगार बनाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।”
इस सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत से ही दिल्ली में उत्तराखंड के लोक पर्व ‘उत्तरैणी’ का माहौल महक उठा है। लोगों की उत्साही भरी प्रतिक्रिया के साथ इस कार्यक्रम की सफलता की आशा की जा रही है।
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सामान्य प्रश्न (FAQs) नौ दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के बारे में
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यह सांस्कृतिक कार्यक्रम क्या है और क्या मुख्य उद्देश्य है?
उत्तर: यह सांस्कृतिक कार्यक्रम दिल्ली में उत्तराखंड के लोक पर्व ‘उत्तरैणी’ के अवसर पर आयोजित हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की रिच और विविध सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करना और लोगों को इसे जानने और महसूस करने के लिए प्रेरित करना है।
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सांस्कृतिक कार्यक्रम का समय सारणी क्या है?
उत्तर: सांस्कृतिक कार्यक्रम नौ दिनों तक चलेगा, और हर दिन सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
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क्या सांस्कृतिक कार्यक्रम में किन-किन कलाकारों को शामिल किया गया है?
उत्तर: इस आयोजन में उत्तराखंड के विभिन्न राज्यों से कलाकारों को शामिल किया जाएगा, जो अपने अद्वितीय कला और सांस्कृतिक धाराओं के माध्यम से दर्शकों को प्रभावित करेंगे।
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क्या सांस्कृतिक कार्यक्रम से जुड़े हुए विवाद हैं?
उत्तर: हां, इस आयोजन की घोषणा के बाद, सोशल मीडिया पर लोगों के बीच विवाद और बवाल का माहौल छाया है। कुछ लोग कार्यक्रमों की व्यवस्था और अनुष्ठान के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि दूसरे उत्सव को समर्थन और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर की प्रशंसा कर रहे हैं।
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क्या इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्तराखंड के कलाकारों का विशेष प्रदर्शन होगा?
उत्तर: हां, इस आयोजन में उत्तराखंड के कलाकारों का विशेष प्रदर्शन होगा जो लोक पर्व ‘उत्तरैणी’ के मौके पर अपनी कला कौशल से चमकाएंगे।
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सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन पर मंत्री ने क्या कहा?
उत्तर: सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन पर, मंत्री भारद्वाज ने यह आश्वासन दिया कि इस उत्सव से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन राजधानी में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाए रखेगा और हम सभी मिलकर इसे यादगार बनाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।
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