Hit-and-run cases: आज गृह मंत्रालय ने अखिल भारतीय मोटर वाहन संघ के साथ नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत हिट एण्ड रन मामलों के नए प्रावधानों पर चर्चा की गई और ट्रांसपोर्टरों की चिंता से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
नए प्रावधानों की चर्चा
बैठक की अध्यक्षता करते हुए गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा, “संसद में हाल ही में पारित हुई भारतीय न्याय संहिता ने हिट एण्ड रन मामलों में सख्ती बढ़ाई है और इसमें सात लाख रूपये का जुर्माना और दस साल की कैद का प्रावधान किया गया है।” इस पर ट्रक, टेक्सी और बस ओपरेटरों ने तीन दिन की हड़ताल शुरू की है, जिसका विरोध अखिल भारतीय मोटर वाहन संघ ने किया है। संघ का कहना है कि ये प्रावधान वाहन चालकों को अत्यधिक परेशान करेंगे और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश
बैठक में गृह सचिव ने यह भी बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार हिट एण्ड रन मामलों में सजा की अवधि बढ़ाकर दस साल कर दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में कहा है कि लापरवाह होकर वाहन चलाने वाले चालक दुर्घटनाएं करते हैं, जिससे किसी की जान चली जाती है और फिर वह घटना स्थल से भाग जाते हैं।
इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में हिट एण्ड रन मामलों में सजा की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। यह नया प्रावधान वाहन दुर्घटना मामलों में सजा को और भी कठिन बना सकता है और इससे वाहन चालकों की ओर से आपत्ति जताई जा रही है।
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ट्रांसपोर्टरों की चिंता
बैठक में अखिल भारतीय मोटर वाहन संघ के प्रतिष्ठान्वित सदस्यों ने इस नए प्रावधान के खिलाफ अपनी बात रखी और यह कहा कि इससे वाहन चालकों को अत्यधिक दिक्कतें होंगी। उनका मानना है कि इससे वाहन चलाने का प्रोसेस और भी जटिल हो जाएगा और सजा की अवधि बढ़ाने से वाहन चालकों को न्याय की दिशा में कठिनाई होगी।
हडताल का आरंभ
इसके अलावा, ट्रक, टेक्सी, और बस ओपरेटरों के एक संगठन ने तीन दिनों तक की हड़ताल का आयोजन किया है। इस हड़ताल के दौरान, वे अपने मांगों को लेकर सरकार से यातायात के प्रति अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं और नए प्रावधानों को त्वरित रूप से वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
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इस बीच, गृह मंत्रालय ने जनता को समझाया है कि नए प्रावधानों का उद्देश्य यह है कि वाहन चालकों को जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से चलाने के लिए प्रेरित किया जाए और इससे यातायात सुरक्षा में सुधार हो। हालांकि, संगठन और वाहन चालकों का कहना है कि इससे उन्हें अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा और उन्हें इसमें सहयोग नहीं मिलेगा।
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इस विवाद से जुड़ी और भी ताजगी रखने के लिए हम आपको लगातार अपडेट करते रहेंगे।
FAQs:
प्रश्न: बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ था और इसमें क्या चर्चा हुई थी?
उत्तर: बैठक में गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और अखिल भारतीय मोटर वाहन संघ के प्रतिष्ठान्वित सदस्यों ने शामिल होकर भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत हिट एण्ड रन मामलों के नए प्रावधानों पर चर्चा की गई, जिसमें ट्रांसपोर्टरों की चिंता पर भी विचार-विमर्श किया गया।
प्रश्न: सर्वोच्च न्यायालय ने किस प्रकार के आदेश जारी किए और उनमें क्या बदलाव किया गया?
उत्तर: सर्वोच्च न्यायालय ने हिट एण्ड रन मामलों में सजा की अवधि बढ़ाकर दस साल कर दी गई है, जिसमें यह प्रावधान शामिल है कि लापरवाह होकर वाहन चलाने वाले चालक दुर्घटनाएं करते हैं।
प्रश्न: कौन-कौन से वाहन ओपरेटर्स ने तीन दिन की हड़ताल की है और उनकी मुख्य मांग क्या है?
उत्तर: ट्रक, टेक्सी, और बस ओपरेटरों ने तीन दिनों की हड़ताल का आयोजन किया है और उनकी मुख्य मांग है कि नए प्रावधानों को त्वरित रूप से वापस लिया जाए और उनकी चिंताओं का समाधान हो।
प्रश्न: गृह मंत्रालय ने कैसे यह स्थिति स्पष्ट की है और नए प्रावधानों का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: गृह मंत्रालय ने जनता को समझाया है कि नए प्रावधानों का उद्देश्य वाहन चालकों को जिम्मेदारीपूर्ण तरीके से चलाने के लिए प्रेरित करना है और इससे यातायात सुरक्षा में सुधार हो।
प्रश्न: वाहन चालकों के संगठन का क्या कहना है इस नए प्रावधान के बारे में?
उत्तर: वाहन चालकों के संगठन का कहना है कि इस नए प्रावधान से वाहन चालकों को अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा और इसमें सहयोग नहीं मिलेगा।