North Eastern Festival 2024: उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय ने सीपीएसई, पूर्वोत्तर हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (एनईएचएचडीसी) के माध्यम से “उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024” का आयोजन करने का एलान किया है। यह पांच दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव, 13 से 17 जनवरी, 2024 तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में होगा।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव श्री चंचल कुमार ने आज मीडिया को उत्तर पूर्वी महोत्सव के पहले संस्करण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत की पारंपरिक कला, शिल्प, और संस्कृतियों को प्रदर्शित करके समृद्ध विविधता को उत्कृष्टता से प्रस्तुत करना है।
महोत्सव का आयोजन एक स्थाउन पर किया जा रहा है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र को एक सांस्कृतिक विशिष्टता बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है। श्री कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि यह महोत्सव आर्थिक अवसरों का मंच है और परंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि उत्पादों, और पर्यटन की पेशकशों में आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है, जो क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिए उत्प्रेरक बन सकता है।
डोनर मंत्रालय के सचिव ने बताया कि 250 बुनकर, किसान, और उद्यमी महोत्सव में भाग लेंगे। इस महोत्सव के दौरान पैनल चर्चा और क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की जाएंगी। यहां परंपरिक नृत्य, मंत्रमुग्ध करने वाले अभिनय और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन महोत्सव का मुख्य आकर्षण होगा।
महोत्सव का उद्देश्य:
हस्तशिल्प, हथकरघा, और कृषि-बागवानी उत्पादों का प्रदर्शन
इस महोत्सव में 250 बुनकरों, किसानों, और उद्यमियों की हिस्सेदारी पर प्रकाश डाला जाएगा। यह महोत्सव पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनूठे पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा। महोत्सव का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट हस्तनिर्मित उत्पादों, हथकरघा और वस्त्र, टिकाऊ हस्तशिल्प, विभिन्न जीआई उत्पाद, स्वदेशी फल, और पूर्वोत्तर भारत के जैविक उत्पादों को एक स्थान पर प्रस्तुत करना है।
पैनल चर्चा
- “समृद्धि की ओर: विकसित भारत की ओर पूर्वोत्तर की प्रगति को प्रोत्साहित करना”
- विकसित भारत की प्रगति में पूर्वोत्तर की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के लिए आकर्षक पैनल चर्चा का आयोजन।
- “पूर्वोत्तर में महिला नेतृत्व”
- महिला नेतृत्व के विविध योगदानों पर पैनल चर्चा, जो क्षेत्र में समृद्ध समुदायों के लिए आधार तैयार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता प्रदान करती है।
- “नॉर्थईस्ट इन एक्शन”
- “युवा, कार्यबल और भारत की आर्थिक टेपेस्ट्री” पर पैनल चर्चा, जो पूर्वोत्तर के युवाओं और कार्यबल द्वारा मेज पर लाए गए सम्मोहक आयामों को उजागर करना है।
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क्रेता-विक्रेता बैठकें
यह महोत्सव महत्वपूर्ण क्रेता-विक्रेता बैठकों के लिए एक अनुकूल मंच प्रदान करेगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में मूल्यवान बातचीत को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रमुख पहलों में से एक सालाना 5,000 से 10,000 लोगों को जोड़ने के लक्ष्य के साथ कारीगरों, बुनकरों और उद्यमियों को जोड़ती है। साथ ही, डिजिटल वाणिज्य के लिए ओपन नेटवर्क साझेदारी से छोटे व्यवसायों को डिजिटल वाणिज्य की शक्ति हासिल करने में सहायता प्राप्त होगी।
सांस्कृतिक प्रदर्शन
यह महोत्सव पारंपरिक नृत्यों, मनमोहक प्रदर्शनों और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रदर्शन के माध्यम से एक आकर्षक यात्रा का भी भरोसा प्रदान करता है। शाम 5:30 बजे तक, सांस्कृतिक कार्यक्रम फैशन शो के साथ जारी रहता है, जो शैली, रचनात्मकता और पूर्वोत्तर सुरुचि का प्रदर्शन करता है।
प्रदर्शनों का तारीख सुचना
- 14 जनवरी, 2024: असम के सत्रिया और त्रिपुरा के होजागिरी नृत्य का प्रदर्शन
- 15 जनवरी, 2024: मणिपुर की तांगथा फाइट और सिक्किम का शेर नृत्य
- 16 जनवरी, 2024: मिजोरम का बैंड एक घंटे की मनमोहक प्रस्तुति
- 17 जनवरी, 2024: रॉक बैंड बॉटल रॉकेट्स इंडिया के स्टार कलाकारों का समापन समारोह
पर्यटन का प्रमोशन
महोत्सव में पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों का प्रमोशन किया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र का पर्यटन बढ़ सकता है।
सामाजिक सद्भावना
महोत्सव ने उत्तर पूर्वी राज्यों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का मिशन लिया है। यहां विभिन्न स्थानीय जनजातियों के सांस्कृतिक परंपराओं को प्रमोट किया जाएगा और लोगों को इन्हें समझने और मौलिकता का मूल्यांकन करने का अवसर मिलेगा।
महोत्सव के लिए आवंटित स्थान में एक बड़ा भव्य मंडप स्थापित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रदर्शनी गैलरीज, खाद्य संबंधित बूथ, और आदान-प्रदान क्षेत्र होंगे। इसके अलावा, विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और कला-संस्कृति स्थानीय और राष्ट्रीय व्यक्तित्वों की भागीदारी से महोत्सव को और भी रंगीन बनाने का प्रयास किया जाएगा।
उद्घाटन और शिलान्यास
“उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024” के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बनाया जा रहा छात्रावास, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र के 400 छात्र रह सकते हैं। इसके अलावा, नई दिल्ली के द्वारका में एक नॉर्थ ईस्ट कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला भी रखी जाएगी, जो दिल्ली में पूर्वोत्तर भारत के सांस्कृतिक और सूचना केंद्र के रूप में काम करेगा।
इस महोत्सव की योजना और आयोजन को बड़े उत्साह के साथ स्वीकृति मिल रही है, और यह एक सफल और सामृद्धिक महोत्सव की ओर बढ़ रहा है। उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024 का एक सुनहरा अध्याय रचने का इंतजार समृद्धि और सांस्कृतिक धरोहर के साथ हो रहा है।
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सामान्य प्रश्न (FAQs) उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024 के बारे में
प्रश्न: उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024 का आयोजन किसने किया है?
उत्तर: उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024 का आयोजन उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्रालय ने सीपीएसई, पूर्वोत्तर हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से किया है।
प्रश्न: उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024 का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत की पारंपरिक कला, शिल्प, और संस्कृतियों को प्रदर्शित करके समृद्ध विविधता को उत्कृष्टता से प्रस्तुत करना है।
प्रश्न: महोत्सव में कौन-कौन से विषयों पर पैनल चर्चा और उद्यमी बैठकें होंगी?
उत्तर: महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों के बीच बैठकें और पैनल चर्चा होगी, जिनमें आर्थिक अवसरों, परंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, और पर्यटन के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
प्रश्न: महोत्सव में कौन-कौन से क्षेत्रों का प्रदर्शन होगा?
उत्तर: महोत्सव में 250 बुनकरों, किसानों और उद्यमियों का हिस्सेदारी पर प्रकाश डाला जाएगा और इसमें परंपरागत हस्तशिल्प, हथकरघा, और कृषि-बागवानी उत्पादों का प्रदर्शन होगा।
प्रश्न: महोत्सव में कौन-कौन सी मुख्य विशेषताएँ होंगी?
उत्तर: महोत्सव में मुख्य विशेषताएँ शामिल हैं: हस्तशिल्प, हथकरघा, और कृषि-बागवानी उत्पादों का प्रदर्शन, सांस्कृतिक प्रदर्शनी, उद्यमी बैठकें और पैनल चर्चा, पर्यटन का प्रमोशन, और सामाजिक सद्भावना।
प्रश्न: महोत्सव के लिए किस तारीखों और कहां होगा?
उत्तर: उत्तर पूर्वी महोत्सव 2024 13 से 17 जनवरी के बीच, नई दिल्ली के प्रगति मैदान में होगा।