One Nation One Election: ऐतिहासिक कदम, पूर्व राष्ट्रपति ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के लिए क्रांतिकारी अभियान का नेतृत्व किया – लोगों की आवाज़ें चाहिए

One Nation One Election

One Nation One Election: देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समिति ने लोगों से सुझाव मांगे हैं। इस समिति ने वर्तमान कानूनी प्रशासनिक ढांचे में सुधार के लिए लोगों से राय मांगी है और सुझाव भेजने की अंतिम तारीख 15 जनवरी तक बताई है।

समिति की दो बैठकें पिछले सितम्बर में हुईं, जिसमें समिति ने सात राष्ट्रीय दलों, 33 क्षेत्रीय दलों, और सात पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को इस मुद्दे पर राय देने के लिए पत्र लिखा। समिति ने राजनीतिक दलों को भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार-विमर्श करने का स्मरण किया है।

समिति ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के मुद्दे पर विधि आयोग से भी राय ली है और इस मुद्दे पर विधि आयोग से फिर से विचार-विमर्श करने का सुझाव किया है।

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एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समिति के प्रमुख उद्देश्य

इस समिति ने देशवासियों से 15 जनवरी तक सुझाव भेजने का आग्रह किया है, ताकि एक राष्ट्र एक चुनाव की संभावनाओं पर विचार-विमर्श हो सके। समिति का कहना है कि वर्तमान कानूनी प्रशासनिक ढांचे में सुधार करने के लिए भी लोगों की राय आवश्यक है, ताकि चुनाव प्रक्रिया में सुधार हो सके।

एक राष्ट्र एक चुनाव’ समिति के पूर्व संदेश

पिछले सितम्बर में गठित समिति ने दो बैठकें आयोजित की थीं, और हाल ही में इसने सात राष्ट्रीय दलों, 33 क्षेत्रीय दलों, और सात पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को इस मुद्दे पर राय देने के लिए भी पत्र भेजे थे। समिति ने राजनीतिक दलों को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देने के लिए समर्पित किया है।

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समिति ने लोगों से राय मांगी, सुझाव भेजने की अंतिम तारीख 15 जनवरी

जनता से सुझाव मांगने का कारगर तरीका अपनाते हुए, समिति ने बताया कि वर्तमान कानूनी प्रशासनिक ढांचे में सुधार के लिए उन्हें लोगों की राय की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर लोगों की भागीदारी के लिए समिति ने विभिन्न सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर सुझाव भेजने की अनुमति दी है और इसके लिए आखिरी तारीख 15 जनवरी तक बताई है।

राजनीतिक दलों को स्मरण, विधि आयोग से भी ली राय

पिछले सितम्बर में हुई बैठकों में समिति ने सात राष्ट्रीय दलों, 33 क्षेत्रीय दलों, और सात पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को इस मुद्दे पर राय देने के लिए पत्र लिखा था। समिति ने इस बारे में राजनीतिक दलों को स्मरण भी कराया है और उन्हें इस मुद्दे पर विचार-विमर्श में भाग लेने के लिए पुनः आमंत्रित किया है।

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एक राष्ट्र एक चुनाव’ से जुड़े मुद्दे पर विधि आयोग को भी राय दी

समिति ने इस मुद्दे पर विधि आयोग से भी राय ली है और उन्हें इस मुद्दे पर फिर से विचार-विमर्श करने का सुझाव दिया है। विधि आयोग के साथ इस मुद्दे पर भी विचार-विमर्श हो सकता है जिससे एक समर्पित और सुधारित चुनाव प्रक्रिया की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।

सारांश: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ समिति ने जनता से सुझाव मांगा है और इस मुद्दे पर राष्ट्रीय दलों, क्षेत्रीय दलों, और विधि आयोग से भी राय ली है। समिति ने लोगों से सुझाव भेजने की अंतिम तारीख 15 जनवरी तक बताई है और इस मुद्दे पर सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी सुझाव भेजने की अनुमति दी है।

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सामान्य प्रश्न (FAQs) ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के बारे में

सवाल: 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' समिति क्या है?

उत्तर: 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' समिति पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित है, जो देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए लोगों से सुझाव मांग रही है।

सवाल: 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' समिति ने लोगों से कैसे सुझाव मांगा है?

उत्तर: समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स का सही से उपयोग करके लोगों से चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए सुझाव भेजने की अनुमति दी है। लोग 15 जनवरी तक अपने विचार समिति को पहुंचा सकते हैं।

सवाल: 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' समिति ने राजनीतिक दलों को क्यों आमंत्रित किया गया है?

उत्तर: समिति ने राजनीतिक दलों को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से जुड़े मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए पुनः आमंत्रित किया है, ताकि उनकी राय से एक समर्थनशील चुनाव प्रक्रिया की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।

सवाल: विधि आयोग से समिति ने कैसे सहयोग किया है?

उत्तर: समिति ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से जुड़े मुद्दों पर विधि आयोग से राय ली है और उन्हें इस मुद्दे पर फिर से विचार-विमर्श करने की संभावना जताई है। इसके माध्यम से सहयोग करके एक सुधारित चुनाव प्रक्रिया को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।

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