नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का निर्णय: क्या यह नारियल उत्पादकों के लिए लाभदायक होगा?

नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का निर्णय

नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी: एक नई कदम, एक नई ऊर्जा

नई दिल्ली: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का ऐलान किया है, जिससे नारियल उत्पादकों को सुधारित मूल्य मिलेगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यह घोषणा की, और बताया कि इस नए कदम से खोपरा उत्पादकों को बेहतरीन आदान-प्रदान होगा।

न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मंजूरी:

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2024 के लिए खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) में वृद्धि को मंजूरी दी है। इस निर्णय के तहत, मिलिंग खोपरा के लिए प्रति क्विंटल 300 रुपये और बॉल खोपरा के लिए 250 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। यह नया समर्थन मूल्य 2014-15 के मुकाबले मिलिंग खोपरा के लिए प्रति क्विंटल 5250 रुपये से बढ़कर 11160 रुपये और बॉल खोपरा के लिए 5000 रुपये से बढ़कर 12000 रुपये हो जाएगा।

सुधारित मूल्य से किसानों को लाभ:

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि यह नई नीति खोपरा उत्पादकों को बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखती है। इसके माध्यम से किसानों को बेहतरीन आदान-प्रदान होगा और उन्हें अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस नए समर्थन मूल्य से मिलिंग खोपरा के उत्पादकों को करीब 52 प्रतिशत और बॉल खोपरा के उत्पादकों को 63 प्रतिशत से अधिक लाभ होगा। इससे किसानों को उत्पादन की अधिक आदान-प्रदान के लिए प्रेरित किया जाएगा, जो उन्हें अधिक आय का स्रोत प्रदान करेगा।

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नारियल का महत्व:

नारियल, भारतीय रसोईयों का अभिन्न हिस्सा है और इसका उपयोग तेल निकालने और खाने योग्य खोपरा के रूप में होता है। कई राज्यों में नारियल का उत्पादन एक महत्वपूर्ण कृषि उद्योग है, जिससे लाखों किसानों को रोजगार मिलता है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास होता है और किसानों को बेहतर जीवन की संभावना मिलती है।

खोपरा के उपयोग:

मिलिंग खोपरा का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जबकि बॉल या खाने योग्य खोपरा को सूखे फल के रूप में खाया जाता है और धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। केरल और तमिलनाडु में मिलिंग खोपरा के और कर्नाटक बॉल खोपरा का प्रमुख उत्पादक हैं।

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रिकॉर्ड खोपरा खरीद:

सरकार ने इस वर्ष में खोपरा की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है, जिसमें एक हजार चार सौ 93 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 1 लाख 33 हजार मीट्रिक टन से अधिक शामिल है। इससे लगभग 90 हजार किसानों को लाभ हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 227 प्रतिशत अधिक है।

सरकार की भूमिका:

सरकार ने इस नए समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानों को अधिक आदान-प्रदान के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है। खोपरा उत्पादकों को बेहतर मूल्य देकर उन्हें सुरक्षित और स्थायी आय का स्रोत प्रदान करने का उद्देश्य है। इससे खोपरा उत्पादकों को अधिक उत्साहित किया जाएगा और उन्हें अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाएगा।

खोपरा की खरीद में वृद्धि:

सरकार ने इस वर्ष में खोपरा की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है, जिससे करीब 90 हजार किसानों को लाभ हुआ है। इस वर्ष की खरीद पिछले वर्ष की तुलना में 227 प्रतिशत अधिक है। इससे किसानों को अधिक विकल्प मिलेंगे और उन्हें अपने उत्पादों को बेचने के लिए अधिक बाजार मिलेगा।

समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से खोपरा उत्पादकों की प्रतिबद्धता:

नारियल उत्पादकों की समृद्धि के लिए इस समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का फायदा होगा। इससे उत्पादकों को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और वे अपने उत्पादों के लिए बेहतर बाजार चुन सकेंगे। सरकार का यह कदम खोपरा उत्पादकों के लिए एक नई ऊर्जा का स्रोत है, जिससे इस क्षेत्र में नए उत्पादकों को प्रेरित किया जा सकता है।

खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का यह निर्णय न केवल खोपरा उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्रदान करेगा, बल्कि यह उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाएगा। साथ ही, इससे खोपरा उत्पादकों को बेहतर जीवन की संभावना मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि होगी। सरकार की इस पहल से खोपरा उत्पादकों को नए उत्साह के साथ अगले उत्पादन सत्र की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होता है।

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FAQs:

प्रश्न: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कौन-कौन से नए निर्णयों की घोषणा की हैं?

उत्तर: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने खोपरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का निर्णय लेने का एक नया कदम घोषित किया है।

प्रश्न: न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का निर्णय किस वर्ष के लिए हुआ है?

उत्तर: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि को वर्ष 2024 के लिए मंजूरी दी है।

प्रश्न: नये समर्थन मूल्य के तहत मिलिंग खोपरा और बॉल खोपरा के लिए क्या बढ़ोतरी होगी?

उत्तर: नए समर्थन मूल्य के अनुसार, मिलिंग खोपरा के लिए प्रति क्विंटल 300 रुपये और बॉल खोपरा के लिए 250 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है।

प्रश्न: किसानों को इस नए समर्थन मूल्य से कैसे लाभ होगा?

उत्तर: नए समर्थन मूल्य से, मिलिंग खोपरा के उत्पादकों को करीब 52 प्रतिशत और बॉल खोपरा के उत्पादकों को 63 प्रतिशत से अधिक लाभ होगा, जिससे किसानों को उत्पादन की अधिक आदान-प्रदान के लिए प्रेरित किया जाएगा।

प्रश्न: नारियल का किस क्षेत्र में महत्व है और इसका क्या उपयोग है?

उत्तर: नारियल भारतीय रसोईयों का अभिन्न हिस्सा है और इसका उपयोग तेल निकालने और खाने योग्य खोपरा के रूप में होता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि होती है।

प्रश्न: सरकार ने खोपरे की खरीद में कैसे वृद्धि की है और इससे किसानों को कैसे फायदा हो रहा है?

उत्तर: सरकार ने इस वर्ष में खोपरे की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है, जिससे करीब 90 हजार किसानों को लाभ हुआ है और उन्हें अधिक बाजार मिला है।

प्रश्न: सरकार का खोपरा उत्पादकों के लिए नया समर्थन मूल्य का निर्णय कैसे सहायक होगा?

उत्तर: नया समर्थन मूल्य खोपरा उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्रदान करके उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाएगा और उन्हें अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित करेगा।

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