Clean Temple Campaign: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में तीर्थस्थलों को स्वच्छ बनाने के लक्ष्य से स्वच्छ मंदिर अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की शुरुआत 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले हुई, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने एक वीडियो के माध्यम से साझा किया।
प्रधानमंत्री का आह्वान: स्वच्छता के लिए एकजुट हों
अपने इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक वीडियो में प्रधानमंत्री ने लोगों को अयोध्या को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “मकर संक्रांति से छोटे तीर्थस्थलों पर स्वच्छता अभियान शुरू करें और 22 जनवरी तक जारी रखें।” इसके साथ ही उन्होंने अयोध्यावासियों से आह्वान किया कि वे रामनगरी को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का संकल्प लें।
सभी वर्गों का समर्थन: सांसद, विधायक, पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सभी वर्गों के नेताओं का समर्थन है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि स्वच्छता अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सांसद, विधायक, और पंचायत प्रतिनिधियों सहित सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों को पूजा स्थलों की पहचान करने का काम सौंपने का भी आदान-प्रदान किया है।
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भगवान राम का संदेश: सभी मंदिरों और तीर्थस्थलों को स्वच्छ बनाएं
पहल की समावेशी प्रकृति पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भगवान राम सभी के हैं और जब भगवान राम आ रहे हैं, तो एक भी मंदिर या तीर्थस्थल गंदा नहीं रहना चाहिए।” उन्होंने यह भी जताया कि इस अभियान में भाग लेने के लिए सभी को एक साथ आने का आह्वान किया है ताकि सभी मंदिरों और तीर्थस्थलों को प्रशासनिक और सामाजिक दृष्टि से स्वच्छ बनाया जा सके।
यात्रा की योजना: राष्ट्रवादी नेताओं का भी समर्थन
स्वच्छ मंदिर अभियान के सफल होने के लिए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रवादी नेताओं को भी यात्रा के दौरान उनके साथ चलने का आमंत्रण दिया है। इसके तहत, सांसदों, विधायकों, और पंचायत प्रतिनिधियों को नए स्वच्छता कार्यों की योजना बनाने का भी निर्देश दिया गया है।
स्वच्छता का संकल्प: रामनगरी को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का मिशन
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां आयोध्या के वासियों से भी बातचीत की और कहा कि देशभर से लोग अब नियमित रूप से अयोध्या आएंगे, इसलिए अयोध्यावासियों को रामनगरी को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का संकल्प लेना चाहिए। इस प्रकार, यह स्वच्छता का संकल्प न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि स्थानीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है।
स्वच्छ मंदिर अभियान की अनूठी पहल: प्रधानमंत्री का संदेश
यह स्वच्छ मंदिर अभियान एक अनूठी पहल है जो तीर्थस्थलों को स्वच्छ बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इससे स्पष्ट है कि सरकार सिरियसली स्वच्छता के मामले में कदम उठा रही है और देशवासियों से भी इसमें भाग लेने का आमंत्रण किया जा रहा है।
समापन सुचना: योजना के अनुसार कदम बढ़ाए जाएंगे
इस स्वच्छ मंदिर अभियान के अंत में, एक समापन सुचना जारी की जाएगी जिसमें योजना के अनुसार लिए गए कदमों का संक्षेप होगा। साथ ही, अयोध्या के स्थानीय लोगों की राय और अनुभवों को भी साझा किया जाएगा।
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समाप्ति में: रामनगरी को स्वच्छता का नया दृष्टिकोण
इस समाप्ति में, स्वच्छ मंदिर अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता के प्रति अपने समर्पण को दिखाया है और देशवासियों से मिलकर एक स्वच्छ और सुरक्षित तीर्थस्थल की दिशा में कदम बढ़ाने का आह्वान किया है। इस पहल के माध्यम से भारत को स्वच्छता की दिशा में एक नया दृष्टिकोण मिला है, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ स्वच्छ भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकती हैं। इस अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है कि तीर्थस्थलों को सफाई, हरितालिका और पर्यावरण सुरक्षा में निर्मित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि इस अभियान में सभी राजनीतिक दलों को समर्थन दिया जा रहा है ताकि स्वच्छता के मुद्दे पर एक मिलनसर स्थिति बने रहे। सार्वजनिक प्रतिनिधियों को भी इसमें सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया गया है, जिससे अधिक से अधिक लोग इस अभियान में शामिल हो सकें।
इसके साथ ही, यह अभियान एक सामाजिक संदेश के साथ आयोध्या को भी बनाए रखने का लक्ष्य रखता है। अयोध्या को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का संकल्प लेने वाले लोगों को समर्थन और प्रेरणा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ने उनसे मिलकर एक साथ काम करने की अपील की है।
इस अभियान के माध्यम से सार्वजनिक स्थलों, मंदिरों और तीर्थस्थलों की स्वच्छता का महत्वपूर्ण संदेश दिया जा रहा है। लोगों को स्वच्छता में योगदान करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है ताकि हम एक स्वस्थ, हरित, और सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।
इस स्वच्छ मंदिर अभियान के साथ, हम नहीं केवल अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं, बल्कि हम भगवान की भक्ति में भी अद्भुत उत्साह और समर्पण दिखा रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से हम अपने समृद्धि और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जो न केवल व्यक्तिगत बल्कि समृद्धि के स्तर पर भी होनी चाहिए।
इस सभी कोशिशों के बावजूद, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी एक समृद्ध और स्वच्छ भविष्य की दिशा में मिलकर काम करें ताकि हम सभी को गर्वित महसूस कर सकें। स्वच्छता का यह संदेश हमें यह दिखा रहा है कि हमारे कदमों से ही हम अपने भविष्य को सुन्दर बना सकते हैं, एक स्वच्छ भविष्य की ओर प्रगाढ़न कर सकते हैं।
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सामान्य प्रश्न (FAQs) स्वच्छ मंदिर अभियान के बारे में
प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियान क्यों शुरू किया?
उत्तर: प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियान का शुरूआत करते हुए तीर्थस्थलों को स्वच्छ बनाने और लोगों को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करने का है।
अयोध्या में ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियान की शुरुआत क्यों हुई?
उत्तर: अयोध्या में ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियानकी शुरुआत 22 जनवरी को राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले हुई, जिससे इस अभियान को भगवान राम के नाम से जोड़ा गया है।
कौन-कौन से नेता इस ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियान में शामिल होंगे?
उत्तर: सभी राजनीतिक दलों के सांसद, विधायक, और पंचायत प्रतिनिधियों को इस ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियानमें समर्थन देने के लिए आमंत्रित किया गया है।
क्या अयोध्यावासियों को कोई विशेष आह्वान है?
उत्तर: हां, प्रधानमंत्री ने अयोध्यावासियों से बातचीत करते हुए कहा है कि वे रामनगरी को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का संकल्प लें।
क्या यह ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियान सिर्फ ‘स्वच्छता’ पर ही केंद्रित है?
उत्तर: हां, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य तीर्थस्थलों को स्वच्छ बनाना है, लेकिन इससे साथ ही सामाजिक संदेश भी जारी किया जा रहा है कि हमें अपने सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता का सजीव समर्थन करना चाहिए।
यह ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियान आम जनता के भी लिए है, या सिर्फ सरकारी अधिकारियों के लिए है?
उत्तर: इस ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियानमें सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सांसद, विधायक, पंचायत प्रतिनिधियों सहित सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल किया जा रहा है।
इस ‘स्वच्छ मंदिर’ अभियान से कैसे सुनिश्चित होगा कि स्वच्छता की दिशा में लोगों का सहयोग हो रहा है?
उत्तर: इस अभियान में सांसद, विधायक, और पंचायत प्रतिनिधियों सहित सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल करके सुनिश्चित किया जा रहा है कि स्वच्छता अभियान की सफलता होने के लिए सभी लोगों का सहयोग हो।