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सरकारी साझेदारी और समृद्धि: मुख्य सचिवों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन

मुख्य सचिवों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में संवाद और साझेदारी की बातें

नई दिल्ली: आज नई दिल्ली में मुख्य सचिवों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का अंतिम दिन है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। यह सम्मेलन विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के मुख्य सचिवों को एक स्थान पर मिलकर विचार-विमर्श करने का मंच प्रदान करता है। इसमें सहकारिता संघवाद के सिद्धांतों पर चर्चा होगी, जिसका उद्देश्य सरकारी प्रयासों की डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के जीवनस्तर को बेहतर बनाना है।

प्रधानमंत्री की प्रेरणा और अगुआई में तीसरा सम्मेलन:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल आयोजित हुए सम्मेलन की अध्यक्षता की, जिससे यह उनके तीसरे सम्मेलन का है। पहला सम्मेलन धर्मशाला में जून 2022 में हुआ था, जबकि दूसरा सम्मेलन इस वर्ष जनवरी में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सहकारिता संघवाद के सिद्धांतों पर चलने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित करना है।

साझेदारी को बढ़ावा देने का प्रयास:

इस सम्मेलन में दो सौ से अधिक प्रतिनिधियां हिस्सा लेंगीं, जिनमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव, और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह साझेदारी को बढ़ावा देने का प्रयास है, जो सरकारी प्रयासों की गुणवत्ता और गति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है।

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विशेषज्ञों से चर्चा

इस सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों की चर्चा होगी, जिसमें कल्याण योजनाओं, भूमि और संपत्ति, बिजली, पेय जल, स्वास्थ्य, और स्कूली शिक्षा जैसी सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण डिलीवरी पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही, साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में उभरती चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श होगा।

विकास एजेंडा को सामान्य लोगों के पास लाने का प्रयास

सम्मेलन का उद्देश्य है सरकारी प्रयासों की डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए सहयोगी कार्रवाई का आधार तैयार करना है। इसमें जीवन सुगमता और राज्यों की भागीदारी से सामान्य विकास एजेंडा को लागू करने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मुद्दे और चुनौतियों पर विचार-विमर्श

सम्मेलन में साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में विचार-विमर्श होना है, जो आधुनिक समय की चुनौतियों में से एक हैं। इसके साथ ही, सम्मेलन में मादक पदार्थों के सेवन से मुक्ति तथा पुनर्वास, अमृत सरोवर, पर्यटन संवर्धन, राज्यों की भूमिका तथा ब्रांडिंग, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

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समर्पण का संकल्प

सम्मेलन का आज का दिन बड़े समर्पण और सहयोग का रहा है। सरकारों और केंद्र सरकार के बीच तात्कालिक मुद्दों और चुनौतियों पर साझा मुटाबिक करने के लिए एक मंच बना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में इस सम्मेलन ने सहकारिता और साझेदारी के माध्यम से समृद्धि की ओर कदम बढ़ाने का उद्देश्य रखा है।

समापन और आगामी कदम

इस तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन के साथ, समृद्धि और सहयोग की बातें साझा हुईं हैं। आगे चलकर सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर समृद्धि के लिए नए कदम उठाएंगी और देश को एक मजबूत, समृद्ध और समृद्धिवादी दिशा में अग्रसर करेंगी।

नई दिल्ली में मुख्य सचिवों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आज अंतिम दिन है, जिसमें सरकारों के बीच साझेदारी और समृद्धि के मार्ग पर चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में यह सम्मेलन नए सुझावों और कदमों के साथ समाप्त हो रहा है, जो देश को आगे बढ़ान जो देश को आगे बढ़ाने में सहायता करेगी।

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FAQs:

सचिवों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन क्या है?

उत्तर: मुख्य सचिवों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन एक प्लेटफ़ॉर्म है जहां भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के मुख्य सचिव मिलकर विचार-विमर्श करते हैं। इसका उद्देश्य सरकारी प्रयासों की डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के जीवनस्तर को बेहतर बनाना है।

प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में किस विषय पर अध्यक्षता की?

उत्तर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में सहकारिता संघवाद के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए अध्यक्षता की। यह सम्मेलन राज्यों और केंद्र सरकार को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित करने का उद्देश्य रखता है।

सम्मेलन में साझेदारी को कैसे बढ़ावा दिया जा रहा है?

उत्तर: सम्मेलन में साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए दो सौ से अधिक प्रतिनिधियां भाग लेंगीं, जिनमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव, और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास है, जो सरकारी प्रयासों की गुणवत्ता और गति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है।

सम्मेलन में कौन-कौन से विषयों पर चर्चा हो रही है?

उत्तर: सम्मेलन में विशेषज्ञों से विभिन्न विषयों पर चर्चा हो रही है, जैसे की कल्याण योजनाओं, भूमि और संपत्ति, बिजली, पेय जल, स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा, साइबर सुरक्षा, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है सरकारी प्रयासों की डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए सहयोगी कार्रवाई का आधार तैयार करना है।

सम्मेलन के समापन के बाद क्या होगा?

उत्तर: सम्मेलन के समापन के बाद, सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर समृद्धि के लिए नए कदम उठाएंगी और देश को एक मजबूत, समृद्ध और समृद्धिवादी दिशा में अग्रसर करेंगी।

 

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