[Source: The Hindu]
संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से
RBI की मौद्रिक नीति समिति में 3 नए सदस्यों की नियुक्ति
परिचय
- नियुक्ति तारीख: 1 अक्टूबर 2024
- 3 नए बाहरी सदस्य:
- प्रो. राम सिंह (दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डायरेक्टर)
- सौगत भट्टाचार्य (अर्थशास्त्री)
- डॉ. नागेश कुमार (इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव)
- पुनर्गठन: भारत सरकार द्वारा मौद्रिक नीति समिति का पुनर्गठन
मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee / MPC)
गठन
- भारत सरकार द्वारा गठित, जिसका उद्देश्य ब्याज दर निर्धारण को अधिक उपयोगी और पारदर्शी बनाना है।
- इसका गठन 27 जून, 2016 को किया गया।
- 2016 के वित्त अधिनियम ने RBI अधिनियम 1934 में संशोधन किया।
- 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति का प्रावधान किया।
- केंद्र सरकार ने 29 सितंबर 2016 को RBI की पहली मौद्रिक नीति समिति को अधिसूचित किया।
- आवृत्ति: हर दो महीने में मीटिंग।
कानूनी प्रावधान
- RBI अधिनियम 1934, धारा ZB
- कुल सदस्य: 6
- मौद्रिक नीति समिति का अध्यक्ष: RBI के गवर्नर
मौद्रिक नीति का उद्देश्य
- केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों पर नियंत्रण करना।
- अर्थव्यवस्था में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करना।
- मूल्य स्थिरता बनाए रखना।
- उच्च विकास दर के लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करना।
मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्य
- नयी MPC में छह सदस्यों का एक पैनल है:
- तीन सदस्य RBI से:
- एक गवर्नर
- एक डिप्टी गवर्नर
- एक अन्य अधिकारी
- तीन स्वतंत्र सदस्य:
- भारत सरकार द्वारा चुने गए।
- तीन सदस्य RBI से:
- मौद्रिक नीति निर्धारण के लिए यह समिति वर्ष में चार बार बैठकें करेगी और सर्वसम्मति से निर्णय लेगी।
- यदि ‘हाँ’ या ‘न’ के बारे में बराबर का मत आता है, तो गवर्नर को निर्णायक मत देने का अधिकार होगा।
वर्तमान सदस्य
- भारत सरकार द्वारा चुने गए 3 नए बाहरी सदस्य:
- प्रो. राम सिंह (दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डायरेक्टर)
- सौगत भट्टाचार्य (अर्थशास्त्री)
- डॉ. नागेश कुमार (इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव)
- RBI के 3 सदस्य:
- गवर्नर: शक्तिकांत दास,
- डिप्टी गवर्नर: डॉ. माइकल पात्रा,
- एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर: राजीव रंजन
बाहरी सदस्यों का कार्यकाल
- मौद्रिक नीति समिति का कार्यकाल चार वर्षों के लिए होता है। कार्यकाल पूरा होने के बाद नई MPC का गठन किया जाता है।
- पुनर्नियुक्ति: पात्र नहीं
- हटाने के कारण:
- सरकार कुछ आधारों पर सदस्यों को समय से पहले हटा सकती है।
- सदस्यों द्वारा इस्तीफे का अधिकार।
- पूर्व सदस्य: प्रोफेसर आशिमा गोयल, प्रोफेसर जयंत वर्मा, शशांक भिडे (कार्यकाल समाप्त)
मौद्रिक नीति समिति के कार्य
- कानूनी प्रावधान: भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ZA
- मुख्य कार्य:
- भारत सरकार द्वारा निर्धारित मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आरबीआई की नीति दरें निर्धारित करना।
- मुद्रास्फीति लक्ष्य:
- हर 5 वर्ष में एक बार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के संदर्भ में निर्धारित किया जाता है।
- निर्धारण: भारत सरकार, आरबीआई के परामर्श से।
मीटिंग विवरण
- तारीख: मीटिंग: 7-9 अक्टूबर
- अध्यक्षता: डॉ. शक्तिकांत दास
- विषय: ब्याज दर का फैसला
- पिछली मीटिंग: अगस्त 2024, ब्याज दर में बदलाव नहीं।
- उम्मीद: अक्टूबर की मीटिंग में भी ब्याज दर में बदलाव की उम्मीद नहीं।
- मीटिंग के फैसले: 9 अक्टूबर को RBI गवर्नर द्वारा बताए जाएंगे।
- आवृत्ति: हर दो महीने में मीटिंग होती है।
- अंतिम दर में बदलाव: फरवरी 2023 में 0.25% की वृद्धि (कुल 6.5%)
खोज एवं चयन समिति के बारे में
- उद्देश्य: RBI की मौद्रिक नीति समिति के सदस्यों के नामों की सिफारिश करना।
- कानूनी प्रावधान: भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934, धारा ZC
- खोज एवं चयन समिति के सदस्य:
- अध्यक्ष: टीवी सोमनाथन (कैबिनेट सचिव)
- प्रतिनिधि: भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर या उनके प्रतिनिधि (डिप्टी गवर्नर के पद से नीचे नहीं)
- आर्थिक मामलों का विभाग: अजय सेठ (सचिव, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार)
- विशेषज्ञ: केंद्र सरकार द्वारा नामांकित 3 विशेषज्ञ (अर्थशास्त्र/बैंकिंग/वित्त/मौद्रिक नीति में विशेषज्ञता)
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) के बारे में
- स्थापना:
- स्थापित: 1 अप्रैल, 1935; 89 वर्ष पूर्व
- स्थान: कोलकाता, भारत
- संस्थापक: ब्रिटिश राज
- मुख्यालय: मुंबई, भारत
- मुख्य व्यक्ति:
- गवर्नर: शक्तिकांत दास
- डिप्टी गवर्नर:
- M. राजेश्वर राव
- स्वामीनाथन जे
- टी. रबी संकर
- डॉ. एम.डी. पात्रा
- मुख्य दस्तावेज़: भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934
- भारत का केंद्रीय बैंक और नियामक निकाय है, जो भारतीय बैंकिंग प्रणाली के नियमन के लिए जिम्मेदार है।
- स्वामित्व: यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन है और भारतीय रुपया के नियंत्रण, जारी करने और आपूर्ति बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।
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