संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से
1. डॉ. जितेंद्र सिंह को ‘प्रतिष्ठित मार्गदर्शक पुरस्कार’ मिला
परिचय
- पुरस्कार: वर्ष के ‘प्रतिष्ठित मार्गदर्शक पुरस्कार’
- समारोह: ACP-इंडिया चैप्टर का 9वां वार्षिक सम्मेलन, लखनऊ
- पुरस्कार देने वाली संस्था: अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन
स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की स्थिति
- भारत का योगदान: चिकित्सा स्वास्थ्य, अनुसंधान, और चिकित्सा शिक्षा में नेतृत्व
- सहयोग: निजी, सार्वजनिक क्षेत्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच
स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की चुनौतियाँ
- गैर-संचारी और संक्रामक रोग: दोनों में वृद्धि, पश्चिमी देशों में भी संक्रमण का खतरा
- सहयोग: भारत-अमेरिका के बीच अनुसंधान में संभावनाएँ
अंतरिक्ष क्षेत्र में में भारत की स्थिति
- निजी निवेश: प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी निवेश की अनुमति
- परिणाम: भारी निवेश और स्टार्टअप्स की संख्या में वृद्धि
- अंतरिक्ष: भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुक्ला का अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन मिशन में शामिल होना
युवा पीढ़ी और निवारक स्वास्थ्य
- प्राथमिकता: निवारक स्वास्थ्य देखभाल
- उद्देश्य: राष्ट्र निर्माण में युवाओं की ऊर्जा का समर्पण
- 2047 का लक्ष्य: विकसित भारत का निर्माण
2. मनु भाकर का सम्मान समारोह
- सम्मानित: केंद्रीय पत्तन, पोत और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा
- स्थान: दिल्ली
- पुरस्कार: ‘फूलम गामुसा’, एक मॉडल जहाज, और इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन (आईपीए) द्वारा ₹10 लाख का चेक
- विशेष उपलब्धि: पेरिस ओलंपिक 2024 में डबल कांस्य पदक विजेता
- उद्देश्य: सम्मान और पुरस्कार प्रदान करना
3. थल सेना प्रमुख द्वारा भारतीय खिलाड़ियों का सम्मान
परिचय
- स्थान: साउथ ब्लॉक
- उद्देश्य: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय सेना के खिलाड़ियों का सम्मान
- प्रमुख भूमिका: खेल प्रतिभाओं को पोषित करना
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय दल की उपलब्धियाँ
- कुल पदक: 6 (1 रजत, 5 कांस्य)
- प्रमुख प्रदर्शन:
- सूबेदार मेजर नीरज चोपड़ा (भाला फेंक) – रजत पदक
- सुब बोम्मांडेवारा धीरज (तीरंदाजी) – चौथा स्थान
- थल सेना का ओलंपिक योगदान
- खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व: 11.11% (13/117)
- पदक योगदान: 16.66%
- मुक्केबाज़ी: हवलदार जैस्मीन (पहली महिला खिलाड़ी)
भारतीय थल सेना की खेल में भूमिका
- मिशन ओलंपिक विंग (एमओडब्ल्यू): 2001 में स्थापना, खेल प्रतिभाओं की पहचान और प्रोत्साहन
- खेल कंपनियाँ: 2 गर्ल्स स्पोर्ट्स कंपनियाँ, 18 बॉयज़ स्पोर्ट्स कंपनियाँ
पिछले ओलंपिक में थल सेना के प्रमुख योगदान
- 2004 एथेंस: कर्नल आर.वी.एस. राठौर – रजत पदक (निशानेबाजी)
- 2012 लंदन: सब मेजर विजय कुमार – रजत पदक (निशानेबाजी)
- 2020 टोक्यो: सब मेजर नीरज चोपड़ा – स्वर्ण पदक (भाला फेंक)
- 2024 पेरिस: सब मेजर नीरज चोपड़ा – रजत पदक (भाला फेंक)
थल सेना के 2023 एशियाई खेल में योगदान
- कुल पदक: 20 (3 स्वर्ण, 7 रजत, 10 कांस्य)
थल सेना प्रमुख के विचार
- मुख्य विचार: खिलाड़ियों का अनुशासन, दृढ़ता, और समर्पण थल सेना के मूल मूल्यों का प्रतीक
- थल सेना की भूमिका: राष्ट्र के लिए शक्ति, वीरता, और अनुशासन का स्तंभ; खेल और सामाजिक-सांस्कृतिक योगदान
(Source: AIR News, PIB News, DD News, BBC News, Bhaskar News ,Wikipedia)
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