The New Sites

RailTel, NHPC, SECI, SJVN को मिला नवरत्न का दर्जा

संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से

RailTel, NHPC, SECI, SJVN को मिला नवरत्न का दर्जा

 परिचय

  • तारीख: 30 अगस्त, 2024
  • प्राप्त दर्जा: ‘नवरत्न’ कंपनी
    • RailTel, NHPC, SECI, SJVN को मिला नवरत्न का दर्जा
    • पहले मिनी रत्न श्रेणी के अंतर्गत आती थीं ये कंपनियाँ
    • नवरत्न बनने के बाद ऑपरेशनल फ्रीडम और वित्तीय स्वायत्तता में वृद्धि
  • प्रदानकर्ता: सार्वजनिक उद्यम विभाग (वित्त मंत्रालय)
  • CMD: श्री आर.के. चौधरी

नई नवरत्न कंपनियाँ:

  • रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया(RailTel): 22वां नवरत्न
  • सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI): 23वां नवरत्न
  • एनएचपीसी(NHPC): 24वां नवरत्न
  • सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN): 25वां नवरत्न

नवरत्न बनने के की शर्तें

  • मिनीरत्न श्रेणी-1:
    • CPSE पहले से मिनीरत्न श्रेणी-1 में हो
  • रेटिंग:
    • पिछले 5 में से 3 वर्षों में ‘उत्कृष्ट’ या ‘बहुत अच्छा’ समझौता ज्ञापन रेटिंग
  • समग्र स्कोर:
    • पहचाने गए 6 प्रदर्शन संकेतकों में 60 या उससे अधिक का स्कोर

नवरत्न का दर्जा मिलने के फायदे

  • बिना मंजूरी निवेश:
    • 1,000 करोड़ रुपये या कुल संपत्ति का 15% तक निवेश
  • स्वतंत्र निर्णय:
    • बिना अनुमति प्रौद्योगिकी संयुक्त उद्यम स्थापित करना
    • वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियाँ स्थापित करना
  • अन्य फायदे
    • परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता
    • निर्णय लेने में तेजी
    • कर्मचारी सशक्तिकरण
    • बढ़ी हुई बाजार पहुंच और तकनीकी गठबंधन
    • विलय और अधिग्रहण में सुगमता

महारत्न और नवरत्न का दर्जा:

  • केवल CPSE कंपनियों के लिए:
    • निजी क्षेत्र की कंपनियाँ शामिल नहीं।
    • नवरत्न से अपग्रेड होकर ही महारत्न बन सकती हैं।

NHPC लिमिटेड की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं

  • कुल स्थापित क्षमता: 7144.20 मेगावाट
  • निर्माणाधीन परियोजनाएं: 10442.70 मेगावाट
  • मुख्य परियोजनाएं:
    • सुबनसिरी लोअर परियोजना (2000 मेगावाट)
    • दिबांग बहुउद्देश्यीय परियोजना (2880 मेगावाट)
  • लक्ष्य
    • 2032 तक: 23000 मेगावाट
    • 2047 तक: 50000 मेगावाट

NHPC लिमिटेड के बारे में

  • स्थापना: 1975
  • पुराना नाम: नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (1975)
  • नाम परिवर्तन: एनएचपीसी लिमिटेड (28 मार्च 2008)
  • प्रशासनिक नियंत्रण: केंद्रीय विद्युत मंत्रालय
  • मुख्यालय: फ़रीदाबाद, हरियाणा
  • अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: राज कुमार चौधरी

25 नवरत्न कंपनियों के नाम

  1. Bharat Electronics Limited
  2.  Container Corporation of India Limited
  3.  Engineers India Limited
  4. Hindustan Aeronautics Limited
  5. Mahanagar Telephone Nigam Limited
  6.  National Aluminium Company Limited
  7.  National Buildings Construction Corporation Limited
  8. Neyveli Lignite Corporation Limited
  9. NMDC Limited
  10. Rashtriya Ispat Nigam Limited
  11. Shipping Corporation of India Limited
  12.  Rail Vikas Nigam Limited
  13. ONGC Videsh Ltd
  14. Rashtriya Chemicals & Fertilizers Limited
  15.  IRCON
  16.  RITES
  17. National Fertilizers Limited
  18.  Central Warehousing Corporation
  19. Housing & Urban Development Corporation Limited
  20. Indian Renewable Energy Development Agency Limited
  21. Mazagon Dock Shipbuilders Limited
  22. Railtel Corporation of India Limited
  23.  Solar Energy Corporation of India Limited
  24. National Hydroelectric Power Corporation Limited
  25. Satluj Jal Vidyut Nigam Ltd.

मिनी रत्न और नवरत्न के बीच अंतर

विशेषताएँमिनी रत्न (Mini Ratna)नवरत्न (Navratna)
उप-श्रेणियाँ– दो श्रेणियाँ: मिनी रत्न श्रेणी-I और मिनी रत्न श्रेणी-II– कोई उप-श्रेणियाँ नहीं।
स्वायत्तता और वित्तीय शक्ति– श्रेणी-I: ₹500 करोड़ तक निवेश की स्वायत्तता।– एकल परियोजना में ₹1,000 करोड़ या कुल संपत्ति का 15% तक निवेश की स्वायत्तता।
– श्रेणी-II: ₹300 करोड़ तक निवेश की स्वायत्तता।
प्रदर्शन का मापदंड– लाभकारी होना आवश्यक।– पहले से मिनी रत्न श्रेणी-I में होना आवश्यक।
– पिछले 3 वर्षों में लगातार लाभ।– पिछले 5 में से 3 वर्षों में ‘उत्कृष्ट’ या ‘बहुत अच्छा’ MoU रेटिंग।
स्वायत्तता का स्तर– सीमित स्वायत्तता।– अधिक वित्तीय और परिचालन स्वायत्तता।
कंपनियों की संख्या– 74 (मिनी रत्न श्रेणी-I) और 62 (मिनी रत्न श्रेणी-II) (2024 तक)।– 23 (अगस्त 2024 तक)।
मुख्य लाभ– सीमित स्वायत्तता और निवेश की छूट।– अधिक स्वायत्तता, निर्णय लेने की स्वतंत्रता और बड़े निवेश की क्षमता।

नवरत्न और महारत्न के बीच अंतर

विशेषताएँनवरत्न (Navratna)महारत्न (Maharatna)
प्रदर्शन का मापदंड– मिनी रत्न श्रेणी-I में होना आवश्यक।– नवरत्न का दर्जा पहले से प्राप्त होना चाहिए।
– पिछले 5 में से 3 वर्षों में ‘उत्कृष्ट’ या ‘बहुत अच्छा’ MoU रेटिंग।– औसत वार्षिक टर्नओवर ₹25,000 करोड़ या शुद्ध लाभ ₹5,000 करोड़।
– 6 प्रदर्शन संकेतकों में 60 या उससे अधिक का स्कोर।– नेट वर्थ कम से कम ₹15,000 करोड़।
स्वायत्तता और वित्तीय शक्ति– एकल परियोजना में 1,000 करोड़ रुपये तक का निवेश।– एकल परियोजना में 5,000 करोड़ रुपये तक का निवेश।
– सरकार की अनुमति के बिना तकनीकी संयुक्त उद्यम और विदेशी कार्यालयों की स्थापना।– अंतरराष्ट्रीय विस्तार और अधिग्रहण में अधिक स्वतंत्रता।
कंपनियों की संख्या– 23 (अगस्त 2024 तक)।– सीमित संख्या में विशेष कंपनियाँ।

 

(Source: News 18, AIR News, PIB News, DD News, BBC News, Bhaskar News ,Wikipedia, The Hindu, Indian Express)

ये भी पढ़ें: सड़क परिवहन मंत्रालय – वाहन स्क्रैपिंग नीति शुरू

ये भी पढ़ें: भारत-रूस आपातकालीन प्रबंधन आयोग की बैठक

ये भी पढ़ें: डॉ. टी.वी. सोमनाथन: नए कैबिनेट सचिव नियुक्त

स्पेशिलिस्ट ऑफिसर के 31 पदों पर नाबार्ड ने निकाली भर्ती उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय ने 535 पदों पर भर्ती निकाली टीजीटी और पीजीटी के 1613 पदों पर भर्ती Indian Navy में 254 ऑफिसर पदों पर भर्ती निकली भर्ती NTPC में 130 पदों पर
स्पेशिलिस्ट ऑफिसर के 31 पदों पर नाबार्ड ने निकाली भर्ती उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय ने 535 पदों पर भर्ती निकाली टीजीटी और पीजीटी के 1613 पदों पर भर्ती Indian Navy में 254 ऑफिसर पदों पर भर्ती निकली भर्ती NTPC में 130 पदों पर