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मेक इन इंडिया के 10 वर्ष: प्रमुख उपलब्धियाँ

[Source: PIB News]

संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से

मेक इन इंडिया के 10 वर्ष

परिचय

  • मेक इन इंडिया (Make in India) एक सरकारी पहल है जो कंपनियों को भारत में उत्पाद विकसित करने, निर्माण करने और संयोजन करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत में विनिर्माण में समर्पित निवेश को बढ़ावा देना है।
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम ने भारत में विनिर्माण को मजबूत किया है और इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने में मदद की है।
  • मेक इन इंडिया ने भारत में कई क्षेत्रों में रोजगार सृजन किया है, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, और वस्त्र उद्योग में।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य निवेश को आकर्षित करना और भारत को एक वैश्विक विनिर्माण हब बनाना है।

मेक इन इंडिया का योगदान

  • इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि:
    • 2014-15 में उत्पादन: 1.9 लाख करोड़ रुपये
    • 2023-24 में उत्पादन: 9.52 लाख करोड़ रुपये (17.4% वार्षिक वृद्धि)
    • निर्यात में तेज़ी: 38,263 करोड़ से बढ़कर 2.41 लाख करोड़ (22.7% वार्षिक वृद्धि)
  • मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग:
    • 2014-15 में बिकने वाले मोबाइल फोन में से 26% ही भारत में निर्मित थे
    • 2023-24 में 99.2% मोबाइल फोन भारत में निर्मित
    • प्रति वर्ष 325-330 मिलियन मोबाइल फोन का निर्माण
  • मोबाइल फोन निर्यात:
    • 2014-15 में निर्यात: 1,566 करोड़ रुपये
    • 2023-24 में निर्यात: 1.2 लाख करोड़ रुपये (77 गुना वृद्धि)

PLI योजना, रोजगार में वृद्धि और नीतिगत समर्थन

  • उत्पादन और निवेश में वृद्धि:
    • PLI योजना के तहत 6,661 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादन को प्राप्त किया गया।
    • कुल 9,100 करोड़ रुपये का निवेश, जो लक्ष्य से अधिक रहा।
  • रोजगार सृजन:
    • PLI योजना के अंतर्गत 1,22,613 लोगों को रोजगार मिला।
    • ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में लगभग 1.2 मिलियन लोगों को रोजगार मिला।
  • सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग:
    • सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग ‘मेक इन इंडिया’ का एक प्रमुख हिस्सा।
    • भारत ने सेमीकंडक्टर मिशन के तहत 5 प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी।
    • इनमें माइक्रोन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, सीजी पावर, और कीन्स की परियोजनाएं शामिल हैं।
  • पीएलआई योजना की सफलता से मोबाइल फोन निर्माण को बढ़ावा मिला।
  • उत्पादन और निर्यात में तेजी, नीतिगत सहयोग के साथ से।
  • इस प्रकार, पीएलआई योजना ने न केवल उत्पादन और निवेश को बढ़ावा दिया बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मेक इन इंडिया का प्रभाव

  • ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया और इसे बढ़ावा दिया।
  • इस पहल ने भारत की तकनीकी क्षमताओं को उन्नत किया है, जिससे देश के तकनीकी क्षेत्र में मजबूती आई है।
  •  ‘मेक इन इंडिया’ ने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MEITY) के सचिव एस. कृष्णन ने इस पहल के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, मेक इन इंडिया के सबसे प्रभावशाली क्षेत्रों में से एक बनकर उभरा है।
  • 10 सालों में इस अभियान ने न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का विस्तार किया, बल्कि उत्पादन और निर्यात में भी तेज वृद्धि हुई।
  • ‘मेक इन इंडिया’ ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत किया और घरेलू उत्पादन की दिशा में देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद की।

मेक इन इंडिया (Make in India) के बारे में

शुरुआत (Launched)

  • तारीख: 25 सितंबर 2014
  • समय अवधि: 10 वर्ष
  • नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च
  • इस कार्यक्रम को भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है।

उद्देश्य (Objective)

  • कंपनियों को भारत में उत्पादों का विकास, निर्माण, और असेंबलिंग (Develop, Manufacture, Assemble Products) करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • विनिर्माण में समर्पित निवेश को प्रोत्साहित करना (Incentivize Investments in Manufacturing)।

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI योजना) के बारे में

  • PLI योजना, भारतीय सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रोत्साहन योजना है, जो कंपनियों को घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों की वृद्धि पर आधारित प्रोत्साहन देती है।
  • उद्देश्य:
    • यह योजना विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और आयात को कम करने के लिए बनाई गई है।
    • मेक इन इंडिया की दिशा में विदेशी निर्माताओं को भारत में उत्पादन शुरू करने और घरेलू निर्माताओं को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • रोजगार सृजन:
    • PLI योजना के तहत रोजगार सृजित होंगे।
  • पर्यावरणीय लाभ:
    • ये योजनाएं प्रदूषण को कम करने, जलवायु परिवर्तन और कार्बन फुटप्रिंट को घटाने में मदद करेंगी।
    • आयात बिल को कम करने के लिए घरेलू विकल्पों का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
  • आर्थिक पैकेज:
    • सरकार ने 14 क्षेत्रों के लिए ₹1.97 लाख करोड़ (US$28 बिलियन) की PLI योजनाओं की घोषणा की है।
  • PLI योजना के लिए उद्योगों की सूची
    1. ऑटो घटक (Auto Components)
    2. ऑटोमोबाइल (Automobile)
    3. विमानन (Aviation)
    4. रासायनिक उत्पाद (Chemicals)
    5. इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम (Electronic Systems)
    6. फूड प्रोसेसिंग (Food Processing)
    7. चिकित्सा उपकरण (Medical Devices)
    8. धातु और खनन (Metals & Mining)
    9. फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals)
    10. नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)
    11. टेलीकॉम (Telecom)
    12. कपड़ा और वस्त्र (Textiles & Apparel)
    13. व्हाइट गुड्स (White Goods)
    14. ड्रोन (Drones)

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