[Source: Foreign Minister]
संक्षेप नोट्स परीक्षा के दृष्टि से
तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन
उद्घाटन
- तिथि: 17 अगस्त 2024
- उद्घाटनकर्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- प्रारूप: आभासी
- मेजबानी: भारत
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ
- अवधारणा: वसुधैव कुटुंबकम
- उद्देश्य: ग्लोबल साउथ देशों को मंच प्रदान करना
स्पेशल फंड का प्रस्ताव
- 2.5 मिलियन डॉलर (करीब ₹21 करोड़) का स्पेशल फंड
- बिजनेस बढ़ाने वाली गतिविधियों के लिए
ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट
- विकास में भागीदारी के लिए प्रस्ताव
तीसरे शिखर सम्मेलन की विशेषताएँ
- सत्र: एक नेता सत्र, विभिन्न विषयों पर 10 मंत्रिस्तरीय सत्र
- नेता सत्र की मेजबानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा
- विषय: “एक सतत भविष्य के लिए एक सशक्त वैश्विक दक्षिण”
- चर्चा मुद्दे: संघर्ष, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा संकट, जलवायु परिवर्तन
पिछले शिखर सम्मेलन
- पहले शिखर सम्मेलन: 2-13 जनवरी 2023 (वर्चुअल)
- दूसरे शिखर सम्मेलन: 17 नवंबर 2023, भाग लेने वाले देशों की संख्या: 100+
ग्लोबल साउथ
- संदर्भ देशों: एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, ओशिनिया
- तुलना: ग्लोबल नॉर्थ (यूरोप, उत्तरी अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड)
- शोषण: ग्लोबल नॉर्थ द्वारा
ग्लोबल साउथ समूह
- 100+ देशों का समूह
- आर्थिक रूप से कम विकसित देशों का संदर्भ
- एशिया और अफ्रीकी देशों का समावेश
G20 और वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट
- 2022 में भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता
- 2022 में G20 को नया ढांचा देने के लिए ग्लोबल साउथ समिट की शुरुआत
- G20 एजेंडा: ग्लोबल साउथ की उम्मीदों और प्राथमिकताओं पर आधारित
शब्द का इतिहास
- कार्ल ओग्लेस्बी: ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का आविष्कारक (1969)
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के चुनौतियाँ
- कोविड का प्रभाव
- युद्ध की स्थिति और विकास यात्रा में चुनौतियाँ
- जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा
- आतंकवाद, अतिवाद, अलगाववाद
- टेक्नोलॉजी डिवाइड, नई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियाँ
- पुराने ग्लोबल गवर्नेंस और वित्तीय संस्थानों की अक्षमता
ग्लोबल साउथ के एकजुटता की आवश्यकता
- एकजुट होकर ताकत बनाना
- अनुभवों का आदान-प्रदान
- संकल्पों को सिद्धि तक ले जाना
भारत का योगदान और पहल
- आपसी व्यापार, समावेशी विकास, सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स, महिला-नेतृत्व विकास
- इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल, और ऊर्जा कनेक्टिविटी
- Mission LiFE: सोलर और रिन्यूएबल पावर जनरेशन
- वित्तीय समावेशन, UPI पहल, शिक्षा, क्षमता निर्माण, और स्किलिंग में प्रगति
नई पहल और सहयोग
- पिछले वर्ष : ग्लोबल साउथ यंग डिप्लोमैट फोरम की शुरुआत
- ग्लोबल साउथ एक्सीलेंस सेंटर: क्षमता निर्माण, कौशल, ज्ञान साझा करने पर काम कर रहा
- डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI): ग्लोबल DPI रिपोजिटरी, बहुपक्षीय सहमति
- ग्लोबल साउथ के 12 पार्टनर्स के साथ “इंडिया स्टैक” समझौते
- सोशल इम्पैक्ट फंड (ग्लोबल साउथ में DPI में तेजी लाने के लिए): भारत का शुरुआती योगदान 25 मिलियन डॉलर
हेल्थ सिक्योरिटी और मानवीय सहायता
- मिशन: One World-One Health
- विज़न: “आरोग्य मैत्री” (Friendship for Health)
- अफ्रीका, पैसिफिक आइलैंड्स: अस्पताल, डायलिसिस मशीनें, जीवन-रक्षक दवाएँ
- मानवीय सहायता: पापुआ न्यू गिनी, कीनिया, Gaza, यूक्रेन
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का महत्व
- आवाज़ और एकता
- अनसुनी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को आवाज़ देना
- एकता की ताकत
- UN Summit of the Future
- Pact for the Future
- ग्लोबल साउथ की आवाज़ को बुलंद करने का प्रयास
ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ के बीच तुलना
श्रेणी | ग्लोबल नॉर्थ | ग्लोबल साउथ |
भौगोलिक और सांस्कृतिक | यूरोप, उत्तरी अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड | एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, ओशिनिया |
आर्थिक स्थिति | धनवान देश, उच्च जीडीपी, विकसित अर्थव्यवस्थाएँ | विकासशील देश, कम जीडीपी, विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ |
जीवन स्तर | उच्च जीवन स्तर, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा, बुनियादी ढाँचा | कम जीवन स्तर, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढाँचा में चुनौतियाँ |
राजनीतिक प्रभाव | अंतर्राष्ट्रीय नीतियों और संधियों में प्रमुख भूमिका, वैश्विक नेतृत्व | वैश्विक नीतियों पर प्रभाव डालने की कोशिश, साझा समस्याओं और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित |
तकनीकी और नवाचार | तकनीक और नवाचार में अग्रणी, उन्नत अनुसंधान और विकास | सीमित संसाधन, उभरते नवाचार |
संसाधन उपयोग | उच्च स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग, महत्वपूर्ण पर्यावरणीय प्रभाव | सीमित संसाधन, पर्यावरणीय चुनौतियाँ |
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव | वैश्विक मीडिया प्रभाव, सांस्कृतिक मानक, वैश्विक दृष्टिकोण | विविध सांस्कृतिक परंपराएँ, सामाजिक मुद्दे जैसे असमानता और संघर्ष |
(Source: AIR News, PIB News, DD News, BBC News, Bhaskar News ,Wikipedia)
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