किसानों के लिए एफपीओ मेला
- मेला का आयोजन: केंद्रीय कृषि मंत्रालय, लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) ने दिल्ली हॉट में एफपीओ मेले का आयोजन किया।
- एफपीओ का महत्व: एफपीओ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में मदद कर रहे हैं, और आज 8 लाख किसानों के 2165 से अधिक संगठन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ओएनडीसी (ONDC) से जुड़कर व्यापार कर रहे हैं।
मेले में उत्पादों की प्रदर्शनी
- रूबरू होने का मकसद: मेले में 20 से अधिक उत्पादों की प्रदर्शनी आयोजित की गई थी, जिसका मकसद एफपीओ के प्रोडक्ट से लोगों को जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले.
- मुख्य उद्देश्य: इस मेले का मुख्य उद्देश्य था कि बड़ी कंपनियों के बजाय गाँवों में बनी चीजों को खरीदने में तरजीह दी जाए, ताकि किसानों की आय बढ़े और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
कॉमन सर्विस सेंटर के योगदान
- ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार: सीएससी ने ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पहलों के माध्यम से प्रयास किया है.
- सेवाओं की प्रदान: सीएससी के विशाल नेटवर्क के माध्यम से किसानों को टेली-परामर्श, फसल बीमा, ई-पशु चिकित्सा, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम किसान योजनाओं की तरह विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.
सीएससी (CSC)के योगदान का महत्व
- दूरदराज इलाकों में सुधार: देश के दूरदराज इलाकों में स्थित सीएससी ने नागरिकों के जीवन में सराहनीय बदलाव लाया है और ग्रामीण नागरिकों को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में मदद की है।
एफपीओ की आवश्यकता क्यों
- किसानों की आंकड़ों का अनुमान: भारत में लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनका औसत खेती क्षेत्र 1.1 हेक्टेयर से कम है।
- चुनौतियों का सामना: अधिकांश छोटे और सीमांत किसान उत्पादन और उत्पादन के बाद के कामों में चुनौतियों का सामना करते हैं, विशेष रूप से टेक्नोटलॉजी, बीज उत्पादन, मशीनरी, प्रोसेसिंग, लोन, निवेश, और बाजार के क्षेत्र में।
- एफपीओ का महत्व: एफपीओ किसानों के जरिए उत्पादकों का सामूहिकीकरण करके इन चुनौतियों का समाधान प्रदान करते हैं, जिससे उनकी आय बढ़ती है।
एफपीओ का महत्व
- किसानों की सामूहिक शक्ति: एफपीओ (FPO) किसानों का सामूहिकीकरण करते हैं, जिससे उन्हें अपनी सामूहिक शक्ति मिलती है, और वे मिलकर अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं।
- वित्तीय लाभ: एफपीओ किसानों को वित्तीय दृष्टि से लाभ पहुँचाते हैं, क्योंकि वे खाद, बीज, और अन्य एग्री इनपुट पर छूट प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी लागतें कम होती हैं।
- व्यापारिक विकास: एफपीओ न केवल किसानों के उत्पाद को मार्केट में पहुँचाते हैं, बल्कि वे उत्पाद की प्रोसेसिंग और व्यापार में भी सहायक होते हैं, जिससे उनकी आय बढ़ती है।
- आर्थिक स्थायिता: एफपीओ ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थायिता को बढ़ावा देते हैं, और उनके सदस्य किसानों को बड़ी कंपनियों के साथ मुकाबला करने का अवसर प्रदान करते हैं।
- कृषि उत्पादों की मूल्यवर्धन: एफपीओ उत्पादों की मूल्यवर्धन करके किसानों की मुनाफा बढ़ते हैं और वाणिज्यिक मानकों के अनुसार उत्पादों को बेचते हैं।
- जलवायु परिवर्तन का सामुहिक समर्थन: एफपीओ किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रति सजग बनाते हैं और उन्हें संवेदनशील और सुस्त संविदानिकता की दिशा में अपने उत्पादों को प्रदर्शनी करने का अवसर प्रदान करते हैं।
- कृषि से जुड़ी छुनौतियों का समाधान: टेक्नोटलॉजी, बीज उत्पादन, मशीनरी, प्रोसेसिंग, लोन, निवेश, और बाजार के क्षेत्र में सरकार का सहयोग करके एफपीओ किसानों को उनकी छुनौतियों का समाधान प्रदान करते हैं।
(Sources : AIR News, PIB News, DD News)
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11 अक्टूबर 2023 का Hindi current affairs.
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