The New Sites

Magh Bihu: माघ बिहू, असम में फसल कटाई का धूमधाम से मनाया जा रहा है- जानिए 5 रोचक तथ्य

Magh Bihu: आज असम में मनाया जा रहा है एक अद्वितीय और रंगीन त्योहार, जिसे लोग माघ बिहू कहते हैं। इस दिन असम के किसान फसल कटाई का उत्सव मना रहे हैं, जिसे भोगाली बिहू और माघोर दोमाही भी कहा जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न नामों से मनाया जाता है, जैसे कि तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी, और उत्तरी राज्यों में मकर संक्रांति।

यह एक महत्वपूर्ण दिन है जो सर्दियों में फसल कटाई का उत्सव मनाने और पूरे वर्ष में समृद्धि की प्रार्थना करने के लिए विभिन्न समुदायों को एकजुट करता है। लोग इस दिन सुबह स्नान करके धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और एक-दूसरे को भोजन तथा मिठाइयों का वितरण करते हैं।

माघ बिहू का महत्व इसे एक दो दिवसीय पर्व बना देता है, जिसमें लोग अलाव जलाकर और उत्सव मनाकर अपने आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं। इस पर्व की शुरुआत से एक दिन पहले उरूका होता है, जो असमी कैलेंडर के अनुसार पौष महीने का अंतिम दिन है।

माघ बिहू का आयोजन: अलाव जलाने और उत्सव मनाने का दिन

यह अद्वितीय पर्व असम के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक उत्सव है जो फसल कटाई के साथ ही आता है। इस दिन लोग अपनी खेतों में काम करते हैं और नए फसल की खुदाई का आयोजन करते हैं। फिर उन्हें अलाव जलाने का मौका मिलता है, जिससे उनका अनुभव और भी रंगीन होता है।

अलाव जलाने की परंपरा ने इस त्योहार को और भी आकर्षक बना दिया है। लोग अपने घरों को सजाकर उरूका की तैयारी करते हैं और अलाव जलाने के लिए साजगर्मी से तैयारी करते हैं। इसमें विभिन्न रंगों की चादरें, बांस के टुकड़े और फूलों का उपयोग होता है, जिससे सारे गाँव रंग-बिरंगे हो जाते हैं।

इसके बाद लोग अपने आपको एक नए आत्मविश्वास के साथ महसूस करते हैं और इस दिन को उत्सवी रूप से मनाते हैं। गाँववाले साथ में आकर खेतों में काम करते हैं और एक-दूसरे के साथ प्यार और भाईचारा बटोरते हैं। फसल कटाई का उत्सव माघ बिहू को असम की एक अनूठी पहचान देता है जो अनुसंधान और सृजनात्मकता का समर्थन करती है।

ये भी पढ़ें: The Beach Games 2024: दीव में आयोजित द बीच गेम्स 2024, जानिए कौन-कौन से राज्य ने दिखाया शानदार प्रदर्शन

परंपरागत संस्कृति का मेलजोल: उरूका और माघ बिहू का सांस्कृतिक आधार

माघ बिहू का आयोजन इससे एक दिन पहले होने वाले उरूका से शुरू होता है। उरूका, जो असमी कैलेंडर के पौष महीने का अंतिम दिन है, एक विशेष पर्व है जिसे लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इसमें लोग अपने घरों को सजाकर उरूका की तैयारी करते हैं और उसे उन्हें उत्सवी तरीके से मनाने के लिए तैयार करते हैं।

उरूका में लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर गाने गाते हैं, नृत्य करते हैं और खासतर से बनाई गई विभिन्न आकृतियों वाली चादरों को अलाव में जलाते हैं। इससे उरूका को एक बड़े मेलजोल का मौका मिलता है, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने का एक अद्वितीय तरीका है।

उरूका के बाद, माघ बिहू का आयोजन होता है जो दो दिन तक चलता है। इस दौरान भी लोग उत्सव मनाते हैं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ खासा समय बिताते हैं।

ये भी पढ़ें: Mukhyamantree Mahila Udyamita Abhiyaan (MMUA): मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की नई योजना से महिलाओं को मिलेगी वित्तीय सहायता

माघ बिहू: संगीत, नृत्य और रसोईघर का संगम

रसोईघर में भी बड़ी तैयारीयां शुरू होती हैं, जो इस उत्सव को और भी विशेष बनाती हैं। घरों में खासतर से मिठाइयां बनाई जाती हैं, जो लोग एक-दूसरे के साथ साझा करते हैं। विशेष तौर से बनाई जाने वाली बिहु लाडू, पिठा, लारू, और बोरा इस मौके पर परम्परागत रूप से बनाई जाती हैं। इन मिठाइयों का स्वाद लोगों को इस उत्सव की मिठास में डाल देता है।

रसोईघर में बनी ये स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ न केवल परिवार के सदस्यों को भोजन के रूप में स्वीकार्य बनाते हैं, बल्कि इन्हें पड़ोसी और दोस्तों के साथ साझा करने का भी एक अद्वितीय मौका प्रदान करते हैं।

ये भी पढ़ें: Folk festival Uttareini: दिल्ली में उत्तराखंड के लोक पर्व ‘उत्तरैणी’ के रंग बिखेरने के लिए शुरू हो रहे नौ दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की घोषणा

सांस्कृतिक धारोहर: असम के लोगों की एकता का प्रतीक

माघ बिहू एक ऐसा समय है जब असम के लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर को महसूस करते हैं और इसे बचाए रखने के लिए समर्थन करते हैं। यह एकता और समृद्धि की प्रार्थना का एक समय है, जो विभिन्न समुदायों को एक सजीव और बढ़ते हुए समुदाय के रूप में जोड़ता है।

इसके अलावा, लोग इस मौके पर आपसी रिश्तों को मजबूत करने के लिए अपने दोस्तों और परिवार से मिलते हैं। सामूहिक नृत्य, संगीत सामारोह, और उत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने से लोग एक-दूसरे के साथ बेहद क़रीब होते हैं और एक दूसरे के साथ मिलकर उत्सव की रूचि बढ़ाते हैं।

आखिरी शब्द: असम में माघ बिहू का आनंद और आस्था

इस खास मौके पर, असम में माघ बिहू का आनंद लेने वाले लोग न केवल अपने फसल की कटाई का उत्सव कर रहे हैं, बल्कि वे अपने संगीत, नृत्य, और खासतर मिठाइयों के साथ एक विशेष और बनावटी उत्सव को मना रहे हैं। माघ बिहू एक ऐसा समय है जब लोग आपसी बोंड्स को मजबूत करते हैं और समृद्धि और खुशियों की प्राप्ति के लिए एक दूसरे के साथ दुनिया भर में एकजुट होते हैं।

ये भी पढ़ें: Divya Kala Mela 2024: नागपुर में दिव्य कला मेला 2024, दिव्यांग उद्यमियों का सशक्तिकरण और कला का जश्न

सामान्य प्रश्न (FAQs) माघ बिहू के बारे में

  1. माघ बिहू क्या है और यह क्यों मनाया जाता है?

    उत्तर: माघ बिहू असम में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो फसल कटाई का उत्सव मनाने, सांस्कृतिक एकता को बढ़ाने, और पूरे वर्ष की समृद्धि की प्रार्थना करने के लिए मनाया जाता है।

  2. माघ बिहू कैसे मनाया जाता है?

    उत्तर: लोग अपनी खेतों में काम करके नए फसल की खुदाई करते हैं और उरूका के दिन अलाव जलाते हैं। इसके बाद, माघ बिहू के दो दिनों तक लोग उत्सव, संगीत, नृत्य, और मिठाइयों के साथ अपने समुदाय के साथ मिलकर आनंद लेते हैं।

  3. उरूका क्या है और इसका क्या महत्व है?

    उत्तर: उरूका असमी कैलेंडर के पौष महीने का अंतिम दिन है और इससे पहले होने वाले माघ बिहू के आयोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें लोग अपने घरों को सजाकर और उरूका की तैयारी करके उत्सव मनाते हैं।

  4. माघ बिहू का महत्व क्या है?

    उत्तर: माघ बिहू असम की एकता, सांस्कृतिक समृद्धि, और खुशियों का प्रतीक है जो विभिन्न समुदायों को एक सजीव समुदाय के रूप में जोड़ता है। यह एक पर्व है जिसमें लोग अपनी संगीत, नृत्य, और भोजन के साथ आपसी बोंड्स को मजबूत करते हैं और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

स्पेशिलिस्ट ऑफिसर के 31 पदों पर नाबार्ड ने निकाली भर्ती उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय ने 535 पदों पर भर्ती निकाली टीजीटी और पीजीटी के 1613 पदों पर भर्ती Indian Navy में 254 ऑफिसर पदों पर भर्ती निकली भर्ती NTPC में 130 पदों पर
स्पेशिलिस्ट ऑफिसर के 31 पदों पर नाबार्ड ने निकाली भर्ती उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय ने 535 पदों पर भर्ती निकाली टीजीटी और पीजीटी के 1613 पदों पर भर्ती Indian Navy में 254 ऑफिसर पदों पर भर्ती निकली भर्ती NTPC में 130 पदों पर
Video shows final moments before woman’s death. In this guide, we will look at how to work with paginated responses when querying the previsto api.