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केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी द्वारा राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र का उद्घाटन

[Source: PIB News]

संक्षेप नोट्स और MCQ परीक्षा के दृष्टि से

परिचय :

  • उद्घाटन: राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (NLFC)
  • शुभारंभ: भूसंकेत वेब पोर्टल, भूस्खलन मोबाइल ऐप
  • स्थान: कोलकाता, साल्ट लेक सिटी, GSI धारित्री परिसर
  • उपस्थित: आपदा प्रबंधन एजेंसियाँ, हितधारक संगठन, जीएसआई के महानिदेशक श्री जनार्दन प्रसाद

राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (NLFC) का उद्देश्य:

  • लक्ष्य: भारत में भूस्खलन के खतरे को कम करना
  • लाभ: कलिम्पोंग, दार्जिलिंग, नीलगिरि जिलों के निवासियों को लाइव पूर्वानुमान रिपोर्ट
  • फ्यूचर प्लान: सभी भूस्खलन खतरे वाले राज्यों के लिए प्रारंभिक चेतावनी बुलेटिन, 2030 तक राष्ट्रीय भूस्खलन प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (LEWS)

तकनीकी विशेषताएँ:

  • उन्नत तकनीक: स्थानीय प्रशासन और समुदायों को प्रारंभिक जानकारी, भूस्खलन सूची का अद्यतन, वास्तविक समय पर डेटा एकीकरण

भूसंकेत वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप:

  • उद्देश्य: आपदा जोखिम को कम करना, भूस्खलन खतरों पर प्रासंगिक डेटा और जानकारी का प्रसार
  • विशेषताएँ: दैनिक पूर्वानुमान, भूस्खलन घटनाओं पर स्थानिक और सामयिक जानकारी

GSI की उपलब्धियाँ:

  • प्रारंभिक कार्य: कोयला अन्वेषण
  • वर्तमान प्रयास: चट्टानों, भूवैज्ञानिक संरचनाओं का मानचित्रण, खनिजों की खोज
  • नई पहल: राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक डेटा कोष (NGDR), OCBIS पोर्टल का स्थानांतरण

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI):

  • स्थापना: 1851
  • मुख्य कार्य: राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक सूचना और खनिज संसाधन आकलन का निर्माण और अद्यतन
  • कार्यप्रणाली: जमीनी, हवाई, समुद्री सर्वेक्षण, खनिज पूर्वेक्षण, भू-तकनीकी और भू-पर्यावरणीय अध्ययन

संगठन संरचना:

  • मुख्यालय: कोलकाता
  • क्षेत्रीय कार्यालय: लखनऊ, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद, शिलांग, कोलकाता
  • संबंध: खान मंत्रालय

राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र का उद्घाटन के सम्बंधित MCQs 

1. 19 जुलाई 2024 को कोलकाता के साल्ट लेक सिटी में केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने किसका उद्घाटन किया?

  1. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण
  2. राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक डेटा भंडार
  3. राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र
  4. राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण केंद्र

उत्तर: c) राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र

स्पष्टीकरण: राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (NLFC) का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कोलकाता के साल्ट लेक सिटी में GSI धृति कॉम्प्लेक्स में किया।

2. 19 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र के साथ-साथ कौन से अतिरिक्त प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किए गए?

  1. भूकंप निगरानी प्रणाली और आपदा प्रतिक्रिया ऐप
  2. भूस्खलन निगरानी पोर्टल और भूवैज्ञानिक डेटा ऐप
  3. भूसंकेत वेब पोर्टल और भूस्खलन मोबाइल ऐप
  4. राष्ट्रीय आपदा डेटाबेस और वास्तविक समय मौसम ऐप

उत्तर: c) भूसंकेत वेब पोर्टल और भूस्खलन मोबाइल ऐप

स्पष्टीकरण: भूसंकेत वेब पोर्टल और भूस्खलन मोबाइल ऐप को भूस्खलन निगरानी और सूचना प्रसार में सहायता के लिए लॉन्च किया गया था।

3. राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (NLFC) द्वारा प्रदान की गई लाइव पूर्वानुमान रिपोर्ट से शुरू में कौन से क्षेत्र लाभान्वित होंगे?

  1. सिक्किम और असम
  2. कलिम्पोंग, दार्जिलिंग और नीलगिरी जिले
  3. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड
  4. केरल और कर्नाटक

उत्तर: b) कलिम्पोंग, दार्जिलिंग और नीलगिरी जिले

स्पष्टीकरण: कलिम्पोंग, दार्जिलिंग और नीलगिरी जिलों के निवासियों को 20 जुलाई, 2024 से शुरू होने वाली लाइव पूर्वानुमान रिपोर्टों से लाभ होगा।

4. राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (NLFC) का मुख्य उद्देश्य क्या है?

  1. भूवैज्ञानिक शिक्षा प्रदान करना
  2. खनिज अन्वेषण को बढ़ाना
  3. भारत में भूस्खलन के जोखिम को कम करना
  4. भूकंपीय अनुसंधान करना

उत्तर: c) भारत में भूस्खलन के जोखिम को कम करना

स्पष्टीकरण: NLFC का प्राथमिक उद्देश्य प्रारंभिक चेतावनी और सटीक पूर्वानुमान प्रदान करके भारत में भूस्खलन के जोखिम को कम करना है।

5. पूर्वानुमान सटीकता में सुधार के लिए राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (NLFC) किस तकनीकी एकीकरण का उपयोग करता है?

  1. सैटेलाइट इमेजरी और मृदा परीक्षण
  2. वास्तविक समय वर्षा और ढलान अस्थिरता डेटा
  3. भूकंपीय गतिविधि निगरानी और चट्टान विश्लेषण
  4. वायुमंडलीय दबाव और आर्द्रता डेटा

उत्तर: b) वास्तविक समय वर्षा और ढलान अस्थिरता डेटा

स्पष्टीकरण: NLFC अपने भूस्खलन पूर्वानुमानों की सटीकता बढ़ाने के लिए वास्तविक समय वर्षा और ढलान अस्थिरता डेटा को एकीकृत करता है।

6. आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भुसंकेत वेब पोर्टल का क्या महत्व है?

  1. यह भूकंप अलर्ट प्रदान करता है
  2. यह वास्तविक समय बाढ़ चेतावनी प्रदान करता है
  3. यह भूस्खलन खतरों पर प्रासंगिक डेटा प्रसारित करता है
  4. यह ज्वालामुखी गतिविधि की निगरानी करता है

उत्तर: c) यह भूस्खलन खतरों पर प्रासंगिक डेटा प्रसारित करता है

स्पष्टीकरण: भुसंकेत वेब पोर्टल महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपदा जोखिम न्यूनीकरण में सहायता के लिए भूस्खलन खतरों पर प्रासंगिक डेटा और जानकारी प्रदान करता है।

7. कौन सा सरकारी विभाग भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) से जुड़ा हुआ है?

  1. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
  2. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
  3. खान मंत्रालय
  4. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

उत्तर: c) खान मंत्रालय

स्पष्टीकरण: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) खान मंत्रालय से जुड़ा हुआ है।

8. कौन सी उपलब्धि नवाचार और दक्षता के प्रति GSI की प्रतिबद्धता को दर्शाती है?

  1. कई क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना
  2. भूवैज्ञानिक संरचनाओं का मानचित्रण
  3. राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक डेटा रिपॉजिटरी का शुभारंभ और ओसीबीआईएस पोर्टल को ओसीआई क्लाउड में स्थानांतरित करना
  4. कोयला अन्वेषण कार्यक्रमों में वृद्धि

उत्तर: ग) राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक डेटा रिपॉजिटरी का शुभारंभ और ओसीबीआईएस पोर्टल को ओसीआई क्लाउड में स्थानांतरित करना

स्पष्टीकरण: राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक डेटा रिपॉजिटरी का शुभारंभ और ओसीबीआईएस पोर्टल को ओसीआई क्लाउड में स्थानांतरित करना जीएसआई की नवाचार और दक्षता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

9. 1851 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की स्थापना का मूल उद्देश्य क्या था?

  1. भूकंप संभावित क्षेत्रों का मानचित्रण करना
  2. रेलवे के लिए कोयला भंडार की खोज करना
  3. समुद्री भूविज्ञान का अध्ययन करना
  4. ज्वालामुखी गतिविधियों की जांच करना

उत्तर: ख) रेलवे के लिए कोयला भंडार की खोज करना

स्पष्टीकरण: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की स्थापना 1851 में मुख्य रूप से रेलवे के लिए कोयला भंडार की खोज करने के लिए की गई थी।

10. राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (NLFC) का 2030 तक क्या लक्ष्य है?

  1. सभी भूवैज्ञानिक संरचनाओं का पूर्ण मानचित्रण
  2. राष्ट्रव्यापी भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित करना
  3. खनिज अन्वेषण कार्यक्रमों में वृद्धि
  4. वैश्विक भूकंप निगरानी नेटवर्क विकसित करना

उत्तर: b) राष्ट्रव्यापी भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित करना

स्पष्टीकरण: 2030 तक, NLFC का लक्ष्य पूरे देश में एक क्षेत्रीय भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली (LEWS) संचालित करना है।

(Other Source: AIR News,  DD News, BBC News, Bhaskar News ,Wikipedia)

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