New Campus of IIT Madras in SriLanka: श्रीलंका के शिक्षा मंत्री डॉ. सुशील प्रेमजयंता ने बताया कि उनके नेतृत्व में एक नया शिक्षा परियोजना का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें IIT मद्रास भी शामिल होगा। इस परियोजना के तहत श्रीलंका के कैंडी में एक नया कैंपस खोला जाएगा, जो शिक्षा और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने का मकसद रखेगा।
श्रीलंका के शिक्षा मंत्री डॉ. सुशील प्रेमजयंता ने इस परियोजना की घोषणा करते हुए कहा, “यह पहल का एक हिस्सा है जिसमें हम नए और उन्नत शिक्षा के क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेंगे। आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर हम यहाँ उच्च शिक्षा और तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक साजग समूह बना रहे हैं।” डॉ. प्रेमजयंता ने बताया कि इस परियोजना का आयोजन श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे द्वारा पेश किए गए बजट में शामिल है। वित्त मंत्री के रूप में वर्ष 2024 के लिए पेश की गई बजट में इस परियोजना के लिए सुरक्षित निधि की व्यवस्था की गई है।
भारत-श्रीलंका साझा परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा
डॉ. सुशील प्रेमजयंता ने बताया कि पिछले महीने उनकी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने IIT मद्रास के निदेशकों और संकायों के डीन के साथ चर्चा की थी। इस मीटिंग के दौरान उन्होंने भारतीय और श्रीलंकाई शिक्षा प्रणाली के बीच साझा परियोजना के संभावित क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया। डॉ. प्रेमजयंता ने बताया कि इस समझौते के फलस्वरूप आईआईटी मद्रास ने श्रीलंका में एक नए कैंपस की स्थापना करने का निर्णय लिया है।
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कैंपस की शुरुआत से पहले भारतीय शिक्षा विदेश में शिक्षा देने का सौभाग्य
डॉ. प्रेमजयंता ने बताया कि IIT मद्रास के इस नए कैंपस की शुरुआत से पहले, उनके मंत्रालय द्वारा श्रीलंका से एक टीम भारत यात्रा करेगी। इस टीम में श्रीलंकाई शिक्षाविदों का समृद्धि से भरा समूह होगा, जो IIT मद्रास के नए कैंपस की तैयारी और शुरुआत की प्रक्रिया में सहायक होंगे।
श्रीलंका के लिए यह है ‘तकनीकी शिक्षा का नया केंद्र’
इस समझौते के माध्यम से IIT मद्रास और श्रीलंकाई शिक्षा विभाग के बीच एक साझा परियोजना के रूप में नए कैंपस की स्थापना होगी, जिससे श्रीलंका के तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नया केंद्र मिलेगा। इसके साथ ही, श्रीलंकाई छात्रों को भी IIT मद्रास के विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों का लाभ मिलेगा।
भविष्य के लिए आशा का सामर्थ्य
डॉ. सुशील प्रेमजयंता ने इस परियोजना के माध्यम से श्रीलंका के छात्रों को अधिक संबोधित करने का उद्देश्य रखा है और उन्हें विशेषता से तकनीकी जगहों में रुचि लेने के लिए प्रेरित करना है। इसके अलावा, यह समझौता भारत और श्रीलंका के बीच शिक्षा संबंधों को मजबूत करने का एक और कदम है, जो आने वाले समय में दोनों देशों के छात्रों के लिए एक साझा शिक्षा परियोजना की संभावना दरकिनार कर सकता है।
नए कैंपस की स्थापना में तत्परता
IIT मद्रास के निदेशकों ने इस परियोजना की शुरुआत से जुड़ी तत्परता और उत्साह को दर्शाते हुए बताया कि उनकी टीम श्रीलंका के लिए एक पूर्ण और आधुनिक शिक्षा केंद्र की स्थापना करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हम श्रीलंका के छात्रों को उच्च गुणवत्ता और विशेषज्ञता वाले पाठ्यक्रमों के माध्यम से तकनीकी ज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने का आदान-प्रदान करेंगे।”
इस साझा परियोजना के माध्यम से, भारत और श्रीलंका के बीच एक नया शिक्षा साझा केंद्र खुलने का सपना है। यह नया कैंपस, जिसमें शिक्षा और तकनीकी उन्नति के साथ-साथ साझा सांगठन भी होगा। इसके साथ ही, IIT मद्रास के उच्चतम गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रमों के माध्यम से श्रीलंका के छात्रों को विशेषज्ञता और उद्दीपन से भरा अनुभव मिलेगा।
इस सफल साझा परियोजना के बारे में डॉ. सुशील प्रेमजयंता ने कहा, “यह समझौता भारत और श्रीलंका के बीच एक मजबूत संबंध की नींव रखेगा, जिससे आगे बढ़कर आने वाले पीढ़ियों को विश्वसनीयता और तकनीकी विकास के क्षेत्र में एक नए दौर का सामना करने का अवसर मिलेगा।”
इस समझौते के अंगवंग में, भारतीय और श्रीलंकाई शिक्षा तंत्र में गुणवत्ता और विशेषज्ञता की बढ़ती मांगों को ध्यान में रखते हुए नए लैंडमार्क की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है।
निष्कर्ष
इस उत्कृष्ट साझा परियोजना के माध्यम से, श्रीलंका को एक नया शिक्षा सेंटर मिलने वाला है, जो उसके छात्रों को विशेषज्ञता और अद्वितीयता के क्षेत्र में स्थापित करेगा। यह साझा परियोजना भारत और श्रीलंका के बीच एक नए सांबंधिक संबंध का उत्थान करेगा और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊँचाई की दिशा में कदम से कदम मिलाकर बढ़ावा देगा।
सामान्य प्रश्न (FAQs) IIT मद्रास का नया कैंपस श्रीलंका के कैंडी के बारे में
कौन-कौन सी विशेषताएँ श्रीलंका के नए आईआईटी मद्रास कैंपस में होंगी?
उत्तर: श्रीलंका के नए आईआईटी मद्रास कैंपस में उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम, विशेषज्ञता और तकनीकी उन्नति की विशेषताएँ होंगी।
इस साझा परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस साझा परियोजना का मुख्य उद्देश्य श्रीलंका के छात्रों को विशेषज्ञता और तकनीकी जगहों में उन्नति प्रदान करना है, साथ ही भारत और श्रीलंका के बीच एक मजबूत शिक्षा संबंध की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
श्रीलंका के छात्रों को कैसे लाभ होगा इस साझा परियोजना से?
उत्तर: श्रीलंका के छात्र इस साझा परियोजना के माध्यम से आईआईटी मद्रास के उच्चतम गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं और तकनीकी जगहों में अपनी क्षमताओं को सुधार सकते हैं।
यह साझा परियोजना किस तारीख से आरंभ हो रहा है?
उत्तर: साझा परियोजना के आरंभ की तिथि का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन इसकी शुरुआत उच्च गुणवत्ता और विशेषज्ञता से भरी शिक्षा केंद्र की स्थापना के साथ होगी।
इस साझा परियोजना का कैसे सीधा लाभ होगा भारतीय छात्रों को?
उत्तर: इस साझा परियोजना के माध्यम से भारतीय छात्रों को अधिक साझा शिक्षा और विशेषज्ञता के क्षेत्र में विकसित करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनका अध्ययन और करियर में एक नया दिशा मिलेगा।
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