Tehreek-e-Hurriyat: भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के एक और संगठन, Tehreek-e-Hurriyat, को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने यह निर्णय सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से किया और बताया कि इस संगठन का उपयोग भारत के खिलाफ गतिविधियों में किया जा रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने देश की जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत आतंकवाद के समर्थन में जुटे संगठनों और व्यक्तियों पर बैन लगाने का भी ऐलान किया है।
अमित शाह का वक्तव्य
गृहमंत्री ने यह दावा किया है कि Tehreek-e-Hurriyat जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की गतिविधियों में शामिल है और इसने देश की एकता को खतरे में डाला है। उनके अनुसार, यह संगठन भारत विरोधी दुष्प्रचार फैला रहा है और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकी गतिविधियों में शामिल है।
Tehreek-e-Hurriyat बैन का कारण
Tehreek-e-Hurriyat के बैन के साथ, गृहमंत्रालय ने इस संगठन के सदस्यों के द्वारा आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, भारत के खिलाफ गतिविधियों को समर्थन करने और कश्मीर को भारत से अलग मानने की गतिविधियों के आरोप में कदम उठाया है। शाह ने कहा कि इस बैन का उद्देश्य देश की सुरक्षा में रक्षा करना और एकता को बनाए रखना है।
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मुस्लिम लीग मसरत आलम ग्रुप को भी बैन
इससे पहले, 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर मसरत आलम ग्रुप को भी गृहमंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी संगठन घोषित किया था। इस संगठन के सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं और इसने आतंकी गतिविधियों का समर्थन किया है।
मसरत आलम ग्रुप के सदस्यों की गिरफ्तारी
मसरत आलम ग्रुप के सदस्य मसरत आलम भट्ट, जो इस संगठन को बनाया था, वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी फंडिंग के मामले में मामला दर्ज किया है।
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मसरत आलम का इतिहास
सैयद अली शाह गिलानी ने 2004 में Tehreek-e-Hurriyat संगठन बनाया था। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की आजादी के लिए आंदोलन करना था। उन्होंने 2004 में जमात-ए-इस्लामी कश्मीर को छोड़ दिया और तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना की।
सरकार का संदेश
गृहमंत्री ने सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत मसरत आलम भट्ट के खिलाफ 27 FIR दर्ज किए जाने की जानकारी भी दी है। इससे साफ हो रहा है कि सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून का सामना करना पड़ेगा।
नए बैन के साथ संबंधित विचार
यह नया बैन जम्मू-कश्मीर के स्थिति में सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक कदम है। सरकार द्वारा इस प्रकार के कदमों से वहां के लोगों में सुरक्षा की भावना को मजबूत करने का प्रयास है। इसके साथ ही, भारत की जीरो-टॉलरेंस नीति के अंतर्गत देश के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने वाले संगठनों और उनके सदस्यों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने का संकेत है।
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FAQs:
सरकार ने Tehreek-e-Hurriyat को गैरकानूनी संगठन घोषित क्यों किया?
उत्तर: गृहमंत्री अमित शाह के अनुसार, Tehreek-e-Hurriyat जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने वाली गतिविधियों में शामिल है, जिससे देश की सुरक्षा पर खतरा है। यह संगठन भारत विरोधी दुष्प्रचार फैला रहा है और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकी गतिविधियों में लिप्त है।
मसरत आलम ग्रुप को भी क्यों बैन किया गया?
उत्तर: मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर मसरत आलम ग्रुप को भी गृहमंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी संगठन घोषित किया है क्योंकि इस संगठन के सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं और इसने आतंकी गतिविधियों का समर्थन किया है।
तहरीक–ए–हुर्रियत का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: Tehreek-e-Hurriyat का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की आजादी के लिए आंदोलन करना है, जो सैयद अली शाह गिलानी ने 2004 में स्थापित किया था।
मसरत आलम भट्ट पर कौन–कौन से आरोप लगे हैं?
उत्तर: मसरत आलम भट्ट पर आतंकी फंडिंग के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा मामला दर्ज किया गया है, और उनके खिलाफ सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत भी मामला दर्ज है।
इस नए बैन से क्या उम्मीद है?
उत्तर: यह नया बैन जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक कदम है और भारतीय सरकार का संकेत है कि वह देश के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने वाले संगठनों और उनके सदस्यों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाएगी।
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