World Braille Day: 4 जनवरी को मनाया जाएगा विश्व ब्रेल दिवस, जिसे लुई ब्रेल के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कई गतिविधियां होंगी, जो ब्रेल के महत्व को समझाने और इसे समर्थन करने के लिए होंगी।
नेत्रहीन और आंशिक रुप से दृष्टि बाधित लोगों के लिए संचार माध्यम के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है। इस खास मौके पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य है ब्रेल के महत्व को साझा करना और इसे समर्थन करने के लिए समर्पित समूहों को एक साथ लाना।
लुई ब्रेल का जन्मदिन और विश्व ब्रेल दिवस
4 जनवरी ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल का जन्मदिन है, जिनका जन्म फ्रांस में 1809 में हुआ था। इस दिन को हर वर्ष विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय संयुक्त राष्ट्र ने किया है। इस दिन को मनाकर लोग लुई ब्रेल की महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हैं और ब्रेल के माध्यम से संवाद करने के महत्व को समझते हैं।
ब्रेल – एक अनूठी भाषा
ब्रेल कोई भाषा नहीं है, बल्कि यह एक कोड है जिसका उपयोग किसी भी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है। इस आदिकालीन और सुगम लिपि ने नेत्रहीन और दृष्टि बाधित व्यक्तियों को उनकी शिक्षा और समाचार साझा करने का एक नया तरीका प्रदान किया है। ब्रेल कई भाषाओं में उपलब्ध है, जैसे संस्कृत, अरबी, चीनी, हिब्रू, स्पेनिश व अन्य भाषाएं, जिससे इसका प्रयोग विशेषतः अंतरराष्ट्रीय संदर्भों में हो रहा है।
विश्व ब्रेल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रम
- NIEPMD मुट्टूकाडू द्वारा स्लोगन और पैम्पलेट प्रतियोगिता: इस आयोजन में NIEPMD मुट्टूकाडू बच्चों के बीच लुई ब्रेल के जीवन पर आधारित स्लोगन और पैम्पलेट प्रतियोगिता का आयोजन करेगा। साथ ही, इस संस्था द्वारा ब्रेल लेखन और पठन प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों के लिए मनोरंजक खेलों का भी आयोजन किया जाएगा।
- सीआरसी गोरखपुर की कला संस्था: विश्व ब्रेल दिवस के उपलक्ष्य में सीआरसी गोरखपुर द्वारा ब्रेल राइटिंग कॉम्पटीशन, भाषण नाटक, कविता व गीत प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
- सीआरसी नागपुर की Orientation Lecture और हिंदी ब्रेल लेखन प्रतियोगिता: सीआरसी नागपुर द्वारा विश्व ब्रेल दिवस के अवसर पर Orientation Lecture व हिंदी ब्रेल लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
- शांतिनिकेतन रत्नापैली बीरभूमि: इस संस्कृति भरे कार्यक्रम में बैनर डिस्ल प्ले, मुख्य अतिथि द्वारा कार्यक्रम का उद्घाटन, भाषण, दिशा सेंटर द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति, दिशा संस्थान के छात्रों द्वारा राइम गायन, नृत्य प्रस्तुति आदि किया जाएगा।
- सीआरसी लखनऊ के कार्यक्रम: हिंदी व अंग्रेजी में ब्रेल लेखन व पठन प्रतियोगिता, कविता पाठ प्रतियोगिता और ब्रेल शिक्षण के मॉडल्स के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इस विशेष मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से देशभर में ब्रेल के महत्व की ऊर्जा फैलेगी और लोग इस अनूठे संवाद माध्यम के महत्व को समझेंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को ब्रेल के साथ जुड़ाव बढ़ाने का भी एक अच्छा मौका मिलेगा, जिससे वे इस विशेष लिपि के प्रति अधिक उत्सुक होंगे।
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का समर्थन
इन सभी कार्यक्रमों का समर्थन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अधीन होगा। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सरकार ब्रेल को समर्थन देने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
इस साल के विश्व ब्रेल दिवस के मौके पर, हम सभी को इस महत्वपूर्ण दिन के अर्थ और महत्व को समझकर इसे याद करने और समर्थन करने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा। ब्रेल के माध्यम से हम अपनी साझा की गई सूचनाओं को बढ़ावा देने का निर्देश देते हैं और इसे समर्थन करके हम समृद्धि, शिक्षा, और सामाजिक समावेशन की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चलते हैं।
इस समाचार की जानकारी के स्रोत: PIB News
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सामान्य प्रश्न (FAQs) विश्व ब्रेल दिवस के बारे में
क्या है विश्व ब्रेल दिवस, और इसे क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: विश्व ब्रेल दिवस हर वर्ष 4 जनवरी को मनाया जाता है, जो नेत्रहीन और आंशिक रुप से दृष्टि बाधित लोगों के लिए संचार माध्यम के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए होता है। इसका मुख्य उद्देश्य लुई ब्रेल की जयंती पर ब्रेल के महत्व को समझाना और उसे समर्थन करने के लिए लोगों को प्रेरित करना है.
ब्रेल क्या है और इसका उपयोग किस तरह से होता है?
उत्तर: ब्रेल कोड एक ऐसा कोड है जिसका उपयोग किसी भी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है, और यह नेत्रहीन और आंशिक रुप से दृष्टि बाधित लोगों के लिए संचार का माध्यम बनाता है। ब्रेल कई भाषाओं में उपलब्ध है, जैसे संस्कृत, अरबी, चीनी, हिब्रू, स्पेनिश, आदि।
लुई ब्रेल कौन थे और उनका क्या योगदान रहा है?
उत्तर: लुई ब्रेल ब्रेल लिपि के आविष्कारक थे, और उनका जन्म 1809 में फ्रांस में हुआ था। उनका योगदान नेत्रहीन और दृष्टि बाधित लोगों के लिए संचार माध्यम के रूप में ब्रेल को स्थापित करने में था।
विश्व ब्रेल दिवस के मौके पर कौन-कौन से कार्यक्रम होंगे?
उत्तर: विश्व ब्रेल दिवस के अवसर पर NIEPMD मुट्टूकाडू, सीआरसी गोरखपुर, सीआरसी नागपुर, शांतिनिकेतन रत्नापैली, और सीआरसी लखनऊ द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का क्या समर्थन है?
उत्तर: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा विश्व ब्रेल दिवस के कार्यक्रमों का समर्थन किया जा रहा है, जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार ब्रेल के महत्व को समझने और समर्थन करने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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